मिसाल न्यूज़
राजधानी रायपुर में पिछले दिनों संगीत संस्था महफिल की हुई बैठकी में राग यमन पर आधारित गीत, ग़ज़ल, भजन एवं खयाल की प्रस्तुति दी गई। दीपक व्यास ने – राग यमन का सप्रयोग परिचय दिया। उसके बाद उन्होंने पंडित गुणवंत माधव लाल व्यास द्वारा सरबद्ध गजल– यादों में एक हसीन सा चेहरा है आज भी… एवं मेहंदी हसन की राग यमन पर आधारित प्रसिद्ध ग़ज़ल– मुग्धम बात पहली जैसी जिसको बुझे उसको बुझाए… की प्रस्तुति दी। कावेरी व्यास ने छोटा ख्याल – सदा शिव भजमना और श्री राम चन्द्र कृपालु…,जीवा तिवारी ने निगाहें मिलाने को जी चाहता है… डॉ. जावेद अली ने एहसान तेरा होगा मुझ पर… और चलो एक बार फिर से…, अनुराग शुक्ला ने रंजिश ही सही और वो शाम…, डॉ. प्रदीप तिवारी ने मन रे तू काहे ना धीर धरे.. और कु जीवा के साथ जब दीप जले आना… की, धनश्री पेंडसे ने आज जाने की ज़िद ना करो…, डी. लता ने– चंदन सा बदन…, सूर्य शर्मा ने होठों से छू लो तूम…, वैशाली जोशी ने जीवन से भरी तेरी आंखें…, शिरीष आठले ने सारंगा तेरी याद में…, ए. श्रीनिवास राव ने नींद रातों की उड़ा देता है…, अराधना बैद ने रोज़ रोज़ डाली डाली… और जरा सी आहट होती है…, डी. लता और ए. श्रीनिवास राव ने अभी न जाओ छोड़ कर…, वैशाली जोशी और सूर्य शर्मा ने नाम गुम जायेगा… की प्रस्तुति दी।
दीपक व्यास ने हारमोनियम एवं सुशील गोल्हानी, गिरीश काले तथा श्री देशमुख ने तबले पर साथ दिया। इस सभा में सुशांत तिवारी, महेन्द्र तिवारी,डा. आर के. पुरोहित, अजंता चौधरी समेत अन्य संगीत प्रेमी उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती दीपा व्यास ने दिया।