‘मोर बाई हाई फाई’ अभिमान व स्वाभिमान के बीच टकराव की कहानी- दीपाली पांडे

मिसाल न्यूज़

26 जुलाई को रिलीज़ होने जा रही छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘मोर बाई हाई फाई’ में दीपाली पांडे पुलिस अफ़सर की क्रूर पत्नी की भूमिका में नज़र आएंगी। दीपाली कहती हैं- “इस तरह का नेगेटिव किरदार पहली बार किया है जो काफ़ी चैलेंजिंग रहा। ‘मोर बाई हाई फाई’ अभिमान एवं स्वाभिमान के बीच टकराव की कहानी है।“

दीपाली पांडे बताती हैं- “मेरा बर्थ बिलासपुर का है। एजूकेशन नवापारा राजिम में हुई। डॉस का शौक बचपन से था और सीखने की तमन्ना भी थी, लेकिन पापा को यह पसंद नहीं था। कह सकते हैं कि घर में सख़्त अनुशासन था। मेरा भिलाई में भी रहना हुआ। भिलाई में कुंज बिहारी अग्रवाल जी से 5 साल कथक नृत्य सीखा और मुझे गंधर्व महाविद्यालय पुणे से डिप्लोमा मिला। कथक का कोर्स पूरा ही किया था कि शादी हो गई। शादी के बाद पति मनोज कुमार पांडे ने कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। राजिम कुंभ में मैंने पुराने शास्त्रीय गानों पर नृत्य प्रस्तुत किया था। स्टेज पर यह मेरा पहला बड़ा परफार्मेंस था। उसके बाद सफ़र थमा नहीं। रायपुर में नृत्य शिक्षिका आरती जैन जी से भी कथक सीखा। आरती जी एक नृत्य नाटिका लेकर प्रयागराज गईं थीं, उसमें मैं भी थी।“ अभिनय यात्रा कैसे शुरु हुई, इस सवाल पर दीपाली कहती हैं- “गायक एवं संगीतकार विवेक शर्मा जी एक अलबम ‘गहना गढ़ाऊं दाई’ बनाए थे, जिसमें उन्होंने मुझे लिया। इस अलबम में मेरे साथ जीत शर्मा थे। मैंने अपनी समकालीन कलाकार जागेश्वरी मेश्राम एवं संगीता निषाद को छत्तीसगढ़ी फ़िल्मों में अभिनय करते देखा तो लगा कि मुझे भी इस तरफ प्रयास करना चाहिए। डायरेक्टर नितेश लहरी जी के अलावा शेखर चौहान जी के मार्गदर्शन में सिनेमा की राह खुली। शेखर चौहान जी की फ़िल्म ‘मया होगे रे’ एवं ‘मिस यू माई स्वीट हार्ट’ में अभिनय करने का अवसर मिला। फिर डायरेक्टर प्रणव झा जी की फ़िल्म ‘बी.ए. थर्ड ईयर’ की। ‘बी.ए. थर्ड ईयर’ का रोल चैलिंजिंग था, क्योंकि छत्तीसगढ़ी भाषा की फ़िल्म होने के बावजूद इसमें मुझे तेलुगू में डायलॉग बोलने थे। प्रकाश अवस्थी जी से हमारे पारिवारिक संबंध हैं। जब वे ‘मोर बाई हाई फाई’ के नेगेटिव रोल का ऑफर लेकर आए वह मेरे लिए यह एक बड़ा अवसर था। ‘मोर बाई हाई फाई’ का अनुभव कैसा रहा, इस सवाल पर दीपाली कहती हैं- “बहुत बढ़िया। प्रकाश जी से बहुत कुछ सीखने को मिला। एक सीन ऐसा शूट हो रहा था जिसमें मुझे प्रकाश जी पर हाथ उठाना था। ये सीन मुझसे इसलिए नहीं हो पा रहा था कि वो बड़े हैं और मैं उनका बेहद सम्मान करती हूं। प्रकाश जी ने कहा भूल जा कि मैं तेरा भाई हूं और गुस्से में हाथ चला दे। बस फिर क्या था गुस्सा जताते हुए उन पर हाथ उठा दिया। वह सीन काफ़ी शानदार हुआ। साथ ही योगेश अग्रवाल जी और डायरेक्टर नितेश लहरी जी ने भी काफी सपोर्ट किया। दीपाली यह कहते हुए अपनी बात ख़त्म करती हैं कि नृत्य और सिनेमा दोनों क्षेत्र में मेरी आदर्श अनुराधा दुबे हैं।“

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *