मिसाल न्यूज़
छत्तीसगढ़ी सिनेमा में रजनीश झांझी की गिनती सीनियर कलाकारों में होती है। रजनीश अच्छे इंसान और ख़लनायक दोनों तरह के किरदार निभाते आए हैं। वे कभी किसी छवि में बंध कर नहीं रहे। 4 मार्च को छत्तीसगढ़ के सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में रिलीज़ होने जा रही फ़िल्म ‘मैं दिया तैं मोर बाती’ में वे तंत्र मंंत्र करने वाले अघोरी बाबा की भूमिका में नज़र आएंगे। अघोरी बाबा नायिका अनिकृति चौहान को ख़तरनाक शक्तियों से बचाता है।
‘मिसाल न्यूज़’ से बातचीत के दौरान रजनीश झांझी ने बताया- “डायरेक्टर अभिषेक सिंह से मेरी अच्छी ट्यूनिंग रही है। ‘मैं दिया तैं मोर बाती’ से पहले मैं उनकी एक और छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘दबंंग दरोगा’ कर चुका हूं। ‘मैं दिया तैं मोर बाती’ के अघोरी के लिए मुझे काफ़ी तैयारी करनी पड़ी। शिव तांडव वाला दृश्य सबसे ज़्यादा कठिन था जो मेरे और हीरो दिलेश साहू पर फ़िल्माया गया है। भारी वातावरण में रात भर इस गाने का शूट चला। छत्तीसगढ़ी में ज़्यादातर प्रेम कहानियां और फैमिली ड्रामा देखने को मिलते रहा है। ‘मैं दिया तैं मोर बाती’ हॉरर के साथ प्रेम कहानी और फैमिली ड्रामा भी है। ऐसे सब्जेक्ट पर फ़िल्म बनाना प्रोड्यूसर पवन तातेड़ जी का साहसिक कदम माना जा सकता है।
सन् 2001 से आप छत्तीसगढ़ी सिनेमा से जुड़े हुए हैं, इतने सालों में आपने कौन सा ख़ास बदलाव देखा, इस सवाल पर रजनीश कहते हैं- “पहले शूटिंग से लेकर पोस्ट प्रोडक्शन तक सारे कामों के लिए मुम्बई या अन्य प्रदेशों पर निर्भर रहना पड़ता था। अब तकनीकी रूप से छत्तीसगढ़ इतना समृद्ध हो चुका है कि कहीं और जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। कलाकारों की बात करें तो अब दूसरी-तीसरी पीढ़ी तक आ चुकी है। ख़ुद मेरा बेटा लक्षित झांझी बतौर हीरो ‘संजू की दुल्हनिया’ से लॉच हो रहा है। दिलचस्प संयोग है कि इस फ़िल्म में मुझे लक्षित के ही पिता की भूमिका निभाने का मौका मिला है।
‘मैं दिया तैं मोर बाती’ के अलावा रजनीश की आने वाली फ़िल्में ‘इस्क म रिस्क हे’, ‘चल हट कोनो देख लिही’ एवं ‘अतरंगी’ हैं।