बाल आश्रम एवं राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर समारोह… उठी मांग- “सरकार लोकतांत्रिक सेनानी संगठन का सम्मान करे, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन की अनदेखी न हो”

मिसाल न्यूज़

रायपुर। बाल आश्रम एवं राष्ट्रीय विद्यालय रायपुर की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आज राष्ट्रीय विद्यालय समिति एवं बाल आश्रम रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में शताब्दी समारोह तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन का सम्मेलन आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक राजेश्री महंत डाॅ रामसुंदर दास तथा विशेष अतिथि रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र रघुवंशी ने की। समारोह में आवाज उठी कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से लोकतांत्रिक सेनानी संगठन (मीसा बंदियों) का सम्मान हो, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन की अनदेखी न हो।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा रामसुंदर दास ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज हम लोग इस पावन भूमि के शताब्दी समारोह में उपस्थित हुए जिसका कि अपना गौरवशाली इतिहास रहा। यह बड़े ही सौभाग्य की बात है। मुझे विश्वास है कि यहां निवासरत बच्चे अपने उद्देश्यों पर खरे उतरते हुए अच्छी शिक्षा प्राप्त कर उच्च पद प्राप्त करेंगे। समारोह के विशिष्ट अतिथि जितेन्द्र रघुवंशी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज हम एक ऐसी संस्था की स्थापना के शताब्दी समारोह में उपस्थित हुए जिसका बीज हमारे पूर्वजों ने बोया था और अब यह संस्था वट वृक्ष बन चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बड़े-बड़े उत्सव का आयोजन करती है लेकिन जिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने देश की आजादी के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया उनके सम्मान में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाता, यह हमारे लिए दुर्भाग्य की बात है। उन्होनें बताया कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मान दिलाने कि लिए यह शताब्दी समारोह का आयोजन साल भर किया जाता रहेगा।

कार्यक्रम का प्रारंभ ध्वजारोहण के साथ दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। गोकुल दास डागा द्वारा दोनों संस्थाओं की स्थापना के संबंध में जानकारी दी गई। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मुरली मनोहर खंडेलवाल ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में आवाज उठी कि स्वतंत्रता संग्राम के योध्दा हमारे पूर्वजों ने अपने अंशदान से पंडरी में वर्ष 1961 में जमीन खरीदी  थी। इस जमीन के बड़े हिस्से को पिछली कांग्रेस सरकार के समय कूट रचना कर हड़प लिया गया। इसके लिए दोषी अधिकारियों व भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई हो, अन्यथा आंदोलन होगा। कार्यक्रम में प्रमोद दुबे,  इतिहासकार प्रोफेसर रमेंद्र नाथ मिश्र, पत्रकार रामअवतार तिवारी, डॉ सुरेश शुक्ला, अरुण दुबे एवं डॉ किशोर अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का समापन एक नन्हीं बालिका के द्वारा प्रस्तुत मनमोहक सांस्कृतिक नृत्य से हुआ। कार्यक्रम के समापन पर आभार प्रकट करते हुए संस्था के अध्यक्ष अजय तिवारी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को न्याय दिलाने के लिए वर्ष भर हर माह के प्रथम रविवार को कार्यक्रम का आयोजन किया जावेगा। समाज के सभी वर्गों को इस मुहिम से जोड़ा जावेगा। भविष्य में इस कार्यक्रम के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सभी को जागरुक किया जावेगा।

प्रोफेसर रमेन्द्र नाथ मिश्र ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के दुर्लभ छायाचित्र को बाल आश्रम समिति के अध्यक्ष अजय तिवारी को सप्रेम भेंट किया। इस दुर्लभ छायाचित्र में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े स्व. सरदार वल्लभ भाई पटेल, महंत लक्ष्मी नारायण दास, पंडित मदन माहन मालवीय, पंडित रविशंकर शुक्ल, जमुनादास बजाज, बैरिस्टर छेदीलाल, शिवदास डागा आदि हैं।

कार्यक्रम में बाल आश्रम एवं राष्ट्रीय विद्यालय समिति के पदाधिकारीगण गोकुल दास डागा, राज किशोर नत्थानी, गोवर्धन दास डागा, डाॅ सुरेश शुक्ला, मदन तालेड़ा, देवीचंद श्रीश्रीमाल, रुपचंद श्रीश्रीमाल, हरिवल्लभ अग्रवाल, सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के महामंत्री सुनील बाजारी, संरक्षक श्रीमती सविता पाठक, सुरेश मिश्रा, पूर्व विधायक चंद्रप्रकाश बाजपेयी, अखिलेश त्रिपाठी, के.के. अग्रवाल, श्रीमती शंकुतला तिवारी, छत्तीसगढ़ की जानी-मानी लोक गायिकाएं रमा जोशी एवं रेखा जोशी व बहनें,  श्रीमती शशि पांडे, महेश वर्मा, महेश दुबे, राजेंद्र कुमार चतुर्वेदी, महेश वर्मा, शैलेंद्र राठौर, छबिराम चंद्राकर, अनिरुद्ध दुबे, मंगल सिंग, बसंत कश्यप, चंद्रहास मौर्या, जी डी जोशी दुर्ग, अशोक ताम्रकार, विनोद कुमार दीक्षित, चंद्रकांत पांडे, धर्मेंद्र पंड्या, पी आर अहीर, भूपेंद्र ठाकुर, राजू सोनी एवं अभिषेक पांडे देवभोग एवं बाल आश्रम तथा राष्ट्रीय विद्यालय के समस्त कर्मचारीगण उपस्थित थे।

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