0 आदिवासी दिवस पर अजय चंद्राकर
की टिप्पणी को लेकर हंगामा
मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र के आज छठवें एवं अंतिम दिन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस सरकार ने सदन एवं जनता के बीच अपना विश्वास खो दिया है। इसे बने रहने का कोई हक नहीं। अन्य विपक्षी भाजपा विधायकों ने भी सरकार पर आरोपों की बौछार लगा दी। वहीं सत्ता पक्ष के लोगों ने अपनी साढ़े तीन साल की उपलब्धियों को गिनाते हुए पूर्व रमन सरकार व केन्द्र की मोदी सरकार की खामियों को गिनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। ऐसा भी हुआ कि भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर की टिप्पणी को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
अविश्वास सरकार के ताबूत
में आखरी कील- बृजमोहन
एक शेर पढ़ते हुए भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत की। मंत्री कवासी लखमा ने टोकते हुए कहा कि ये क्या कवि सम्मेलन चल रहा है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हम जान रहे हैं कि हमारे अविश्वास प्रस्ताव का हश्र क्या होगा। हम यह भी जान रहे हैं कि यह अविश्वास प्रस्ताव सरकार के ताबूत की आखरी कील होगा। छत्तीसगढ़ में ऐसी सरकार है जिसमें आपस में लठ चल रही है। मंत्रियों को न तो मुख्यमंत्री पर विश्वास है न अधिकारियों पर। चाहकर भी किसी मंत्री को मंत्री मंडल से निकालते नहीं बन रहा है और वो मंत्री भी ऐसे हैं कि उनसे पद नहीं छूट रहा है। वह मंत्री स्वीकार कर रहे हैं कि हम गरीबों को एक भी घर नहीं दे पाए। सरकार का एक मंत्री अपने जिले के कलेक्टर को भ्रष्ट कहते रहा। सरकार ने क्या किया, उस अफसर को एक कमाई वाले जिले से हटाकर दूसरे कमाई वाले जिले में भेज दिया। एक विधायक यह कहने से नहीं चूके थानों में रेट लिस्ट टांग देनी चाहिए कि किन-किन धंधों का क्या रेट है। इस सरकार के एक संसदीय सचिव इतने असहाय हो गए कि उन्हें जुआं शराब के विरोध में चक्का जाम करना पड़ा। यह 18 लाख गरीब परिवारों के सिर से छत छिनने वाली सरकार है। जिस सरकार में मंत्रियों के निर्णयों की समीक्षा मुख्य सचिव करें वह कैसी सरकार होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यह सरकार पौने दो लाख करोड़ का कर्ज लेकर सबसे बड़ी कर्जदार बन गई है। बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस विधायक छन्नी साहू का उदाहरण देते हुए कहा कि इस सरकार में विधायक और उनके पति भी सूरक्षित नहीं हैं। बड़े बहूमत के साथ कांग्रेस सत्ता में आई लेकिन उसने जनता की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। रेत से तेल निकाला जा रहा है। अधिकारी क्या कर रहे हैं यह देखकर शर्म आती है। चिराग योजना को लेकर यही बड़ी उपलब्धि है कि इसमें अधिकारियों की पत्नियां नौकरी कर रही हैं। पिछले साढ़े तीन वर्षों में प्रदेश में आत्महत्या की बाढ़ आ गई। 792 किसानों एवं 9 हजार से अधिक युवाओं ने आत्महत्या की। किसानों से किए गए वायदे को सरकार पूरा कर नहीं पा रही। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अब प्रवासी मुख्यमंत्री हो गए हैं। कभी वे उत्तरप्रदेश में नज़र आते हैं तो कभी बिहार में, कभी गुजरात में नज़र आते हैं तो कभी हिमाचल में। राज्य की जनता ने उन्हें विशाल बहुमत के साथ सत्ता सौंपी है। वे क्या कभी अंतर्मन में झांककर देखे हैं कि उनके साथ न्याय कर पा रहे हैं या नहीं। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता कहते हैं कि छत्तीसगढ़ के हर जिले में फूड पार्क बन गया है। फूड पार्क में किसान टमाटर लेकर जाते हैं जहां उन्हें तूरंत पैसे मिल जाते हैं। हम लालटेन लेकर ढूंढ रहे हैं कि यह फूड पार्क कहां है। रेडी टू ईट फूड का काम छिनकर 20 हजार महिलाओं को बेरोजगार कर देने का काम इस सरकार ने किया है। जिस बोधघाट परियोजना को लेकर सरकार बड़ी-बड़ी बातें कर रही थी वह टॉय टॉय फिस्स हो गया। छत्तीसगढ़ जो कभी शांत कहलाता था अपराध का गढ़ बन गया। शिक्षा के लिए प्रदेश सरकार को केन्द्र से हर साल 10 हजार करोड़ मिल रहे हैं फिर भी छत्तीसगढ़ शिक्षा की रैकिंग में तीसवें नंबर पर है।
ऊपर से फटकार मिली तब यह
अविश्वास लेकर आए हैं- चौबे
संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा जनता से हमने जो वादे किए थे उस पर खरे उतरे। अभी कांग्रेस के 71 विधायक हैं। अगली बार 75 प्लस के साथ सरकार बनाएंगे। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से फटकार मिली तब यहां के नेता अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं। अविश्वास प्रस्ताव भी ऐसा जिसका कोई वजन नहीं है। जब छत्तीसगढ़ की सरकार ने किसानों को 2500 रुपये देने का फैसला किया तो केन्द्र सरकार का यह कहना रहा कि किसानों को समर्थन मूल्य से 1 रुपये भी ज्यादा नहीं मिलना चाहिए। लेकिन हमारे मुख्यमंत्री अड़े रहे कि किसानों को 2500 रुपये ही देकर रहेंगे। इस बार किसानों को 2640 रुपये मिलेगा। केन्द्र सरकार से हमें 30 हजार करोड़ लेना है लेकिन इसे वह नहीं दे रही है। लोकसभा में यहां के भाजपा नेता बैठे हैं वहां वे छत्तीसगढ़ के हितों की बातें क्यों नहीं करते। छत्तीसगढ़ की अस्मिता आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नीतियों के कारण पहचानी जा रही है। बोरे बासी तक का सम्मान हो रहा है। आज बड़े-बड़े आईएएस छत्तीसगढ़ी सीख रहे हैं।
36 में से पूरे हुए
30 वादे- मरकाम
अविश्वास प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष की ओर से चर्चा करते हुए विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि 15 सालों की भ्रष्ट सरकार को जनता ने उखाड़ फेंका और हम पर भरोसा जताया। विपक्ष के सारे आरोप बेबुनियाद हैं। विपक्षी आरोप लगा रहे हैं कि हमने जनता का भरोसा तोड़ा। सच्चाई यह है कि हम 36 चुनावी वादों को लेकर जनता के बीच गए थे। उनमें से 30 वादे पूरे हो चुके हैं। भाजपा ने यहां 15 साल राज किया। भाजपा के पिछले तीन चुनावों का संकल्प पत्र हमारे पास है। बेरोज़गारों को पाँच सौ रुपए भत्ता देने का भाजपा ने वादा किया था। हर आदिवासी परिवार को सरकारी नौकरी, लघु सीमांत किसानों की क़र्ज़ माफ़ी, पट्टा देने, किसानों को 24 घंटे बिजली, धान ख़रीदी में 300 रुपए बोनस, किसानों से एक एक दाने धान की खरीदी जैसे बड़े-बड़े वादे किए गए थे। इन वादों का क्या हुआ। मरकाम ने कहा कि 2013-14 में भाजपा की सम्पत्ति 700 करोड़ रुपए थी। 2014 के बाद से आज तक की स्थिति में भाजपा की सम्पत्ति 4 हज़ार करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इसे कहते हैं जनता बेहाल भाजपा मालामाल। भाजपा जब-तब सवाल खड़े करते रहती है कि सत्तर सालों में कांग्रेस ने क्या किया? सच यह है कि भाजपा ने अपनी सम्पत्ति बनाई और कांग्रेस ने परिसम्पत्तियां बनाई। कांग्रेस की बनाई संपत्ति बेचकर मोदी देश चला रहे हैं। ये विकास पुरुष नहीं, विनाश पुरुष हैं। मोदी कहते थे ना खाऊंगा ना खाने दूंगा। आज मोदी सरकार ग़रीबों का निवाला छिन रही है। मरकाम ने कहा कि यह नारा खूब चला था कि बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार। अब देश की जनता कह रही है कि बहुत हुई महंगाई की मार, अब बस करो मोदी सरकार। कच्चे तेल की क़ीमत कम है, उसके बाद भी पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमत शतक पार कर गई। उज्जवला योजना शुरू की गई थी। उस चक्कर में तीन करोड़ लोगों ने दोबारा सिलेंडर नहीं भरवाया। एक कनवा बाबा थे जो कहा करते थे कि मोदी सरकार आएगी तब पेट्रोल तीस रुपए का हो जाएगा। आज उस बाबा की संपत्ति तीस हज़ार करोड़ की हो गई है। भाजपा और आरएसएस सिर्फ देश को बाँटने और तोड़ने का काम करती रही है। मरकाम ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ मॉडल की पूरे देश में चर्चा होती है। कोरोना काल में बनाई हमारी नीति की वजह से जनता की जेब में पैसा गया। तीन सालों में राज्य में 76 हज़ार ट्रैक्टर ख़रीदे गए। देश में बेरोज़गारी दर आठ फ़ीसदी से अधिक है लेकिन छत्तीसगढ़ में 0.6 फ़ीसदी है। मरकाम ने कहा कि भाजपा के लोगों ने देश के विकास में एक ऊंगली नहीं कटाई और ये हमें राष्ट्रवाद की परिभाषा सिखाते हैं। संघ मुख्यालय में तीन युवाओं के तिरंगा फहराने पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। यही इनका करैक्टर है। क्या कभी आरएसएस के कर्ता-धर्ताओं ने शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी। चुनी हुई सरकारों को अपदस्थ करने में भाजपा को महारथ हासिल है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गोवा एवं कर्नाटक की सरकारों को अपदस्थ करने का काम भाजपा ने किया। केन्द्र सरकार जिस तरह ईडी का लगातार दुरुपयोग कर रही है उसे देखते हुए अब ईडी का फूल फ़ॉर्म इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट रख देना चाहिए।
बोलने की समय सीमा
को लेकर तीखी बहस
अविश्वास प्रस्ताव पर जब बृजमोहन अग्रवाल बोल रहे थे बीच में मंत्री शिव कुमार डहरिया ने समय सीमा का हवाला देते हुए कहा कि भाषण लंबा हो रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा कि समय सीमा का ध्यान रखते अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी बात कही जानी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जिस तरह सत्ता पक्ष की तरफ से टोकाटाकी हो रही है उससे तो यही लगता है कि ये लोग चर्चा से घबरा रहे हैं। अग्रवाल ने कहा कि इतना ही है तो बता दें बीच में ही बोलना रोक देता हूं। उन्होंने कहा कि मैं छह बार का विधायक हूं। 33 सालों में 10 बार अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा सुनी। पहली बार देखने में आ रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराने से रोका जा रहा है। इस सदन में बैठे ननकीराम कंवर उस समय के विधायक हैं जब यहां मंत्री बने हुए कुछ लोग पैदा भी नहीं हुए रहे होंगे। उन्हें तक बोलने से रोका जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अच्छी बैटिंग करिये ताकि आपको कोई कैच नहीं कर पाए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा मुझे कैच करना इतना आसान नहीं।
आदिवासी दिवस छुट्टी पर अजय
चंद्राकर की टिप्पणी को लेकर हंगामा
आदिवासी दिवस पर छुट्टी दिए जाने के निर्णय पर जब भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने प्रश्न चिन्ह लगा दिया सत्ता पक्ष के आदिवासी विधायकों ने हंगामा खड़ा कर दिया। आदिवासी विधायकों ने कहा कि चंद्राकर अपने कहे के लिए माफी मांगें। चंद्राकर को कहना पड़ा कि मेरे कहने से किसी को ठेस पहुंची हो तो माफी मांगता हूं। इस पर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच बहस लंबी खींचती चले जाने के कारण सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अजय चंद्राकर कह गए कि विश्व आदिवासी दिवस पर दी गई छुट्टी सिवाय राजनीति के कुछ नहीं। इस पर मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि सदन में 90 में से 29 विधायक आदिवासी वर्ग से आते हैं। चंद्राकर आदिवासियों का अपमान कर रहे हैं। मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि चंद्राकर हमेशा आदिवासियों का उपहास करते रहते हैं। आदिवासी मंत्री को आइटम गर्ल तक कह देते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे जब छत्तीसगढ़ की संस्कृति पर अपनी बात रख रहे थे ऐसे समय में आदिवासी दिवस पर छुट्टी को लेकर अजय चंद्राकर की इस तरह की बात आना आपत्तिजनक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अजय चंद्राकर को जब भी मौक़ा मिलता है कुछ ऐसा वैसा कह जाते हैं। इससे पहले उन्होंने आईटम गर्ल कहा था। फिर उन्होंने मंत्रिमंडल के सदस्यों को चियर गर्ल्स कहा। ये उचित नहीं है। अजय चंद्राकर ने कहा कि मैंने चार बार ये मांग की थी कि सदन में कौन से शब्द असंसदीय हैं या नहीं ये बता दीजिए। आसंदी से मुझे जो भी निर्देश होगा स्वीकार्य है। मेरे द्वारा कही गई किसी बात से किसी को ठेस पहुँची हो तो माफ़ी मांगता हूं।