कारवां (14 अप्रैल 2024) ● मोदी और राहुल ने नक्सली समस्या पर कहने से किया परहेज़…● एक ही झटके में भारत कैसे होगा ग़रीबी से मुक्त… ● पूजा पाठ के खिलाफ़ नक्सली… ● हाट बाज़ार टूटेगा बनेगा एकता मॉल… ●रिवर व्यू में लड़कियों के बीच गैंगवार…

■अनिरुद्ध दुबे

बस्तर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं पूर्व कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की एक-एक चुनावी सभा हो चुकी। दोनों ही नेताओं ने बस्तर में नासूर बन चुकी नक्सली समस्या पर कुछ भी कहने से परहेज़ किया। कोई ये कहे कि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर केन्द्रित है तो क्या नक्सली समस्या राष्ट्रीय समस्या नहीं? वैसे माना यही जा रहा है कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह नक्सली समस्या को लेकर बेहद गंभीर हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले शाह ने जब बस्तर में चुनावी सभा ली थी तो कहा था “छत्तीसगढ़ और केन्द्र में भाजपा की सरकार बनवाइये। डबल इंजन वाली सरकार नक्सली समस्या का समाधान निकालेगी।“ हाल ही में नक्सलवाद के समाधान के लिए राजधानी रायपुर में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला एवं आई.बी. (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के प्रमुख तपन कुमार डेका शामिल हुए। बैठक में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अफ़सर तो थे ही, साथ ही ओड़िशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश एवं महाराष्ट्र के बड़े पुलिस अफ़सर ऑन लाइन जुड़े। इधर,  मानपुर थाना (राजनांदगांव) पुलिस ने नक्सली संगठन से जुड़े एक कूरियर ब्वॉय को गिरफ्तार किया है। कड़ाई से पूछताछ करने पर कूरियर ब्वॉय ने पुलिस को बताया कि नक्सली नेता विजय रेड्डी ने उसे 2 लाख रुपये और एक मेमोरी कार्ड देकर रायपुर पहुंचने कहा था। कुरियर ब्वॉय ने रायपुर के पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के सामने किसी व्यक्ति को रुपये व मेमोरी कार्ड दिया। इसके बाद उस व्यक्ति ने जो बंद लिफाफा दिया उसे वह विजय रेड्डी तक पहुंचाया। इस काम के लिए उसे 5 हज़ार रुपये मिले। इससे यह साबित होता है कि राजधानी रायपुर तक नक्सलियों का तगड़ा नेटवर्क बना हुआ है।

एक ही झटके में भारत

कैसे होगा ग़रीबी से मुक्त

शनिवार को बस्तर की चुनावी सभा में राहुल गांधी ने कहा कि “केन्द्र में हमारी सरकार बनी तो ग़रीब परिवार की एक महिला के खाते में हर महीने 8 हज़ार 500 रुपये डाला जाएगा। यह राशि साल में एक लाख रुपये होगी। ऐसा करने से एक झटके में ही हिन्दुस्तान से ग़रीबी को मिटा देंगे। यह राशि उस समय तक दी जाती रहेगी जब तक की आप ग़रीबी से बाहर न आ जाएं।“ इससे पहले राहुल ने गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर की चुनावी सभा में भी यही बात कही थी। राहुल गांधी ने एक झटके में ग़रीबी मिटाने का जो यह फार्मूला लाया है उसे बड़े-बड़े अर्थशास्त्री समझने में लगे हुए हैं। राहुल के इस फार्मूले को छत्तीसगढ़ सरकार के शिक्षा, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल भी समझने में लगे हुए हैं। हाल ही में बृजमोहन अग्रवाल ने जब प्रेस कांफ्रेंस ली तो कांग्रेस की 1 लाख साल में देने वाली घोषणा पर मीडिया वालों की तरफ से सवाल उभरा जिस पर उन्होंने कहा कि “जो आप समझने की कोशिश कर रहे हैं वही समझने की कोशिश मैं भी कर रहा हूं। केन्द्र सरकार का बजट ही 44 लाख करोड़ का है। ऐसे में 1 लाख हर साल देने की घोषणा कौन से गहन अध्ययन कर लेने के बाद की गई इसे समझने की ज़रूरत है।“

पूजा पाठ के

खिलाफ़ नक्सली

हाल ही में नई जानकारी यह सामने आई है कि नक्सली भगवान की पूजा-पाठ के भी खिलाफ़ हैं। सुकमा जिले के चिंतलनार थाना क्षेत्र के केरलापेंदा में भगवान श्रीराम मंदिर के दरवाज़े 21 साल से बंद थे। 1970 में इस मंदिर की स्थापना के बाद से पूरा गांव भक्तिमय हो गया था। यहां तक कि ग्रामीणों ने मांस एवं शराब का सेवन तक बंद कर दिया था। पता नहीं नक्सलियों को क्या सूझी सन् 2003 में मंदिर को बंद करवा दिया। पास के ही लखापाल क्षेत्र में सूरक्षा बल का कैंप खुलने के बाद जवानों ने केरलापेंदा के इस मंदिर के दरवाज़े खुलवाए। उल्लेखनीय है बस्तर के ढोलकाल में पहाड़ के ऊपर विराजित अति प्राचीन गणेश प्रतिमा जनवरी 2017 में खंडित कर खाई में फेंक देने का मामला प्रकाश में आया था। इस घटना को किसने अंजाम दिया इसका कोई प्रमाण नहीं मिला लेकिन बताने वालों ने इसके पीछे नक्सलियों का हाथ होना बताया था। तब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी। बस्तर के कांग्रेस विधायकों ने इस मामले को विधानसभा में उठाया था। बाद में पुरातत्व विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से खंडित प्रतिमा के टूकड़ों को एकत्र किया। कुशल मूर्तिकारों की मदद से टुकड़ों को जोड़कर प्रतिमा को पुराने स्वरूप में लाया गया और उसे वापस पहाड़ की ऊंचाई वाली जगह पर विराजित किया गया।

हाट बाज़ार टूटेगा

बनेगा एकता मॉल

ख़बर यह है कि लोकसभा चुनाव के बाद  राजधानी रायपुर के पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट बाज़ार को तोड़कर वहां पीएम एकता मॉल का निर्माण कराया जाएगा। यह आइडिया गुजरात से मिला है। निर्माणकर्ता एजेन्सी आरडीए (रायपुर विकास प्रधिकरण) होगी। इस मॉल में देश के सभी राज्यों की एक-एक दुकानें खोली जाएंगी, जहां हस्त शिल्प कला से जुड़ी चीजें उपलब्ध होंगी। हस्त शिल्प कला से जुड़ी वस्तुओं के शौकीन लोग यहां वाज़िब दाम में अलग-अलग राज्यों की चीज़ें ख़रीद सकेंगे। एकता मॉल छह फ्लोर का होगा। यहां 200 सीट वाला एक मिनी ऑडिटोरियम भी बनाया जाएगा, जहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हो सकेगी। एकता मॉल का आइडिया क़रीब 10 माह पहले गुजरात के कांवड़िया में हुई बैठक में मिला था। इसमें देश भर की सरकारी संस्थाओं से जुड़े लोगों को बुलाया गया था। छत्तीसगढ़ से रायपुर विकास प्राधिकरण के अफ़सर बैठक में शामिल हुए थे। जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और आरडीए में कांग्रेस से जुड़े लोग पदाधिकारी थे तब आरडीए संचालक मंडल की बैठक में एकता मॉल का प्रस्ताव तत्कालीन आरडीए सीईओ धर्मेश साहू ने लाया था। बैठक में मौजूद एक बड़े पदाधिकारी ने इस प्रस्ताव को किनारे लगवा दिया था। भाजपा की सरकार आने के बाद नया रायपुर में बैठे एक मंत्री तथा कुछ अफ़सरों ने एकता मॉल की महत्ता को समझा। नया रायपुर से आरडीए संदेश आया कि लोकसभा चुनाव संपन्न होते ही एकता मॉल की योजना को मूर्त रूप देने में जुट जाएं।

रिवर व्यू में लड़कियों

के बीच गैंगवार

बिलासपुर में चुनावी शोर के बीच वहां पिछले दिनों लड़कियों के बीच हुए गैंगवार की भी बड़ी चर्चा है। बताते हैं बिलासपुर के रिवर व्यू में लड़कियों का दो अलग-अलग गुट सैर सपाटा करने पहुंचा हुआ था। ब्वाय फ्रेंड को मैसेज भेजने के नाम पर झगड़ा शुरु हुआ जो गाली-गलौच और लात घूसे तक पहुंच गया। बताते हैं एक लड़की तो चाकू निकाल ली थी। कुछ लोग जो रिवर व्यू तफरीह करने पहुंचे हुए थे उन्होंने इस लड़ाई झगड़े का वीडियो बना लिया जो कि जमकर वायरल हुआ। इस पूरे मामले में एक लड़की के खिलाफ़ थाने में मामला दर्ज़ हुआ है। अभी तक लड़कियों के बीच गाली-गलौच एवं लात घूंसे चलने की घटनाएं राजधानी रायपुर में होती रही थीं। रायपुर के वीआईपी रोड एवं एयरपोर्ट में लड़कियों की गैंग के बीच टकराने के प्रकरण पूर्व में सामने आ चुके हैं। अब न्यायाधानी बिलासपुर के साथ भी लड़कियों के बीच गैंगवार जैसी घटना जुड़ गई।

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