मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा में आज डिजिटल अरेस्टिंग एवं साइबर क्राइम प्रकरणों पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा को घेरा। दोनों के बीच काफी सवाल-जवाब हुए।
प्रश्नकाल में अजय चंद्राकर ने पूछा कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश में कितने लोग डिजिटल अरेस्ट हुए और कितनों के खिलाफ कार्रवाई हुई? उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा की ओर से जवाब आया कि पिछले दो वर्षों में प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट के 12 प्रकरण सामने आए। इसमें लोग पकड़े भी गए और कार्रवाई भी हुई। चंद्राकर ने पूछा कि ठगी की कितनी राशि वसूल हुई। कितने ठगे गए लोगों को कितनी राशि वापस की गई तथा शासन के पास इस समय कितनी राशि सूरक्षित है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 168 करोड़ की ठगी हुई। 5 करोड़ 20 लाख राशि पीड़ित लोगों को वापस की गई। 4 करोड़ 13 लाख परीक्षण के बाद लौटाई जाएगी। चंद्राकर ने कहा कि साइबर ठगी के कुल 722 प्रकरण चिन्हित हुए। 375 की गिरफ्तारी हुई। जांच के बाद आगे क्या कार्यवाही हो रही है? मंत्री ने कहा कि साइबर अपराध में 20 लाख करोड़ से अधिक ट्रांजक्शन भारत में होना पाया गया है। यह पूरी दुनिया का 40 प्रतिशत है। इस पर नियंत्रण पाने में न सिर्फ प्रदेश की पुलिस बल्कि केन्द्रीय गृह भी मंत्रालय लगा हुआ है। चंद्राकर ने पूछा कि साइबर अपराध को रोकने छत्तीसगढ़ की पुलिस ने क्या विशेषज्ञता हासिल की है? पूर्व में इसी सदन में साइबर थाने खोलने की घोषणा हुई थी। घोषणा के बाद कितने साइबर थाने खुले? उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे प्रदेश के ही दायरे में नहीं सोचा जाना चाहिए, बल्कि देश और विश्व के हिसाब से सोचने की जरूरत है। छत्तीसगढ़ में साइबर भवन का निर्माण हुआ है। चंद्राकर ने कहा कि केवल भवन खड़ा कर लेने व सामान जुटा लेने से बात नहीं बनेगी। इनका उपयोग तभी हो पाएगा जब एक्सपर्ट होंगे। सवाल वही है कि घोषणा के बाद कितने थाने खुले? उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जगदलपुर एवं अम्बिकापुर को अपग्रेड किया गया है। प्रदेश के सभी जिलों में साइबर सेल काम कर रहा है। चंद्राकर ने कहा कि मेरी जानकारी में 5 क्षेत्रों में साइबर थाने खोलने की घोषणा हुई थी। उसमें से एक ही जगह पर खुल पाया, जहां नियुक्तियां नहीं हुईं। साइबर थाने के बारे में बताएं, साइबर सेल के बारे में नहीं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 रेंज में साइबर थाने हैं, जहां 69 लोग कार्यरत हैं।