मिसाल न्यूज़
रायपुर। भाजपा प्रदेश महामंत्री ओ.पी. चौधरी ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था को मुख्यमंत्री ठीक तो नहीं कर सके, लेकिन शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में लेन-देन का खेल जरूर हो गया। इसे शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी स्वीकारा है। भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी हो गई हैं कि उसका प्रभाव अब छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था पर भी दिखने लगा है। प्रदेश में सेटिंग एवं एटीएम की सरकार है।
एकात्म परिसर में आज प्रेस वार्ता में ओ.पी. चौधरी ने कहा कि पहले सहायक शिक्षक से प्राइमरी स्कूल के हेड मास्टर की पदोन्नति की व्यवस्था थी जिसमें 15 हजार पदों के लिए पदोन्नति की गई जो सहायक शिक्षक से प्राइमरी स्कूल के हेड मास्टर बने। पदोन्नति होने के बाद पद स्थापना के लिए काउंसलिंग का आयोजन ही नहीं किया गया। जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तब सभी पद काउंसलिंग के आधार पर दिया जाता था। काउंसलिंग एक पारदर्शी व्यवस्था है। सहायक शिक्षक से शिक्षक एवं शिक्षक से मिडिल स्कूल के शिक्षकों के 12 हजार पदों के लिए काउंसलिंग तो की गई लेकिन पदस्थापना भारी मात्रा में पैसा लेकर की गई। शिक्षा व्यवस्था को समाज का दीपक माना जाता है, जिसमें भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार किया है। चौधरी ने कहा कि कांग्रेसी नेताओं के समर्थन से चल रहे शिक्षक तबादला घोटाले में जिस प्रकार की खबरें जनता के बीच आई हैं, वह कांग्रेस की भ्रष्टाचारी मानसिकता का पुख्ता प्रमाण है। जॉइंट डायरेक्टर द्वारा 778 शिक्षकों के ट्रांसफर आदेश संशोधित किए गए थे, जिसमें लाखों रुपए का लेनदेन हर शिक्षक से किया गया। कांग्रेस जवाब दे इस घोटाले के पीछे किसका हाथ है? पैसों का लेन-देन कर बिलासपुर के शिक्षकों को रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और मरवाही जिले के स्कूलों में ट्रांसफर कर दिया गया था और दूसरे जिलों के शिक्षकों को बिलासपुर ट्रांसफर कर दिया गया था। पैसे लेकर शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया में हो रही अनियमितता की शिकायत तो खुद कई कांग्रेस के नेताओं ने भी की है।
चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री इन सवालों का जवाब दें- आखिर हाईकोर्ट को शिक्षकों का तबादला आदेश क्यों निरस्त करना पड़ा? 15 हजार शिक्षकों के प्राइमरी स्कूल हेड मास्टर में प्रमोशन के बाद पदस्थापना में काउंसलिंग क्यों नहीं की गई? 12 हजार शिक्षकों के प्रमोशन के बाद पदस्थापना में भारी पैसा लेकर संशोधन क्यों किया गया? आखिर इस भ्रष्टाचार के पीछे के मूल सरगना कांग्रेसियों पर कार्यवाही कब की जायेगी? अधिकारियों पर कार्यवाही करके मोहरों को कब तक प्रताड़ित करेंगे? मुख्यमंत्री असली चेहरों को सामने लाने के लिए न्यायिक जांच आयोग के गठन का साहस कब जुटा पायेंगे?
प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी मौजूद थे।