कारवां (12 जनवरी 2025) ● मुकेश चंद्रकार की निर्मम हत्या से दिल्ली तक का मीडिया हिला… ● जशपुर जिले में ये कैसी हवा… ● नया रायपुर में आख़िर कब दौड़ेगी ज़िंदगी की रेल… ● नेताजी लोग पाएंगे 611 रुपैया वर्ग फुट में ज़मीन… ● राजनीति से ऊबे रुचिर, पत्रकारिता ही भली… ● नेताओं की पत्नियों के रेस में होने की तक़लीफ़…

■ अनिरुद्ध दुबे

बीजापुर के नामी युवा पत्रकार मुकेश चंद्रकार की निर्मम हत्या की गूंज न सिर्फ़ प्रदेश की राजधानी रायपुर बल्कि देश की राजधानी नई दिल्ली में तक में सुनाई दी। रायपुर प्रेस क्लब ने इस निर्मम हत्या के विरोध में रैली निकालकर कड़ा विरोध तो दर्ज़ कराया ही, साथ ही प्रेस क्लब भवन में इस पर गंभीर विमर्श भी रखा। विमर्श के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मीडिया सलाहकार पंकज झा, भाजपा मीडिया प्रदेश प्रभारी अमित चिमनानी एवं सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल मौजूद थे। रायपुर प्रेस क्लब में विमर्श के दौरान मुकेश चंद्रकार की तस्वीर के ठीक ऊपर लगे फ्लेक्स पर लिखा था- “हत्यारों को फांसी दो। लोकतंत्र को बचाओ, पत्रकारिता को बचाओ।“ यह काफ़ी गहरी बात लिखी हुई थी। मुकेश चंद्रकार की हत्या का मामला उजागर हुए एक हफ़्ते से ज़्यादा का समय हो चुका, बस्तर के पत्रकारों का गुस्सा थमा नहीं है। प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं सोशल मीडिया में हर दिन बस्तर के पत्रकारों की पीड़ा सामने आ रही है। यही नहीं आज तक जैसे बड़े राष्ट्रीय चैनल के वरिष्ठ पत्रकार शम्श ताहिर खान ने अपने रात के शो ‘क्राइम तक’ में मुकेश चंद्रकार की निर्मम हत्या के मामले को सामने लाकर अपनी पीड़ा ज़ाहिर की। यही नहीं दिल्ली में भी पत्रकार बिरादरी ने शोक सभा रखी। इससे स्पष्ट होता है कि इस हत्याकांड ने न सिर्फ़ छत्तीसगढ़ बल्कि देश भर के पत्रकारों को सोचने पर मजबूर किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में कहा है कि पत्रकार सूरक्षा कानून ज़ल्द लागू होगा। सवाल वही पुराना है, कब…

जशपुर जिले में

ये कैसी हवा…

जशपुर जिले में इन दिनों बेचैन कर देने वाली हवा का बहाव है। एक हफ़्ते के भीतर दो ऐसे घटनाक्रम सामने आ गए जिस पर हर चिंतनशील व्यक्ति मानो सोचने पर मजूबर हो गया है। पूर्व में ईसा मसीह पर विवादित टिप्पणी करने के मामले में जशपुर की जिला अदालत ने हाल ही में जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनि भगत के खिलाफ़ प्रकरण दर्ज़ करने का आदेश दिया है। वहीं जशपुर जिले के ही बगीचा क्षेत्र में स्थित दुर्गा मंदिर के पूजारी ने थाने में रिपोर्ट दर्ज़ कराई की सुबह के समय पूजा आरती के दौरान लाउड स्पीकर बंद करने की बात कहते हुए एक युवक ने अभद्र व्यवहार किया। ऐसा नहीं करने पर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी।

नया रायपुर में आख़िर कब

दौड़ेगी ज़िंदगी की रेल…

नया रायपुर में जान फूंकने के बड़े-बड़े दावे आए दिन होते रहे हैं। देखने लायक बात तो तब रहेगी जब यह मुर्दा शहर चमन होते दिखे। कहां तो बात यह होती रही थी कि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नया रायपुर में चलने वाली ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं। नया रायपुर के 4 स्टेशन तैयार नहीं होने के कारण ऐसा नहीं हो पाया। फिर 2024 के साल में एक मौका ऐसा भी आया जब बात होते दिखी कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान नया रायपुर में चलने वाली ट्रेन को हरी झंडी दिखाई सकते हैं। तब भी तैयारियां अपूर्ण थीं, अतः ये भी नहीं हो पाया। अब फिर इधर-उधर से यही बात सुनने में आ रही है कि इसी जनवरी माह में पुराना रायपुर से नया रायपुर होते हुए अभनपुर तक मेमू ट्रेन दौड़ने लगेगी। यदि इस बात में दम है तो क्या यह मान लिया जाए कि ठीक नगरीय निकाय चुनाव से पहले डबल इंजन सरकार की ओर से न सिर्फ़ रायपुर बल्कि आसपास बसे लोगों के लिए यह बड़ी सौग़ात होगी। जनता का दिल जीतने की दिशा में बड़ी कोशिश होगी। याद करें सन् 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले का वह समय जब नया रायपुर में ही परसदा में बने इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का आनन-फानन में लोकार्पण जनता का दिल जीतने के लिए किया गया था।

नेताजी लोग पाएंगे

611 रुपैया

वर्ग फुट में ज़मीन

मुर्दा शहर नया रायपुर को ठीक-ठाक अस्तित्व में आए क़रीब 12 साल हो चुके। कांग्रेस की सरकार रही हो या भाजपा की आज भी नया रायपुर तक आम आदमी की पहुंच के लिए कोई समुचित परिवहन व्यवस्था नहीं हो पाई। मुर्दा शहर को लेकर बड़े-बड़े सपने अब तक केवल कागज़ों में ही दिखते रहे हैं। यह ज़रूर कुछ नया सुनने मिल रहा है कि नया रायपुर से लगे सेरीखेड़ी क्षेत्र में सांसदों, विधायकों एवं बड़े अफ़सरों को कौड़ी के मोल 611 रुपये वर्ग फुट में ज़मीन देने की तैयारी चल रही है। जय-जय छत्तीसगढ़।

राजनीति से ऊबे रुचिर

पत्रकारिता ही भली

पिछली सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मीडिया सलाहकार रहे रुचिर गर्ग ने कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया। ख़बर यही कि गर्ग पत्रकारिता के अपने पुराने संसार में लौटना चाहते हैं। वैसे सच्चाई तो यही है कि रुचिर की देह भले पांच वर्षों के लिए कांग्रेस में चली गई हो लेकिन मन तो पत्रकारिता में ही था। जितने समय तक वे राजनीति में बने रहे कुछ पत्रकार उनके बेहद क़रीब रहे और उनसे विचारों का आदान प्रदान करते रहे। वो पत्रकार राजनीति व पत्रकारिता दोनों जगत में अलग से पहचाने भी जाते रहे। सरकारी तंत्र पर सतत् नज़र रखने वाले कुछ लोगों का कहना है कि पत्रकार हित में कुछ बड़े काम रुचिर के मीडिया सलाहकार रहते हुए में ही हुए। पूर्व में उम्रदराज़ पत्रकारों को मात्र 5 हज़ार रुपये की ही सम्मान निधि मिला करती थी जो पिछली सरकार में बढ़कर 10 हज़ार हुई। पूर्व में पत्रकार सम्मान निधि प्राप्त करने के लिए उम्र 62 वर्ष निर्धारित थी, जिसे घटाकर 60 वर्ष किया गया। पूर्व में सम्मान निधि प्राप्त करने वाले पत्रकारों को हर पांच वर्ष में जीवित होने का प्रमाण पत्र देने का नियम हुआ करता था, जिसे पिछली सरकार में हटाया गया। व्यवस्था निर्धारित कर दी गई जिस पत्रकार को एक बार सम्मान निधि मिलना शुरु हो जाएगी जीवन पर्यंत मिलती रहेगी। पत्रकार सूरक्षा कानून का ड्राफ्ट पिछली सरकार के समय तैयार हो गया था, जो कि लागू होते-होते रह गया।

नेताओं की पत्नियों के

रेस में होने की तक़लीफ़

आरक्षण में रायपुर महिला महापौर पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हो गया। कांग्रेस की कुछ ज़मीनी महिला नेत्रियों की तरफ से महापौर टिकट के लिए दावेदारी तो शुरु हो ही गई है, टिकट की दौड़ में दो ऐसे बड़े कांग्रेस नेताओं की पत्नियां भी शामिल हो गईं जिनका कभी नगर निगम की राजनीति से गहरा वास्ता रहा था। यही कारण है कि ज़मीनी नेत्रियों के बीच से नाराज़गी के स्वर उठने शुरु हो गए। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी टिकट की दावेदार एक नेत्री तो एक कड़ा शिकायत पत्र लेकर एक दिग्गज नेता के बंगले भी पहुंच गईं। दिग्गज नेता के हाथ में शिकायत पत्र थमाते हुए नेत्री ने कहा कि “सर यह तो अन्याय हो रहा है!“ दिग्गज नेता ने आश्वस्त किया कि इस शिकायत पर गंभीरता से विचार होगा। कहीं ऐसा न हो कि सही में इस पर दिग्गज नेता की ओर से गंभीरता से विचार हो जाए। वो इसलिए कि दिग्गज नेता की गुड बुक में इस समय वो दोनों बड़े नेता नहीं हैं जिनकी पत्नियां महापौर टिकट की दौड़ में हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *