खलनायक मनमोहन ठाकुर की ‘दुल्हा राजा’ से धमाकेदार वापसी… विलेन बोलें तो बाली सिंह…

मिसाल न्यूज़

छत्तीसगढ़ी सिनेमा के जाने-माने खलनायक मनमोहन ठाकुर की ज़माने बाद खलनायकी में वापसी हो रही है। वे ‘दुल्हा राजा’ में एक खतरनाक आदमी के किरदार में दिखेंगे। ‘दुल्हा राजा’ का प्रदर्शन 26 जनवरी को सिंगल स्क्रीन एवं मल्टीप्लेक्स में होने जा रहा है। मनमोहन ठाकुर कहते हैं- “दुल्हा राजा में मेरे 5 सीन हैं, जो कि 50 सीन के बराबर हैं। विलेन बोलें तो बाली सिंह।“

हाल ही में मनमोहन ठाकुर से ‘मिसाल न्यूज़’ की बातचीत हुई, जिसके मुख्य अंश यहां प्रस्तुत हैं-

0 कि लंबे समय बाद आपकी ‘दुल्हा राजा’ से नेगेटिव रोल में धमाकेदार वापसी हो रही है… खलनायकी में लौटने में लंबा वक़्त क्यों लगा…

00 ये सच है कि एक समय में मैं लगातार नेगेटिव किरदार करते रहा था। एक बड़ा जम्प लेना चाहता था, इसलिए एक समय में तय किया था कि बस अब खलनायकी बहुत हुई, आगे हीरो का किरदार करना है। खलनायकी के प्रस्ताव लगातार आते रहे थे, जिन्हें मैं छोड़ते चला जा रहा था। ‘किरिया’, ‘माटी मोर मितान’, ‘बेर्रा’ एवं ‘दहाड़’ में मैं हीरो की भूमिका में आया। इन फ़िल्मों को जैसी सफलता मिलनी थी नहीं मिल पाई। इसी साल भाई राज वर्मा की तरफ से ‘दुल्हा राजा’ के लिए खलनायकी का प्रस्ताव आया। कहानी सुनने में रोल अच्छा लगा और इसे करने मैं सहर्ष तैयार हो गया।

0 ‘दुल्हा राजा’ में किरदार किस तरह का है…

00 नाम है बाली सिंह, जो कि खदान माफ़िया है। पूरी फ़िल्म में अकेला विलेन। बाली सिंह के कुल 5 सीन हैं लेकिन वो 50 सीन के बराबर हैं। विलेन बोलें तो बाली सिंह।

0 ‘दुल्हा राजा’ के राइटर, प्रोड्यूसर, डायरेक्टर व हीरो राज वर्मा हैं। उनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा…

00 राज वर्मा का हर काम आइने की तरह साफ है। फ़िल्म की कहानी को लेकर जब हमारी पहली सिटिंग हुई, उन्होंने 4 घंटे तक नरेट किया। फ़िल्म जब फ्लोर पर आई तो एक बार भी ऐसा नहीं लगा कि किसी बात को लेकर वे कहीं कन्फ्यूज़ हैं। अपने लाइफ का सबसे ज़्यादा पेमेंट मुझे राज वर्मा की इस फ़िल्म में मिला है।

0 शूट के दौरान का कोई ख़ास अनुभव…

00 शूट के दौरान कहीं किसी तरह का कोई तनाव नहीं था। किसी तरह का प्रेशर नहीं होने के कारण हर आर्टिस्ट ने अपना सौ फीसदी रिज़ल्ट दिया। राज भाई ने इस फ़िल्म के लिए हाई क्लास कैमरे का इस्तेमाल किया। कैमरा डीओपी तोरण राजपूत संभाले हुए थे, जो कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा में बड़ा नाम हैं।

0 ‘दुल्हा राजा’ टाइटल सुनने में आपको कैसा फील होता है…

00 जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हो जाता है कि पारिवारिक फ़िल्म होगी। प्यार-मोहब्बत है तो जबरदस्त इमोशंस भी है। पैसा वसूल वाला सारा मटेरियल इस फ़िल्म में है। इसके तीन गाने- “छोटे-छोटे कपड़ा…,” “मेंहदी रचा ले…” एवं “बोलहूं तो मिर्ची लगही…” पहले ही हिट हो चुके हैं।

0 ‘दुल्हा राजा’ की सफलता को लेकर आप खुद कितने आशान्वित हैं…

00 पिछले 5 साल छॉलीवुड में रोमांटिक फ़िल्मों का ओव्हर डोज़ चला है। इस बीच एक ऐसी फ़िल्म आ रही है जिसे पूरे परिवार के साथ बैठकर देख सकते हैं। ट्रेलर को काफ़ी अच्छा रिस्पॉस मिला। ट्रेलर में मेरी एक झलक पाकर लोग एक्साइटेड हो रहे हैं। कामना कर रहा हूं कि थियेटर में भी यही बात दिखे। मुझे पता नहीं था गायक एवं संगीतकार सुनील सोनी के पास इतना भंडार है। उसने ‘दुल्हा राजा’ में अलग-अलग तरह के गाने दिए हैं।

राज वर्मा और मनमोहन ठाकुर

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