मिसाल न्यूज़
रायपुर। महासमुन्द जिले से मजदूरों के होने वाले पलायन का मुद्दा आज विधानसभा में उठा। कांग्रेस विधायक धनेन्द्र साहू ने आरोप लगाया कि पुलिस एवं राजस्व विभाग के प्रश्रय से पलायन होते रहा है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि पलायन छत्तीसगढ़ के माथे पर कलंक है। इसे रोकने सरकार कार्य योजना बनाए।
प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक धनेन्द्र साहू का सवाल था कि महासमुन्द जिले के कितने गांवों से कितनी संख्या में कितने मजदूरों ने सन् 2021 से 15 फरवरी 2022 के बीच की स्थिति में पलायन किया? प्रशासन ने पलायन को रोकने क्या कार्यवाही की? नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया की तरफ से जवाब आया कि उस अवधि में महासमुन्द जिले के 551 गांवों से 30 हजार 9 मजदूर मजदूरी करने अन्य प्रांतों में पलायन किए। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुन्द से प्राप्त जानकारी के अनुसार महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021 से 15 फरवरी 2022 तक की स्थिति में कुल 25 हजार 547 मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। इनके बीच 10819.88 लाख रुपये मजदूरी का भुगतान किया गया। धनेन्द्र साहू ने कहा कि आधे मजदूर पंजीकृत होते हैं आधे नहीं। वास्तविक आंकड़े कितने हैं इसकी जांच कराएंगे क्या? डहरिया ने कहा कि थानों एवं नगरीय निकायों के माध्यम से मजदूरों की जानकारी मंगाई जाती है। धनेन्द्र साहू ने आरोप लगाया कि महासमुन्द जिले में पलायन करवाने वाला माफिया सक्रिय है। ऐसे लोगों को पुलिस प्रशासन एवं राजस्व विभाग का प्रश्रय मिला हुआ है। कोरोना काल में साढ़े पांच लाख से अधिक श्रमिक दूसरे प्रांतों से यहां लौटे। नरेगा के तहत ढाई लाख मजदूरों को करीब 108 करोड़ दिए गए। नरेगा में 193 रुपये रोज की दर से केवल 22 दिन का ही काम था। रोजगार के लिए अन्य ऐसे कौन से उपाय करेंगे जिससे पलायन रुक सके? बिना पंजीयन वाल मजदूरों को माफिया दूसरे प्रदेशों में ले जाते हैं। पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करती। पलायन रोकने क्या विशेषज्ञता के हिसाब से काम तय करेंगे जैसा कि ईंट निर्माण? डहरिया ने कहा कि जो जिस काम में माहिर है उसके लिए वैसी संभावनाएं तलाशी जाती हैं। स्किल मेपिंग के निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाते हैं। छोटे-बड़े उद्योगों में उन्हें नियोजित किया जाता है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि पलायन छत्तीसगढ़ के माथे पर कलंक है। महासमुन्द के अलावा मुंगेली, बिलासपुर, जांजगीर एवं रायगढ़ से बड़ी संख्या में पलायन होता है। पलायन को रोकने बड़ी कार्य योजना तैयार करें।