कमल विहार में आमोद प्रमोद वाली जगह का बिना लेंड यूज चेंज कराए निकाला गया टेंडर… मूणत ने विधानसभा में लगाई सवालों की झड़ी…

मिसाल न्यूज़

रायपुर। राजधानी रायपुर के कमल विहार में गजराज तालाब के बाजू आमोद प्रमोद वाली जगह का बिना लैंड यूज चेंज कराए रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) व्दारा पार्क बनाने हेतु टेंडर जारी करने का मामला आज विधानसभा में उठा। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने इसे अनुचित ठहराते हुए सवालों की झड़ी लगा दी।

प्रश्नकाल में  भाजपा विधायक राजेश मूणत का सवाल था कि रायपुर विकास प्राधिकरण की कमल विहार योजना के तहत बोरियाखुर्द स्थित गजराज तालाब के आसपास की भूमि का मास्टर प्लान में क्या उपयोग दर्शाया गया था? प्राधिकरण ने इसके आसपास की भूमि में क्या प्रोजेक्ट विकसित करने का प्लान रखा गया था? क्या इस भूमि को विक्रय/लीज पर देने हेतु निविदा आमंत्रित की गई थी? यदि हां, तो कब और इसमें अद्यतन स्थिति क्या है? क्या इस भूमि के उपयोग को लेकर रायपुर विकास प्राधिकरण तथा न्यूनतम निविदाकार के बीच मतभेद उत्पन्न हो गये हैं तथा प्रकरण आरबिट्रेशन में है? यदि हां, तो इसकी अद्यतन स्थित क्या है?

आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ. पी. चौधरी ओर से जवाब आया कि गजराज तालाब के आस-पास की भूमि का रायपुर विकास योजना (पुनर्विलोकित) 2021 में भू- उपयोग आमोद-प्रमोद प्रयोजन अंतर्गत क्षेत्रीय उद्यान हेतु दर्शाया गया (प्रस्तावित) था। प्राधिकरण द्वारा उक्त भूमि में नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 अंतर्गत एवं कमल विहार योजना के स्वीकृत ले आउट के अनुसार स्वीकार्य योग्य प्रोजेक्ट विकसित करने का प्लान रखा गया है। भूमि के विक्रय हेतु ऑनलाईन निविदाएं दिनांक 3 फरवरी 2023 को आमंत्रित की गई थी। न्यूनतम निविदाकार को आवंटन आदेश दिनांक 12 अप्रैल 2023 को जारी किया गया था। निविदा की शर्तों के अनुसार निविदाकार को 5 माह के भीतर प्रथम किश्त की राशि जमा करते हुए अनुबंध निष्पादित किया जाना था। निविदाकार द्वारा समय सीमा पर अनुबंध निष्पादित नहीं किया गया। निविदाकार द्वारा कमर्शियल कोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट द्वारा प्रकरण का निपटारा आरबिट्रेशन के माध्यम से किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। वर्तमान में आरबिट्रेशन की प्रक्रिया जारी हैं। प्रकरण आरबिट्रेशन में हैं। डेवलपर द्वारा क्लेम जमा किया जा चुका है, जिसके संबंध में प्राधिकरण का जवाब प्रस्तुत किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

राजेश मूणत ने कहा कि कमल विहार 1600 एकड़ का प्रोजेक्ट था। इसका मूल स्वरूप क्या था और वर्तमान में क्या से क्या हो गया। वास्तव में तालाब सौंदर्यीकरण का प्लान था। सवाल यह है कि तालाब किनारे पार्क बनाने टेंडर करना उचित है या अनुचित? नियमों के विरुद्ध जाकर क्या लैंड यूज चेंज किया जा सकता है? बिना ले आउट चेंज किए टेंडर कैसे हो गया? क्या इसकी जांच कराई जाएगी। दोषी व्यक्ति के खिलाफ़ क्या कार्रवाई की जाएगी? आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि इसका परीक्षण कराएंगे। परीक्षण के बाद जो भी आवश्यक होगा कदम उठाएंगे।

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