मिसाल न्यूज़
लेखाश्री नायक न सिर्फ़ अच्छी गायिका बल्कि बेहतरीन अभिनेत्री भी हैं। उनकी छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘बेटा’ 22 नवंबर को सिंगल स्क्रीन एवं मल्टीप्लेक्स में रिलीज़ होने जा रही है। ‘बेटा’ में हीरो पुमंग राज की मां बनी हैं। लेखाश्री कहती हैं- “बेटा में मैंने काफ़ी चुनौतीपूर्ण किरदार निभाया है। ऐसे किरदार का मुझे लंबे समय से इंतज़ार था।“
‘मिसाल न्यूज़’ से बातचीत के दौरान लेखाश्री ने बताया कि “मेरा बर्थ प्लेस पाटन है। वैसे मेरा पैतृक गांव बलौदाबाजार के पास चिल्हाटी है। पिता बिहारीलाल नायक लोक कलाकार हैं। पिता के संस्कार मुझमें आए। पापा का गाया हुआ छत्तीसगढ़ी गीत “गोरी के गोरे गोरे गाल बिलासपुर में बवाल होगे रे…” काफ़ी पॉपुलर हुआ था। पापा कलाकार तो रहे ही, मम्मी गाना सुनने व पढ़ने की काफ़ी शौकीन रहीं। इस तरह मुझमें कुछ आदतें पापा की आईं और कुछ मम्मी की। 12 वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्राप्त करने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ चली गई। संगीत की पढ़ाई पूरी करने के बाद रायपुर आना हुआ, जहां मैंने थियेटर ज्वाइन कर लिया। जाने-माने नाट्य निर्देशक मिर्ज़ा मसूद सर एवं कैलाश शादाब सर के निर्देशन में ड्रामे किए। जिन नाटकों में मैंने अभिनय किया उनमें ‘मालविका अग्नि मित्रम’, ‘आषाढ़ का एक दिन’, ‘आदिम रात्रि की महक’ एवं ‘बर्फ’ प्रमुख हैं। नाटकों का दौर चल ही रहा था कि छत्तीसगढ़ी फ़िल्मों के निर्देशक एजाज़ वारसी सर ने फ़िल्म ‘अंधियार’ ऑफर की। मैं खुशी के साथ इस फ़िल्म से जुड़ गई। एक नई विधा के साथ जुड़ने का यह मेरे लिए सुनहरा मौका था। ‘अंधियार’ हॉरर फ़िल्म है और इसे बने लंबा समय हो गया। किन्हीं कारणों से यह फ़िल्म अब तक रिलीज़ नहीं हो पाई है। ‘अंधियार’ का काम पूरा हुआ था कि प्रोड्यूसर जेठू साहू जी की फ़िल्म ‘भाई बहिनी अटूट बंधन’ ऑफर हुई। इस फ़िल्म में मेरा महत्वपूर्ण किरदार रहा। इस फ़िल्म के लिए रायपुर में हुए फ़िल्म अवार्ड समारोह में मुझे बेस्ट फिमेल करैक्टर आर्टिस्ट का अवार्ड मिला। कुछ ही महीनों पहले छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘बेटी’ रिलीज़ हुई है, जिसमें मेरा लीड रोल है। ‘बेटी’ के गाने यू ट्यूब पर हैं।
‘बेटी’ के बाद ‘बेटा’ फ़िल्म मिलने के पीछे की कहानी क्या है, पूछने पर लेखाश्री कहती हैं- “बेटा फ़िल्म के प्रोड्यूसर एवं डायरेक्टर चंद्रशेखर चकोर जी भी ड्रामा आर्टिस्ट रहे हैं। उनसे मेरी पुरानी जान-पहचान है। ‘बेटा’ फ़िल्म के लिए हीरो पुमंग राज की मां के किरदार के बारे में जब उन्होंने सुनाया तो मुझे वह चैलेंजिंग लगा। यह फ़िल्म करने मैं सहर्ष तैयार हो गई। ‘बेटा’ में आपको तीन लेखाश्री दिखाई देगी। पहला विवाह के बाद वाली लेखाश्री, फिर जवान होते बेटे की मां लेखाश्री उसके बाद बेटे की शादी हो जाने के बाद सास बनी लेखाश्री। इस फ़िल्म में मां और बच्चे की बीच व्दंव्द का बेहतरीन चित्रण है। ‘बेटा’ की कहानी दिल को छू जाने वाली है। चाहती हूं ‘बेटा’ के बाद छत्तीसगढ़ी सिनेमा में अभिनय का सफ़र लगातार जारी रहे।
लेखाश्री के बारे
में कुछ और…
0 जाने-माने कलाकार संघर्ष यदु से लोक संगीत का प्रशिक्षण लिया
0 लोक कला मंच ‘सुर सुधा’ का दायित्व सम्हाली हुई हैं
0 छत्तीसगढ़ी के साथ हिन्दी फ़िल्मों के गाने भी बेहतरीन परफार्म करती हैं
0 जगजीत सिंह, हरिहरन एवं आशा भोसले पसंदीदा सिंगर हैं