मिसाल न्यूज़
रायपुर। महापौर एजाज ढेबर आज फिर अमलीडीह जमीन वाले मुद्दे पर बोले। उन्होंने कहा कि अमलीडीह की कीमती सरकारी जमीन जो गलत तरीके से बिल्डर को आबंटित हुई उसके पीछे जिन पांच सरकारी आदमियों के दस्तखत हुए थे उनकी पहचान होनी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए।
नगर निगम की मेयर इन कौंसिल की आज हुई बैठक के बाद महापौर एजाज ढेबर ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि आज की बैठक में 11 एजेन्डों पर चर्चा हुई। कुछ नामकरण के थे। दो और लाइब्रेरी निर्माण करने का प्रस्ताव पास हुआ। एक लाइब्रेरी नालंदा परिसर में ही बनेगी और दूसरी कुशाभाऊ ठाकरे वार्ड में। हालांकि बूढ़ातालाब के आसपास होने वाले सरकारी निर्माणों का जिम्मा पर्यटन विभाग को दे दिया गया है, वहां बन रही चौपाटी को लेकर हमारा विरोध पहले भी था और आगे भी रहेगा।
महापौर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के राजस्व मंत्री अब कह रहे हैं कि अमलीडीह की जमीन जो बिल्डर को देने की बात थी उस रिजेक्ट कर दिए हैं। यह खुद ही स्वीकृति देते हैं और फिर खुद उसे रिजेक्ट कर देते हैं। जरूर दाल में काला है। इस प्रकरण की जांच हुई तो छिपा हुआ सच सामने आ जाएगा। जब उस जमीन पर कॉलेज निर्माण के लिए भूमि पूजन तक हो गया था तो फिर क्या सोचकर वह जमीन बिल्डर के नाम कर दी गई थी।