मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा में आज सत्ता पक्ष के विधायक राजेश मूणत ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कई स्थानों पर सामुदायिक भवनों का स्वरूप बदलकर उसे हमर क्लीनिक का स्वरूप दे दिया गया। हमर क्लीनिक में न सेटअप है न दवाएं।
प्रश्नकाल में भाजपा विधायक राजेश मूणत का सवाल था कि क्या 15 वें वित्त आयोग द्वारा राशि आबंटन प्राप्त न होने के कारण छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन व्दारा बनाये जा रहे “हमर क्लीनिक” अधूरे पड़े हैं और कार्य रूके हुए हैं? यदि ऐसा है तो अधूरे पड़े “हमर क्लीनिक” को पूर्ण करने हेतु राज्य शासन की क्या योजना है? स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की ओर से जवाब आया कि 10 मई 2024 को 15 वें वित्त आयोग अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 से लंबित राशि की मांग हेतु भारत सरकार को पत्र प्रेषित किया गया है। राशि आबंटन की स्थिति में पूर्ण करने की योजना है।
राजेश मूणत ने कहा कि हर मोहल्ले में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का दृष्टिकोण लेकर हमर क्लीनिक की परिकल्पना की गई थी। इसके लिए बिल्डिंग व सेटअप की जिम्मेदारी किसकी है? कितने ही क्लीनिक अधूरे बने पड़े हैं। श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि इस कार्य के लिए 723 करोड़ इस हफ्ते जमा हो जाएगा। पूरे प्रदेश में 364 हमर क्लीनिक खुलने थे, जिनमें से 180 संचालित हैं। बाकी 184 का काम जल्द पूरा करेंगे। मूणत ने कहा कि शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत कितने ही स्थानों पर सामुदायिक भवनों का रेनोवेशन कर उन्हें हमर क्लीनिक का स्वरुप दे दिया गया। मैं अपने रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की ही बात कर लेता हूं जहां 17 में 3 हमर क्लीनिक भवन ही कंप्लीट हुए। 25-25 लाख के भवन बना दिए गए। क्या 25 लाख में किसी अस्पताल का तैयार हो पाना संभव है? जो अस्पताल बने हैं वहां न सेटअप है, न दवाएं हैं। मंत्री जायसवाल ने कहा कि आपकी चिंता जायज है। यदि कहीं कोई कमी नजर आती है तो जांच कराएंगे।