मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा में आज वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन की इच्छा शक्ति की कमी के कारण जलजीवन मिशन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है।
ध्यानाकर्षण के दौरान भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि शुद्ध पेयजल प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश में जल जीवन मिशन योजना प्रारंभ की गई, किन्तु आज भी उद्देश्य के अनुरूप शुद्ध पेयजल घर- घर तक नहीं पहुंचाया जा सका। यदि औसतन देखें तो छत्तीसगढ़ में लगभग 4000 से भी ज्यादा गांव स्त्रोत विहीन व अपर्याप्त स्त्रोत की श्रेणी में आते हैं। यदि सिर्फ धमतरी जिले का ही आंकड़ें देखें तो 16 गांव स्त्रोत विहीन हैं तथा 34 गांव अपर्याप्त स्त्रोत विहीन हैं। मतलब यह कि लगभग 4 हजार घरों में लगे नल कनेक्शन में पानी ही नहीं आता है। जिला सरगुजा में लगभग 500 ग्रामों में पानी के स्त्रोत नहीं हैं। जब स्त्रोत ही नहीं था तो अरबों रूपये व्यय करके पाईप लाईन विस्तार व पानी टंकी का निर्माण कैसे कर दिया गया। इसके लिये ना तो किसी के ऊपर जिम्मेदारी तय की गई है और न ही किसी प्रकार की कार्यवाही की गयी है। यहां तक कि कोई भी वित्तीय एवं भौतिक स्थिति बताने को तैयार नहीं है। वहीं मल्टी विलेज स्कीम के लिये भी किसी प्रकार का कार्ययोजना या विचार अब तक नहीं किया गया है। जिस योजना को 2019 से 2024 तक पूर्ण हो जाना चाहिये था, उसकी स्थिति यह है की आज 19 हजार 656 गांवों में से सिर्फ 3 हजार 448 गांवों में ही शत् प्रतिशत जल प्रदाय किया जा रहा है। आज भी लाखों घरों में जल प्रदाय तो दूर पाईप लाईन तक नहीं पहुंच पाई है। वहीं राज्य के लगभग सभी जिलों में कई प्रकार की अनियमितताओं को रोकने के लिये कोई कार्यवाही नहीं की गई और न ही अनियमितताओं पर किसी प्रकार की जांच गई है। गुणवत्ताहीन कार्य चरम सीमा तक पहुंच गया है। आज कई क्षेत्रों में दैनिक दिनचर्या तक के लिये पानी की समस्या बनी हुई है।
जवाब में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि अगस्त, 2019 से जल जीवन मिशन प्रारंभ की गई। प्रदेश में जल जीवन मिशन से घरेलू कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध जल प्रदाय करने यह योजना प्रारंभ की गई। तत्कालीन राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश में जल जीवन मिशन को प्रारंभ करने हेतु जो योजना बनाई गई थी उसमें परिवर्तन के कारण तथा कोविड महामारी के कारण योजना के क्रियान्वयन में 2 वर्ष का विलम्ब हुआ है। योजना का क्रियान्वयन वास्तविक रूप से मार्च 2021 में प्रारंभ हुआ। इस प्रकार योजना के क्रियान्वयन के लिए भौतिक रूप से राज्य के पास मात्र 3 वर्ष की अवधि की उपलब्धता थी। इस कारण योजना के उद्देश्य के अनुरूप निर्धारित समय-सीमा में घरेलू कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल घर-घर तक नहीं पहुंचाया जा सका। तथापि विभाग द्वारा तत्परता से कार्य करते हुए अद्यतन तक प्रदेश के 19 हजार 656 ग्रामों में 50 लाख 03 हजार 951 ग्रामीण परिवार में से 39 लाख 93 हजार 943 ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन प्रदाय किया गया है।
अजय चंद्राकर ने पूछा कि इस योजना पर गाइड लाइन क्या है। पहले पाइप लाइन बिछाकर व टंकी बनाने के बाद जल स्त्रोत विकसित करना है या पहले जल स्त्रोत विकसित कर बाकी दोनों काम बाद में करना है? अरुण साव ने कहा कि सिस्टम यही है कि पहले जल स्त्रोत विकसित करें, बाकी का काम बाद में करें। चंद्राकर ने कहा कि धमतरी जिले में ऐसे कई गांव हैं जहां जल स्त्रोत विकसित नहीं किया गया और दूसरा काम पहले कर लिया गया। चंद्राकर ने इसकी जांच की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस विधायक श्रीमती अंबिका मरकाम तथा भाजपा विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने भी जल जीवन मिशन में गड़बड़ी का आरोप लगाया।