मिसाल न्यूज़
रायपुर। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने आज विधानसभा में छत्तीसगढ़ सरकार का 2025-2026 का अनुमानित बजट पेश करते हुए इसे नीयत और कर्मठता का बजट बताया। उन्होंने गति शब्द पर जोर दिया। विधानसभा में अपने बजट भाषण में चौधरी ने कहा कि निकाय चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद अब तो तीसरा इंजन भी लग गया है। स्वाभाविक है कि छत्तीसगढ़ के विकास की रफ़्तार पहले से ज़्यादा तेज होगी। उन्होंने अमृत काल का हवाला देते हुए कहा कि मोदी जी के शब्दों में मैं कहना चाहूंगा यही समय है, सही समय है।
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ के जीवन काल की दृष्टि से यह वर्ष अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। हमारा राज्य अपनी ” रजत जयंती वर्ष” मना रहा है। सन् 2000 में जन्म के बाद हमारा छत्तीसगढ़ युवावस्था में पहुंच गया है। 25 वर्ष की आयु किसी व्यक्ति, संस्था या राज्य के जीवन काल में सर्वाधिक ऊर्जा का समय होता है। आज हमारे राज्य के लोगों की औसत आयु भी मात्र 24 वर्ष ही है, जो देश के लोगों की औसत आयु 28 वर्ष से भी बहुत कम है। इन 25 वर्षों में से 15 वर्ष छत्तीसगढ़ ने आपके नेतृत्व में तीव्र प्रगति की और अब हम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी के नेतृत्व में प्रदेश को नई ऊंचाईयों तक ले जाने का काम कर रहे हैं।
चौधरी ने कहा कि वर्ष 2000 में हमारे राज्य की जीडीपी मात्र 21 हजार करोड़ रुपये थी। अब हम 5 लाख करोड़ की जीडीपी को पार कर चुके हैं। प्रति व्यक्ति आय 10 हजार रुपये से बढ़कर डेढ़ लाख के पास पहुंच चुकी है। विश्वविद्यालयों की संख्या को हमने 4 से बढ़ाकर 25 तक पहुंचाया है। हमारे छत्तीसगढ़ राज्य का जब गठन हुआ था, तब हमारा बैच 12 वीं कक्षा पास होकर निकला था। मेरे एक दोस्त का राज्य की पीएमटी में रैंक डबल डिजिट में था, लेकिन उसे एम.बी.बी.एस. की सीट तक नहीं मिल पायी थी, क्योंकि उस समय पूरे राज्य में एक ही मेडिकल कॉलेज था। हमारी पार्टी की सरकारों के विशेष प्रयासों से अब मेडिकल कॉलेजों की संख्या 14 तक पहुँच चुकी है। राष्ट्रीय राज मार्गों, राजकीय राज मार्गों और रेल लाइनों की लम्बाई को भी हमने 25 सालों में डबल किया है। रायपुर में राज्य स्थापना के समय कुल 6 फ्लाईट ही आया करते थी, आज 76 फ्लाइटें आती हैं। उस समय बस्तर- सरगुजा में एयरपोर्ट को बात कोई सोच भी नहीं सकता था, लेकिन मोदी जी को उड़ान योजना के कारण यह भी संभव हुआ। प्रदेश में कुल बैंक ब्रांच महज 1500 हुआ करते थे, जिसे हम सबने मिलकर 6500 तक पहुंचाया है। 2 लाख शासकीय कर्मचारियों की संख्या को हमने 4 लाख तक पहुंचाई है। मात्र 5 लाख मीट्रिक टन की धान खरीदी अब 1 करोड़ 50 लाख मीट्रिक टन के पास पहुंच चुकी है। 7300 मेगावाट बिजली उत्पादन को हम सबने 18000 मेगावाट तक पहुंचाने में सफलता पाई है। छत्तीसगढ़ पावर सरप्लस राज्य बना है। सन् 2000 में स्थापना के समय हमारी राजधानी रायपुर या पूरे राज्य में एक भी राष्ट्रीय स्तर का संस्थान नहीं था, आज संभवतः हमारा रायपुर ऐसा एकमात्र राजधानी शहर है, जहाँ IIM है, AIIMS है, NIT &, IIIT है, CIPET है और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी HNLU भी है।
चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की यह प्रगति गाथा एक ओर मुझे हर्षित करती है, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के विकास और बेहतर भविष्य की ललक मुझे संतुष्ट होने नहीं देती, बल्कि और ऊर्जा से कार्य करने हेतु प्रेरित करती है। हमने अपने राज्य को विकसित राज्य बनाने हेतु “छत्तीसगढ़ अंजोर विजन – 2047” पथ प्रदर्शक दस्तावेज बनाया है।
चौधरी ने कहा कि पिछले सत्र में प्रस्तुत बजट से GYAN (ज्ञान) के रूप में समावेशी विकास की जो नींव हमारे द्वारा रखी गयी थी, आज का बजट उसी विकास की श्रृंखला का अगला पड़ाव है। हमने पिछले बजट में GYAN अर्थात् गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को केन्द्र बिन्दु बनाकर योजनाओं का न केवल निर्माण किया अपितु मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में पिछले पूरे एक साल इन योजनाओं को जनता तक सांय-सांय पहुँचाया भी है। इस बजट के शुरुआत में मैं GYAN अर्थात् अन्त्योदय या समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक रणनीति GATI (गति) का जिक्र करना चाहूँगा । GATI न केवल ज्ञान के कल्याण के लिये अनिवार्य है, बल्कि हमारे 2030 तक के मध्यकालिक लक्ष्य और 2047 तक के ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के दीर्घकालिक लक्ष्य को भी प्राप्त करने के लिये जरूरी है।
पहली बार हस्तलिखित बजट
चौधरी ने किए हस्ताक्षर
100 पृष्ठों में वित्त मंत्री ने हाथ से लिखा ऐतिहासिक बजट
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला जब वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने हस्तलिखित बजट पेश किया। यह पहला मौका है जब राज्य में कंप्यूटर-टाइप्ड बजट की जगह खुद वित्त मंत्री के हाथों से लिखा गया बजट सदन में प्रस्तुत किया। यह बजट 100 पृष्ठों का है, जिसे पूरी तरह हाथ से लिखा गया है। चौधरी ने इसे परंपराओं की ओर वापसी और मौलिकता को बढ़ावा देने का कदम बताया। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में हस्तलिखित बजट पेश करना एक अलग पहचान और ऐतिहासिक महत्व रखता है।
अब तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में केवल कंप्यूटर-टाइप्ड बजट ही पेश किए जाते रहे हैं, लेकिन इस बार परंपरागत और अनूठे अंदाज में बजट तैयार किया गया। वित्त मंत्री चौधरी का मानना है कि इससे प्रामाणिकता और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
बजट प्रस्तुत करने से पहले
वित्त मंत्री पहुंचे श्रीराम मंदिर
छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी आज वीआईपी रोड स्थित श्रीराम मंदिर पहुंचे। वित्त मंत्री ने श्री राम मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की।