छत्तीसगढ़ में पिछले 8 महीनों में 600 बलात्कार के मामले, अपराधियों को मिल रहा संरक्षण- सुप्रिया श्रीनेत

मिसाल न्यूज़

रायपुर। कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं एआईसीसी की सोशल मीडिया चेयरमेन सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 8 महीनों में लगभग 600 बलात्कार के मामले सामने आए हैं। यहां महिलाओं के खिलाफ 3 हजार से ज्यादा अपराधिक गतिविधियां हुई हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ ऐसे राज्य हो गए हैं जहां आरोपियों को लगातार सत्ता का संरक्षण मिल रहा है।

राजीव भवन में आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की उपस्थिति में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में चाहे वह रायपुर के बस स्टैण्ड के सामने बलात्कार का मामला हो या भिलाई के एक डीपीएस स्कूल में चार साल के बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न का मामला, दोनों में पुलिस ने बिना एफआईआर, बिना जांच के घटना को नकार दिया। रायगढ़ के पुसोर में एक आदिवासी महिला का 14 लोगों ने दुष्कर्म किया। जशपुर में एक बच्ची के साथ सामूहिक दूराचार हुआ। कोंडागांव में एक महिला के साथ दुष्कर्म हुआ। इससे जाहिर होता है कि छत्तीसगढ़ दुष्कर्म और यौन शोषण के मामलों में अछूता नहीं है। किसी भी महिला के खिलाफ उत्पीड़न, शोषण का मामला पूरी आधी आबादी के खिलाफ का मामला है। यह सभ्य समाज पर धब्बा है। सरकार दुराचारियों को बचाने में जुट जाती है। लीपापोती में जुट जाती है। सरकार ने रायपुर के सामूहिक बलात्कार को एक व्यक्ति द्वारा किया गया दुष्कर्म बताया, गैंग रेप नहीं। 20-20 दिन तक कोण्डागांव में एफआईआर नहीं लिखी जाती है। लोग आंदोलित होकर सड़को पर आते हैं, तब जाकर एफआईआर होती है। बदलापुर में 500 लोगों को रेल पटरी में जाम करना पड़ा तो पांच दिन बाद आरोपी पकड़ा गया और 24 घंटे बाद एफआईआर लिखी गई।

सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल उठाते हुए कहा कि देश में आज क्या स्कूल की नाबालिग बच्ची, दफ्तर में काम करने वाली महिला, बस में चलने वाली गृहणियां सुरक्षित हैं? ऐसा प्रतीत होता है कि आधी आबादी के लिए, महिलाओं के लिए इस देश में कोई जगह सुरक्षित नहीं बची है। पूरा देश आक्रोशित है आज पूरा देश आंदोलित है। जिस तरह की घटना बंगाल में हुई। कितनी निर्भया चाहिये इस देश को और कितनी निर्भया की कुर्बानी होगी तब ये देश जागेगा और सत्ता का संरक्षण खत्म होगा?  उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन आरोपियों को बचाने में संलिप्त पाए जाते हैं। पीड़ित महिला को दर-दर भटकना पड़ता है। आंदोलन होने पर एफआईआर होती है। देश का एक सांसद देश की बेटी का यौन शोषण करता है। उस सांसद को संरक्षण मिला हुआ है। वहीं देश की बेटी को न्याय नहीं मिलता। उन्नाव में बलात्कार की घटना हुई। वहां कार्रवाई तब जाकर हुई जब कोर्ट ने इंटरफेयर किया। तब जाकर आरोपी गिरफ्तार हुआ।  सत्ता में बैठे लोग इन लोगों को संरक्षण देते हैं। प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा आईटी सेल के तीन कार्यकर्ता गैंग रेप के आरोपी निकलते हैं। इनमें 2 को बेल मिल जाती है और जब ये घर आते हैं तो ऐसा स्वागत होता है मानो देश की आजादी की लड़ाई लड़कर आये हों।

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