5-6 कहानियां सुनीं पर हॉरर सब्जेक्ट ‘मैं दिया तैं मोर बाती’ पर फ़ैसला लिया-पवन तातेड़

मिसाल न्यूज़

प्रोड्यूसर पवन तातेड़ की छत्तीसगढी फ़िल्म ‘मैं दिया तैं मोर बाती’ का 4 मार्च को छत्तीसगढ़ के सिनेमाघरों में शानदार प्रदर्शन होने जा रहा है। पवन इससे पहले एक हिन्दी फ़िल्म प्रोड्यूस कर चुके हैं। पवन का कहना कि “हमेशा से मेरा कुछ डिफ्रेंट करने पर विश्वास रहा है, इसीलिए मैंने अपनी पहली छत्तीसगढ़ी फ़िल्म के लिए हॉरर-कॉमेडी जैसा सब्जेक्ट जिसमें प्रेम का तड़का है को चुना।”

‘मिसाल न्यूज़’ से ख़ास चर्चा के दौरान पवन तातेड़ ने बताया कि- “2015 की बात रही होगी। मेरे एक मित्र मुम्बई में रहते हैं। वह एक फ़िल्म बना रहे थे। उसका शूट मैंने नजदीक से देखा। ख़ासकर कैमरा कैसे कमाल करता है, कुछ कलाकार कैसे अपनी भूमिका में डूबकर काम करते हैं और मेकअप मेन का क्या जादू होता है, क़रीब से यह जानने और समझने का मौका मिला। 2017 में बतौर प्रोड्यूसर मेरी पहली हिन्दी फ़िल्म ‘कुटुम्ब द फैमिली’ आई। इसमें  राजपाल यादव एवं आलोक नाथ जैसे दिग्गज कलाकार थे। 2017 में क़रीब 150 सेंटर में यह फ़िल्म रिलीज़ हुई थी। इस हिन्दी फ़िल्म को करने के बाद मेरे भीतर से यही आवाज़ उठने लगी कि जिस छत्तीसगढ़ में रह रहा हूं, अपनी ही छत्तीसगढ़ी भाषा पर क्यों ना सिनेमा बनाया जाए? 2019 में हमने ‘ मैं दिया तैं मोर बाती’ बनाने का प्लान कर लिया। 4 अगस्त 2020 को इस फ़िल्म का मुहुरत हुआ। तीन महीने में 3 शेड्यूल हुए और फ़िल्म बनकर तैयार हो गई। कोरोना काल का जो समय रहा उस बीच हमने पोस्ट प्रोडक्शन का काम निपटाया।

‘मैं दिया तैं मोर बाती’ के पोस्टर को देखो तो लगता है यह कोई हॉरर मूवी है, यह जिक्र करने पर पवन तातेड़ कहते हैं- “जब तक यह दुनिया रहेगी, प्यार रहेगा। प्यार कभी नहीं मिटने वाला सब्जेक्ट है। डायरेक्टर अभिषेक सिंह ने 5 से 6 कहानी मुझे सुनाई थी। ‘मैं दिया तैं मोर बाती’ ही मुझे सबसे ज़्यादा पसंद आई। इस कहानी को सुनने पर लगा कि इसमें प्यार, हॉरर, सस्पेंस और कॉमेडी चारों ही है। छत्तीसगढ़ के लिए यह कुछ अलग हटकर रहेगा। यह हॉरर होते हुए भी एक पारिवारिक फ़िल्म है।” दिलेश साहू एवं अनिकृति चौहान इस फ़िल्म के लिए कैसे उपयुक्त लगे, पूछने पर पवन तातेड़ ने बताया- “अनिकृति छत्तीसगढ़ी सिनेमा की स्टार कलाकार हैं और दिलेश अपनी एक ख़ास पहचान बना चुके हैं। जब हमने पहली बार दोनों को कैमरे के सामने खड़ा किया तो यह जोड़ी एकदम करैक्ट लगी।  बाकी भूमिकाओं के लिए हमने रायपुर में क़रीब 400 लोगों का ऑडिशन लिया, जिसमें हमें कुछ बेहतरीन नये कलाकार मिले।”

‘मैं दिया तैं मोर बाती’ आपकी पहली छत्तीसगढ़ी फ़िल्म होने के साथ हॉरर है, इससे जुड़ा रहा कोई दिलचस्प अनुभव पूछने पर पवन बताते हैं- “धमतरी में एक पुरानी हवेली लक्ष्मी निवास है। देर रात जब डरावने दृश्यों का शूट चलता, तब मानो वहां का वातावरण भी दहशत वाला हो जाता था। विशेषकर अनिकृति ने अपनी आवाज़ में कुछ ऐसा प्रयोग किया जो शूट के समय पूरी टीम के बीच जबरदस्त भय पैदा करता था। हॉरर ही नहीं आपको इस फ़िल्म का गीत-संगीत भी प्रभावित करेगा। विशेषकर हरेली त्यौहार की महिमा वाला जो गीत है वह दर्शकों के अंतर्मन को छू जाएगा। संगीत पर गायक एवं संगीतकार सुनील सोनी ने काफी मेहनत की है।”

पवन आगे बताते हैं- “हमने ‘मैं दिया तैं मोर बाती’ को हिन्दी एवं भोजपुरी में भी तैयार किया है। आगे इन दोनों भाषाओं में भी यह फ़िल्म आपको देखने को मिलेगी। इसके अलावा हमारी एक और छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘दुल्हन उही जउन पिया मन भाए’ पूर्ण हो चुकी है। इसमें आपको मन कुरैशी एवं सोनाली सहारे जैसे सितारे नज़र आएंगे। इस फ़िल्म को शिवनरेश केशरवानी डायरेक्ट कर रहे हैं।”

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