डेंगू, मलेरिया व डायरिया से हो रही मौतें… विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने लाया स्थगन… शुक्रवार को होगी चर्चा…

मिसाल न्यूज़

रायपुर। छत्तीसगढ़ में जगह-जगह डेंगू, मलेरिया एवं डायरिया जैसी बीमारियों से हो रही मौतों तथा सैकड़ों की संख्या में लोगों के बीमार रहने पर चिंता जताते हुए कांग्रेस विधायकों ने आज विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाया और उस पर चर्चा कराने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने इस गंभीर विषय पर कल शुक्रवार को चर्चा कराने का आश्वासन दिया है।

शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि पूरा छत्तीसगढ़ इस समय डेंगू, मलेरिया एवं डायरिया जैसी घातक बीमारी की चपेट में है। प्रदेश के शासकीय और निजी अस्पतालों में डायरिया के मरीजों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। डायरिया से सबसे जादा बच्चे पीड़ित हैं। सरकारी अस्पतालों में दवाईयों का अभाव है। रतनपुर में पिछले 15 दिनों में 300 से अधिक लोग डायरिया से ग्रसित हुए। रतनपुर के समीप ग्राम नेवरा मदनपुर में समय पर इलाज नहीं होने के कारण डायरिया से चार मरीजों की मौत हो चुकी है। रतनपुर के अलावा बस्तर, बिलासपुर, मनेन्द्रगढ़ एवं बोड़ला में इन बीमारियों से मौतें हो चुकी हैं। डॉ. महंत ने कहा कि इस विषय पर हमने स्थगन दिया है, जिसे स्वीकार करते हुए चर्चा कराएं।

कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बीजापुर जिले के पोटा केबिन में अध्ययनरत तीन आदिवासी छात्रों की मलेरिया से मौत हो गई। दुर्भाग्यजनक बात यह है कि उक्त तीनों गरीब आदिवासी बच्चे सरकारी संरक्षण में रह रहे थे। सरकार की संवेदनहीनता के कारण तीनों बच्चों की मौत हुई। जिले का स्वास्थ्य विभाग का अमला प्रभावित गांव में जांच करने पहुंचा तो बीजापुर के चेरपाल पोटा केबिन में 57 छात्र, गंगालूर की पोटा केबिन में 22 बच्चें सहित आसपास के जिलों के छात्रावासों, पोटा केबिन में रह रहे लगभग 200 बच्चे मलेरिया से पीड़ित पाए गए।

कांग्रेस विधायक दलेश्वर साहू ने कहा कि कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लाक के ग्राम सोनवाही में 3 जुलाई से 10 जुलाई के बीच डायरिया उल्टी-दस्त से राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र 05 बैगा आदिवासियों की समुचित उपचार के अभाव में मौत हो गई। सरकार द्वारा प्रदेश को मलेरिया मुक्त करने की घोषणा के बाद भी मलेरिया से बचाव हेतु प्रारंभिक तौर पर घर-घर दवाईयों का छिड़काव अब तक शुरू नहीं हो पाया। प्रदेश के अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाईयों के अभाव एवं समुचित जांच व्यवस्था उपलब्ध नहीं होने कारण डायरिया एवं मलेरिया की बीमारी गंभीर रूप लेते जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य कांग्रेस विधायकगण राघवेन्द्र कुमार सिंह, उमेश पटेल, लालजीत सिंह राठिया, अटल श्रीवास्तव, चातुरी नंद, जनक ध्रुव, व्दारिकाधीश यादव एवं लखेश्वर बघेल ने भी इन बीमारियों के फैलाव तथा हो रही मौतों पर चिंता जताते हुए दिए गए स्थगन पर चर्चा कराने की मांग की।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि विषय महत्वपूर्ण है। कल किसी न किसी रूप में सदन में इस विषय पर मैं चर्चा के लिए समय दूंगा।

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