बस्तर के आदिवासी छात्र को राजधानी रायपुर में पीट-पीट कर मार डाला… दिल्ली में बैठे लोग मुख्यमंत्री को रिमोट से चला रहे- दीपक बैज

मिसाल न्यूज़

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बेहद दुर्भाग्यजनक है कि आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी सुरक्षित नहीं है। बस्तर के आदिवासी छात्र को राजधानी रायपुर में पीट-पीट कर मार डाला गया। लगता है मुख्यमंत्री के पास अपनी कोई सोच नहीं। उन्हें दिल्ली में बैठे लोग रिमोट से चला रहे हैं।

राजीव भवन में आज प्रेस वार्ता में दीपक बैज ने कहा कि राज्य में एसपी कलेक्टर कार्यालय जलाये जा रहे हैं। मॉब लीचिंग हो रही है। थाने में चाकूबाजी हो रही है। वहीं सरकार सुशासन का राग अलाप रही है। बस्तर के लोहंडीगुड़ा में रहने वाला 21 साल का मासूम बच्चा मंगल मुराया का कसूर क्या था? वह पढ़ाई करने नया रायपुर के एक निजी कॉलेज में एडमिशन लिया था। उसका सिर्फ इतना ही कसूर था कि वह मासूम आदिवासी था। उसने बड़ी मासूमियत से रास्ता पूछा था। लिफ्ट मांगा। उसको सरेआम गाड़ी में बैठा कर ले जाया गया। पीट-पीट कर मार डाला गया। हत्यारों ने उसका एटीएम कार्ड छिन लिया। पिन मांग रहे थे। गरीब आदिवासी बच्चे ने पिन नहीं बताया तो उसे मार डाला। क्या यही है कानून का राज जहां पर रास्ता पूछने पर एक कॉलेज के छात्र को मार डाला जाता है।

बैज ने कहा कि मुख्यमंत्री को समझ ही नहीं आ रहा कि करना क्या है? अनुभवहीन गृहमंत्री दिग्भ्रमित हैं। ऐसे में कानून का राज कौन स्थापित करेगा? 6 माह में ही प्रदेश की जनता को यह लगने लगा है कि राज्य में कोई सरकार है ही नहीं। आज सुबह ही राजधानी में एक और हत्या हो गई। होटल में बलात्कार कर हत्या कर दी गई। जब से राज्य में भाजपा की सरकार बनी है नागरिकों को भय के माहौल जीवन जीना पड़ रहा है। अपराधी बेलगाम हो गये हैं। साय सरकार के राज में महिलाओं के प्रति अपराधों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गयी है। 6 माह में राज्य में 300 से अधिक बलात्कार, 80 सामूहिक बलात्कार, 200 से अधिक हत्याएं हुई हैं। चाकूबाजी, लूट, डकैती, चेन स्नेचिंग की अनगिनत घटनाएं हो चुकी हैं। राजधानी में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि वे बिना किसी वाहन के पैदल चल कर चैन खींच कर भाग जाते हैं। राजधानी में थाने में चाकू मार दिया जाता है। नक्सलवादी घटनाएं 6 माह में बढ़ गई हैं।

बैज ने कहा कि रोज प्रदेश भर से तीन से चार मासूम अबोध बच्चियों के साथ दुराचार की खबरें सामने आ रही हैं। राजधानी से लगे आरंग में मॉब लीचिंग में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी जाती है। सरकार अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई करने के बजाए उनको संरक्षण देने में लगी है। हत्यारों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने के बजाय सरकार ने सदोष मानव वध का मुकदमा दर्ज करवाया गया है ताकि उन्हें बचाया जा सके। बैगा जनजाति के पूरे परिवार को जला कर मार डाला गया। महिलाओं बच्चियों को बहला फुसला कर प्रदेश के बाहर ले जाया जाता है। राजनांदगांव के स्टेशन में 21 महिलाओं व बच्चियों को तस्कर ले जा रहे थे जिन्हें रोका गया लेकिन अपराधियों के सत्तारूढ़ दल के लोगों से संबंध थे। वे थाने से छोड़ दिये गये।

बैज ने कहा कि गृह मंत्री का गृह जिला हत्या, लूट, मानव तस्करी का केंद्र बन गया है। 6 माह में एक दर्जन से अधिक दुर्दांत हत्याएं में कवर्धा में हुई हैं। हर दिन बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। गृहमंत्री अपना गृह जिला नहीं संभाल पा रहे हैं। हाईकोर्ट भी राज्य की कानून व्यवस्था पर दो बार सवाल खड़े कर चुका है। पुलिस की पीसीआर वैन तो वसूली वैन बन चुकी है जो नशाखोरों, अपराधियों को चंद रुपयों के बदले संरक्षण देती है।

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