मिसाल न्यूज़
रायपुर। महापौर एजाज़ ढेबर ने आरोप लगाया कि अमलीडीह में करीब 9 हजार वर्ग फुट जमीन के आबंटन का मामला सीधे-सीधे छत्तीसगढ़ सरकार व्दारा एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने का है। इसके पीछे करोड़ों का खेल है। इस मामले की सीबीआई जांच हो।
नगर निगम मुख्यालय में आज पत्रकार वार्ता लेकर महापौर एजाज ढेबर ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के हटते ही 28 जून 2024 को अमलीडीह की कीमती जमीन एक कॉलोनाइजर के नाम कर दी गई। यह सब प्रदेश में सरकार बदलने के बाद हुआ। इस पूरे मामले में मंत्री, विधायक से लेकर तत्कालीन कलेक्टर तक की भूमिका है। भाजपा के लोग अब अपना बचाव करते हुए आरोप लगा रहे हैं कि यह सब कांग्रेस की सरकार के समय में हुआ था। यदि कांग्रेस की सरकार के समय में कोई गलत फैसला हुआ था तो कलेक्टर ने जब इसकी फाइल आगे बढ़ाई रिजेक्ट कर देना था। जिस जगह का स्कूल-कॉलेज निर्माण के नाम पर भूमि पूजन हो गया हो वह निजी हित में किसी कॉलोनाइजर को कैसे दी जा सकती है। इस सब के लिए मुख्यमंत्री से लेकर राजस्व मंत्री एवं रायपुर जिले के प्रभारी मंत्री जिम्मेदार हैं।
महापौर ने कहा कि हमारी परिषद से चर्चा किए बगैर इन दिनों अचानक बरसों से स्थापित गुमटियों को हटाने का काम शुरु कर दिया गया है। एक तरफ गुमटियां हटाकर गरीबों की रोजी-रोटी छिन रहे हैं, वहीं बूढ़ातालाब के किनारे स्थित स्कूल, कॉलेज व हॉस्टल को नजरअंदाज कर वहां डबल स्टोरी पार्किंग बनाई जा रही है। जहां गरीबों की गुमटियां हटाई जा रही हैं वहां यह कहते हुए भ्रम फैलाया जा रहा है कि महापौर एवं उनकी कांग्रेस की परिषद व्दारा यह सब काम करवाया जा रहा है। ऐसा लगता है कि नगर निगम के सारे अधिकारीगण किसी प्रेशर में काम कर रहे हैं। ऐसा महसूस हो रहा है कि हम मेहमान कलाकार होकर रह गए हैं और मुख्य भूमिका में सत्ता में बैठे लोग आ गए हैं।