‘सुकवा’… हम एक बेहतरीन सिनेमा देने जा रहे- गजेन्द्र श्रीवास्तव

मिसाल न्यूज़

प्रोड्यूसर गजेन्द्र श्रीवास्तव व्दारा निर्मित छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘सुकवा’ 10 जनवरी को पूरे छत्तीसगढ़ में प्रदर्शित होने जा रही है। गजेन्द्र श्रीवास्तव कहते हैं- “सुकवा में सामाजिक कुरीतियों को टच किया गया है। हम अपनी ओर से एक बेहतरीन सिनेमा देने जा रहे हैं। बाक़ी पास-फेल तो पब्लिक करती है।“

‘सुकवा’ की योजना कैसे बनी, इस सवाल पर गजेन्द्र जी कहते हैं- “फ़िल्म और अलबम के सिलसिले में मेरा डायरेक्टर मनोज वर्मा जी के स्वप्निल स्टूडियो आना-जाना होते रहता था। एक मुलाक़ात के दौरान उन्होंने ‘सुकवा’ का कॉसेप्ट सामने रखा। वह इतना अच्छा लगा कि मैंने हां बोलने में देर नहीं लगाई। इसमें भूतों का भी रोल है। लेकिन ये डराने वाले भूत नहीं हैं। इसके आगे और कुछ कहना ठीक नहीं। फ़िल्म देखने का मज़ा किरकिरा हो जाएगा। मुझे पूरा भरोसा है कि दर्शकों को यह फ़िल्म बहुत अच्छी लगेगी।“

छत्तीसगढ़ी सिनेमा का सफ़र किस मोड़ पर शुरु हुआ, पूछने पर गजेन्द्र जी कहते हैं- “फ़िल्मों पर मेरा काम बॉलीवुड से शुरु हुआ था। कभी सोचा भी नहीं था कि छत्तीसगढ़ी फ़िल्म बनाऊंगा। सारा कुछ आपके चाहने से नहीं होता। किस्मत का भी अपना रोल होता है। डायरेक्टर मनीष मानिकपुरी मेरे पास ‘मार डारे मया मा’ का सब्जेक्ट लेकर आए थे। सब्जेक्ट अच्छा लगा। इस तरह बतौर प्रोड्यूसर ‘मार डारे मया मा’ से छत्तीसगढ़ी सिनेमा में मेरी इंट्री हुई।“ छत्तीसगढ़ी सिनेमा को इस समय आप कहां पर पाते हैं, इस सवाल पर गजेन्द्र जी कहते हैं- “इस इंडस्ट्री में मुझे आए क़रीब 3 साल हो गए। छत्तीसगढ़ी सिनेमा में अब अनुभवी लोगों की कमी नहीं है। मुझे तो इसका भविष्य उज्ज्वल नज़र आ रहा है।“

अब आपकी व्यस्तता छत्तीसगढ़ी सिनेमा में ज़्यादा दिखती है और आपका अधिकांश समय राजधानी रायपुर में गुजरता है। फिर बीच में ऐसा भी देखने को मिलता है कि आप मुम्बई में मौजूद हैं, यह ज़िक्र करने पर गजेन्द्र जी कहते हैं- “सच कहूं तो छत्तीसगढ़ी सिनेमा में व्यस्त रहने के बाद भी मुम्बई का जादू मेरे दिमाग से उतरता नहीं है। आप बीच-बीच में मेरे प्रोडक्शन हाउस व्दारा बनाए जाने वाले अलबम सोशल मीडिया में देखते होंगे। दरअसल इन अलबमों का ज़्यादातर काम मुम्बई में होता है। वहां के सिंगर मेरे लिए छत्तीसगढ़ी गाने गाते हैं। ‘सुकवा’ की ही बात करूं, इस फ़िल्म के गाने के लिए उदित नारायण एवं सोमी शैलेश जैसे सिंगरों ने अपनी आवाज़ दी है। वह मुम्बई जहां पर ज़्यादातर लोगों का 5 रुपये को लेकर भी भरोसा नहीं होता वहां मेरा काम उधार में हो जाता है। है न आश्चर्य वाली बात!”

छत्तीसगढ़ी फ़िल्म को लेकर और कोई योजना यह पूछने पर वे कहते हैं- “अब जो कुछ भी सोचूंगा ‘सुकवा’ की रिलीज़ के बाद ही सोचूंगा।“

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *