मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा में आज धान खरीदी के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। बघेल ने कहा कि पूरे प्रदेश में धान खरीदी अव्यवस्था की भेंट चढ़ चुकी है। वर्तमान सरकार ने धान खरीदी को महत्व नहीं दिया। जो पूर्व में व्यवस्था थी उसे भी समाप्त कर दिया। धान खरीदी के मुद्दे पर सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों ओर से नारेबाजी भी हुई।
शीतकालीन सत्र के आज प्रथम दिवस शून्य काल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि धान खरीदी के पहले ही दिन किसानों से कह दिया गया कि 50 प्रतिशत बारदाना लेकर आएं। कहीं पर 20 क्विंटल तो कहीं पर 21 क्विंटल धान की खरीदी होते दिखी। टोकन व्यवस्था का भी कोई ठिकाना नहीं है। किसान रात-रात भर धान खरादी केन्द्रों में खड़े रहे। केन्द्रों में ऑन लाइन शुरु होता नहीं है कि मिनटों में बंद हो जाता है। ऑन लाइन-ऑफ लाइन के चक्कर में किसान परेशान हैं। दूसरी तरफ राईस मिलर्स एवं डेटा ऑपरेटर्स अलग हड़ताल पर हैं। परिवहन व्यवस्था भी ठप्प है। मेरे विधानसभा क्षेत्र के सांकरा में 9 दिनों से धान खरीदी बंद है। हड़ताली राईस मिलर्स सीएम के पास गए थे तो उन्हें आश्वासन मिला था कि पुराना भुगतान करेंगे, लेकिन बाद में सरकार मुकर गई। सवाल यह कि यहां सीएम की चलती है या किसी और की। लोगों की आवाज दबाने उनके ठिकानों पर छापा डलवाया जा रहा है।
बघेल के लगातार बोलने पर आपत्ति करते हुए भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि ये तो शून्यकाल में भाषण देने में लग गए हैं। चंद्राकर के इतना कहने पर अन्य विपक्षी कांग्रेस विधायक अपनी जगह पर खड़े होकर विरोध जताने लगे। इधर, सत्ता पक्ष के विधायकों ने विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी। जवाब में विपक्ष की ओर से भी नारेबाजी होने लगी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा धान खरीदी पर लाए गए स्थगन पर अलग से समय दिया जाएगा।