मिसाल न्यूज़
रायपुर। संगीताचार्य पण्डित गुणवंत माधवलाल व्यास की 14 वीं पुण्य तिथि पर ‘गुनरस पिया संगीत सभा –2024’ का आयोजन 20 अक्टूबर को वृन्दावन सभागृह रायपुर में किया गया। शास्त्रीय संगीत के प्रति विगत 13 वर्षों से लगातार कार्य कर रही संस्था गुनरस पिया फाऊंडेशन ने इस वर्ष के आयोजन को गुनरस पिया जी की कृतियों पर केंद्रित कर किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पी डी रमानी जी थे। कार्यक्रम अध्यक्षता सुश्री सरोज पाण्डेय ने की। विशेष अतिथि महेन्द्र तिवारी थे।
प्रारंभ में अतिथियों व्दारा दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया गया। कवि कौशल महंत द्वारा गुरुजी के व्यक्तित्व पर रचित गीत को सभी विद्यार्थियों ने समवेत स्वरों में प्रस्तुत कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सरोज पाण्डे ने संस्था की संगीत सेवा के कार्यों की सराहना की। मुख्य अतिथि पी डी रमानी ने पण्डित व्यास के व्यक्तित्व से संबंधित बातों को साझा किया। उन्होंने संस्था के प्रयासों में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। शासकीय दिव्यांग महाविद्यालय माना के बच्चों ने गुनरस पिया द्वारा रचित देश भक्ति गीत एवं भजन की प्रस्तुति दी। गुनरस पिया द्वारा रचित, स्वरबद्ध बंदिशों,गीत,ग़ज़लों एवं भजनों को संस्थान के कलाकारों ने प्रस्तुत किया। तबले पर सुशील गोल्हानी, की बोर्ड पर रियाज़ भाई, पैड पर शिव मिश्रा, ढोलक पर विनोद सिंह तथा हारमोनियम पर दीपक व्यास ने संगत की। गुरुजी का जीवन परिचय कु. कावेरी व्यास तथा संस्थान का परिचय महेन्द्र तिवारी ने दिया। कार्यक्रम की सूत्रधार श्रीमती शुभ्रा ठाकुर रहीं। आभार प्रदर्शन श्रीमती दीपा व्यास ने किया। निर्देशन दीपक गुणवंत व्यास का था।
प्रस्तुति विवरण –
1 भजन –तुलसीदास कृत –श्री राम चन्द्र कृपालु भजमन एवं जागिये रघुनाथ कुंवर–श्रीमती सुनीता सिंघानिया एवं श्रृष्टि अग्रवाल,
2 जीवा तिवारी –हो जी हरि कीत गए नेह लगाए (मीरा बाई) तथा या जग मीत न देख्यो कोई (नानक देव),
3 कावेरी व्यास – जो तुम आ जाते एक बार (महादेवी वर्मा) एवं
घिरती रहे रात घिरती रहे (महादेवी वर्मा)
4 वैशाली जोशी –सैया मैं गिरधर रंग राती (मीरा बाई)
5 रचना चांडक –सांवरा म्हारी प्रीत निभाजो जी (मीरा बाई)
6 मिलिंद शेष –कौन ठगवा नगरिया लूट लहो (कबीर दास),
7 डॉ प्रदीप तिवारी – मोको कहां ढूंढे रे बंदे मैं तो तेरे पास में (कबीर दास)
8 धनश्री पुरोहित – ग़ज़ल –कभी कभी तेरी पलकों पे झिलमिलाऊं मैं,
9 राग शुद्ध कल्याण की बंदिश –श्रीवल्ली द्वारा–रघुपति राजीव नयन,
10 बच्चों द्वारा गुरुजी की रागमाला एवं भूपाली राग पर आधारित सरगम गीत की प्रस्तुति,
11 – विनोद शेष 78 वर्षीय कलाकार द्वारा गुरुजी की चन्द्रकौंस राग पर आधारित बंदिश,
12 ग़ज़ल प्रस्तुति–मैं तुम्हारी ही ग़ज़ल हूं, मत अधूरी छोड़ देना –श्रीमती आराधना बैद
13–युगल प्रस्तुति –मुस्कुराते रहे गुनगुनाते रहे, आपके प्यार के गीत गाते रहे–अनुराग शुक्ला एवं अराधना बैद
14 ग़ज़ल –लोग जो चाहते सज़ा देते, तुम तो अपने से आसरा देते –अनुराग शुक्ला
15 डी लता – बादलों का काफ़िला आता हुआ अच्छा लगा
16 ए श्रीनिवास राव –दोनों जहान तेरी मुहब्बत में हार के –फ़ैज़,
17 मिला तू नज़र मैं ग़ज़ल कह रहा हूं –गिरीश चिंचोलकर