मिसाल न्यूज़
रायपुर। बस्तर विधानसभा क्षेत्र की स्कूलों में हाजिरी के लिए घटिया बायोमेट्रिक टैबलेट्स सप्लाई कर देने का मामला वहां के विधायक लखेश्वर बघेल ने उठाया। स्वयं स्कूली शिक्षा मंत्री लखेश्वर बघेल ने स्वीकार किया किया कि सारे के सारे टैबलेट्स खराब हो चुके हैं और इनकी मरम्मत भी नहीं हो सकती। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इसे गंभीरता से लेते हुए विधानसभा की समिति से इसकी जांच कराए जाने की घोषणा की।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल का सवाल था कि बस्तर विधानसभा क्षेत्र में कितनी शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेंकेंडरी स्कूलों को हाजरी के लिए बायोमैट्रिक टैबलेट्स प्रदान किया गया था? इसके लिए किस वर्ष में कितनी राशि खर्च की गई? प्रदान किए गए टैबलेट्स की वर्तमान में स्थिति क्या है? क्या खराब पड़े टैबलेट्स के सुधार की कोई व्यवस्था है?
स्कूली शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम की ओर से जवाब आया कि बस्तर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 411 शासकीय प्राथमिक शाला, 181 पूर्व माध्यमिक शाला, 25 हाई स्कूल एवं 26 हायर सेकेंडरी स्कूलों में बायोमैट्रिक टैबलेट प्रदान किया गया। इस हेतु वर्ष 2017-18 में 11 लाख, 2018-19 में 61 लाख, 2019-20 में 19 लाख, 2020-21 में 41 लाख एवं वर्ष 2021-22 में 9 लाख व्यय किए गए। वर्तमान में 7 टैबलेट्स उयोगी एवं 636 टैबलेट्स अनुपयोगी हैं। खराब टैबलेट्स का सुधार शाला अनुदान निधि से किया जा सकता है।
लखेश्वर बघेल ने कहा कि टैबलेट्स के अनुपयोगी होने के बाद भी करोड़ों का भुगतान हुआ है। भुगतान की राशि क्या है? मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि 1 टैबलेट्स की कीमत 11 हजार 682 रुपये थी। करीब 1 करोड़ 41 लाख का भुगतान हुआ। जो टैबलेट्स खराब हुए हैं वह रिपेयर करने लायक नहीं हैं। यह चीज ही ऐसी है कि खराब हो जाए तो बनती नहीं। दो पारियों में इसका टेंडर कराया गया था। नोएडा की किसी एजेन्सी से इसे खरीदा गया था। यह सुनने के बाद स्वयं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को कहना पड़ा कि यह बच्चों के साथ धोखा है। जिम्मेदार एजेन्सी को ब्लेक लिस्टेड करें।
लखेश्वर बघेल ने कहा कि मंत्री बता रहे हैं कि 7 टैबलेट्स ठीक हैं जबकि सच्चाई यह है कि वह सातों भी ठीक नहीं हैं। टैबलेट्स की खरीदी में भंडार क्रय नियम का भी पालन नहीं हुआ। इस संबंध में विधानसभा की समिति से क्या जांच कराएंगे? प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि परिस्थितियां जांच कराने के लायक हैं। एक भी टैबलेट्स ऐसा नहीं है जिसकी मरम्मत हो सके। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इसे स्वतः गंभीरता से लेते हुए विधानसभा की कमेटी से जांच कराने की घोषणा की।