मिसाल न्यूज़
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों में कार्यरत प्लेसमेंट कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज चौथे दिन भी जारी रही।
आंदोलनरत कर्मचारियों ने कहा कि छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ के अंतर्गत कुल 184 नगरीय निकायों ;नगर निगम 14 नगर पालिका 50 व नगर पंचायत 120 हैं, जिसमें लगभग 20 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। विगत कई वर्षों से अपनी मांग को शासन प्रशासन को अवगत कराते आ रहे हैं किन्तु ध्यान नहीं दिया गया। संघ प्रमुख खेमूलाल निषाद का कहना है कि नगरीय निकाय में कार्यरत प्लेसमेंट कर्मचारी विगत 15-20 वर्षों से कार्य कर रहे हैं किन्तु उनका वेतन आज भी दयनीय है। इसके अतिरिक्त कभी भी समय पर वेतन प्राप्त नहीं होता। कर्मचारी 8 घंटे की ड्यूटी में 10-12 घंटे कार्य करते हैं जिसका उन्हें उचित पारश्रमिक नहीं मिल पाता। इतने कम वेतन में घर चलाना बहुत मुश्किल होता है । जबकि शासन की योजनाओं व प्रशासनिक स्तर का बहुत सा कार्य प्लेसमेंट कर्मचारियो के माध्यम से ही कराया जाता है, जैसे वर्तमान में महतारी वंदन योजना, निर्वाचन कार्य, जनगणना कार्य, जातिगत सर्वे कार्य। इसके अतिरिक्त और भी योजनाओं से जुड़े कार्य प्लेसमेंट के माध्यम से ही पूर्ण कराये जाते हैं। यही कारण है कि कर्मचारी हड़ताल करने को मजबूर हैं।
निषाद ने कहा कि 4 दिनों से धरना पर बैठे कर्मचारियों को पेयजल की सुविधा भी शासन द्वारा रोकी जा रही है। लगातार अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों पर कार्य करने हेतु दबाव बनाया जा रहा है। इससे नाराज प्लेसमेंट कर्मचरियो ने आज रायपुर राजधानी के नगर निगम मुख्यालय में उपस्थित होकर छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नाम पर महापौर, सभापति एवं नगर निगम कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रुप से छ.ग.नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष खेमूलाल निषाद, रायपुर संभाग अध्यक्ष हिमांशु यदु, महासमुंद निकाय अध्यक्ष हीरा चौहान, कुर्रा निकाय अध्यक्ष ममता तिवारी रायपुर निगम/जोन अध्यक्ष ओम संच्चिदानंद बंजारे, प्रेम बंजारे, होरीलाल वर्मा, संजय साहू, कल्याण सिंह, महेन्द्र सर्वे, खेमराज साहू, राजा उपराडे, नीलू शर्मा, कृष्ण कुमार, यतिश पाठक, शकुल हरपाल, नीलम सिंग, संजना हलदार, सावित्री, रेखा साहू एवं संजय पुरोहित शामिल थे।
संघ की प्रमुख मांगें
1. शासन के अन्य विभागों जैसे पी.एच.ई., पी.डब्लू.डी., वन विभाग के तर्ज पर नगरीय निकायों से भी ठेका प्रथा समाप्त कर निकाय में समायोजन कर सीधे विभाग से वेतन भुगतान किया जावे 2. केन्द्र शासन व्दारा जारी श्रम दर के अनुसार वेतन भुगतान, 3. श्रम सम्मान राशि का लाभ दिया जावे, साथ ही हड़ताल अवधि में किसी भी कर्मचारी को कार्य से न हटाया जाए।

