मिसाल न्यूज़
रायपुर। कांग्रेस के मीडिया एवं पब्लिसिटी विभाग के राष्ट्रीय चेयरमेन तथा कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य पवन खेड़ा ने कहा कि दो चरणों का मतदान हो जाने के बाद 400 पार का नारा लगाने वाले भाजपा नेताओं के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी हैं। जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ा जाना चाहिए उन्हें छोड़कर भाजपा विरासत, मंगलसूत्र एवं मुसलमान में उलझ गई है। मोदी सरकार ने दस साल में जो कुछ भी किया उसका रिपोर्ट कार्ड क्यों सामने नहीं लाते। युवा और किसान आत्महत्या करते रहे इसकी चिंता इन लोगों ने कभी नहीं की। जब 272 में सरकार बना सकते हैं तो क्यों ये 400 पार की बात कर रहे हैं। क्या इसलिए कि 400 से कम में ये संविधान नहीं बदल पाएंगे।
राजीव भवन में आज पत्रकार वार्ता में पवन खेड़ा ने कहा कि मैं रायपुर ट्रेन से आना चाहता था। मैंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को बताया। उन्होंने कहा ट्रेन से आयेंगे तो चुनाव के बाद रायपुर पहुंचेंगे। आप मालगाड़ी में आयेंगे तो भले समय से पहुंच जाएं। यह हाल है देश में ट्रेनों का। इस देश का वोटर चुनाव लड़ रहा है। उन्हें लगता है कि कांग्रेस पार्टी उनकी जिंदगी से जुड़े हुए मुद्दे उठा रही है। नौकरियों, किसानों, आरक्षण, संविधान, महिला सुरक्षा एवं आदिवासियों से जुड़े मुद्दे उठा रही है। कांग्रेस स्वास्थ्य एवं शिक्षा की बात कर रही है। पेपर लीक की बात कर रही है। भाजपा के लोग मंगलसूत्र, मछली, मीट, मुसलमान जैसे मुद्दों पर बात कर रहे हैं। 10 साल आप सरकार में रहे कहां है आपका रिपोर्ट कार्ड? बताइए 10 साल में आपने क्या किया? दस साल में बेरोजगारी का पैंतालीस साल का रिकॉर्ड क्यों टूटा? दस साल में लघु और मध्यम उद्योग तबाह क्यों हुए? आदिवासियों एवं दलितों के साथ अत्याचार क्यों हुआ? भाजपा के लोग महिला सम्मान की केवल बातें करते हैं। हकीकत यह है कि हर एक घंटे में चार महिलाओं से बलात्कार हो रहा है। हर एक घंटे में दो नौजवान इस देश में आत्महत्या करने मजबूर है।
खेड़ा ने कहा कि मोदी राज में हर एक दिन में तीस किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कोई और प्रधानमंत्री होता तो प्रचार करने से पहले सोचता कि मैं आँखें कैसे मिलाऊंगा, अपने लोगों के सामने कैसे जाऊंगा? मैं अभी रायपुर की दीवारों पे देख रहा था लिखा हुआ था चार सौ पार। चार सौ इन्हें इसलिए चाहिए क्योंकि चार सौ से कम सीटें होंगी तो संविधान नहीं बदल सकते क्योंकि ये नियम कानून में है। इनके मन में संविधान बदलने की जो मंशा है, वह बार-बार इनके मुँह से सुनाई देती है। कभी वो अनंत हेगड़े होते हैं जो कर्नाटक में बोलते हैं, कभी ज्योति मिर्धा होती हैं जो राजस्थान में बोलती हैं, कभी अरुण गोविल होते हैं जो मेरठ में बोलते हैं। इनके उत्तर प्रदेश के तमाम प्रत्याशी कई बार बोलते हैं कि साहब चार सौ दे दीजिए हम संविधान बदलेंगे, क्यों बदलना है संविधान?
खेड़ा ने कहा कि क्या कारण है कि भाजपा, आदिवासियों और दलितों के खिलाफ है, उनके आरक्षण के खिलाफ है और हम तो एक कदम और आगे जाते हैं। हम कह रहे हैं कि पचास प्रतिशत की जो सीमा है आरक्षण के ऊपर वो खत्म होनी चाहिए। जातिगत जनगणना होनी चाहिए और जो तथाकथित अगड़ी जातियां है, उनमें भी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं उनको भी आरक्षण की पूरी सुविधा मिलनी चाहिए। आज मजबूरी में मोदी जी अपने मेनिफेस्टो के बारे में बात करना बंद कर चुके हैं। हमारे मेनिफेस्टो की सुबह से शाम तक बात करते हैं और वो भी बिना पढ़े बात करते हैं। उनके पास एंटायर पॉलिटिकल साइंस की डिग्री है बताते हैं।
पवन खेड़ा ने कहा कि अगर आप चाहते हैं कि अगला चुनाव भी हो, अगर आप चाहते हैं की ऐसी प्रेस वार्ता आगे भी जैसा कि आज हम लोग यहाँ बैठे हैं, हमारे जैसे नेता जेल में ना हों, इस सब के लिए बदलाव आवश्यक है। अगर बदलाव नहीं हुआ तो हम लोग इस काबिल नहीं रहेंगे कि लोकतंत्र को बचा सकें। ना आप पत्रकारिता को बचा पाएंगे, ना हम विपक्ष की हैसियत से कुछ कर पाएंगे।