मिसाल न्यूज़
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार व्दारा दिल्ली एवं मुम्बई में आयोजित किए गए इन्वेस्ट सम्मेलन को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आज विधानसभा में सवाल उठाया कि छत्तीसगढ़ में क्या ऐसी कोई परंपरा है कि बिना दुल्हे के बारात जाए।
प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत का सवाल था कि प्रदेश में जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक किस किस प्रकार के कितने उद्योगों की स्थापना हेतु शासन द्वारा किन-किन उद्योगपतियों/संस्थाओं के साथ कितनी कितनी राशि के एम.ओ.यू, किए गए? एम.ओ.यू. के अनुसार कितने उद्योगों की स्थापना का कार्य प्रारंभ हो गया है? उद्योगों की स्थापना प्रदेश के किन जिले, ब्लाक, ग्राम पंचायतों में की जानी है? छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासियों को कितने कुशल एवं अकुशल रोजगार प्राप्त हुआ अथवा होगा? वर्ष 2024-25 में इन्वेस्ट छत्तीसगढ़ सम्मेलन का आयोजन कहां-कहां किस तिथि को किया गया? इस पर कितनी राशि व्यय हुई?
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन की ओर से जवाब आया कि प्रदेश में उद्योग स्थापना हेतु जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक कोई एमओयू नहीं किए गए। राज्य में औद्योगिक निवेश की प्रक्रिया को सरलीकृत करते हुए 100 करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश के प्राप्त होने वाले अभिरूचि प्रस्तावों पर एमओयू निष्पादन के स्थान पर इन्वीटेशन टू इन्वेस्ट संबंधी पत्र जारी किये जा रहे हैं। प्रदेश में जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक कुल 31 इकाईयों को उनके निवेश अभिरूचि प्रस्तावों पर इन्वीटेशन टू इन्वेस्ट पत्र जारी किए गए हैं। निवेश प्रस्तावों में उद्योग स्थापना हेतु वर्तमान में स्थल चयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इन उद्योगों में कुल 22 हजार 557 व्यक्तियों को रोजगार दिया जाना प्रस्तावित है। औद्योगिक विकास नीति 2024-30 के अंतर्गत घोषित किए गए औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए उद्यम को राज्य के मूल निवासियों को स्थायी नियोजन में अकुशल कर्मचारियों/श्रमिक के मामले में 100 प्रतिशत, कुशल कर्मचारियों के मामले में न्यूनतम 70 प्रतिशत तथा प्रशासकीय/प्रबंधकीय कर्मचारियों के मामले में न्यूनतम 40 प्रतिशत रोजगार उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। वर्ष 2024-25 में इन्वेस्ट छत्तीसगढ़ सम्मेलन का आयोजन 23 दिसंबर 2024 को नई दिल्ली तथा 23 जनवरी 2025 को मुम्बई में किया गया। दिल्ली के आयोजन में 1 करोड़ 3 लाख 53 हजार 745 रुपये तथा मुम्बई के आयोजन में 1 करोड़ 61 लाख 27 हजार 531 रुपये कुल व्यय हुए।
डॉ. महंत ने पूछा कि छत्तीसगढ़ में क्या ऐसी कोई परंपरा है कि बिना दुल्हे के बारात जाए? लखनलाल देवांगन ने कहा कि आप दिल्ली वाले इन्वेस्ट सम्मेलन की ओर इशारा कर रहे हैं। हर सरकार अपनी उद्योग नीति को लेकर बाहर जाती है। कांग्रेस सरकार के समय में भी इन्वेस्ट सम्मेलन हुआ था। विष्णुदेव साय सरकार ने मुम्बई एवं दिल्ली में इन्वेस्ट सम्मेलन का आयोजन किया। दोनों सम्मेलन में 47 हजार करोड़ के 31 प्रस्ताव आए। छत्तीसगढ़ में नये उद्योग लगेंगे तो ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। डॉ. महंत ने कहा कि भूमि का चयन किया नहीं और इंडस्ट्री लगाना चाहते हैं। इस सम्मेलन का औचित्य तब होता जब जमीन चिन्हित कर लेते, संसाधन जुटा लेते। देवांगन ने कहा कि अब कहीं भी सम्मेलन होगा मुख्यमंत्री के अलावा आप नेता प्रतिपक्ष को भी आमंत्रित करेंगे। सत्ता पक्ष एवं विपक्ष मिलकर विचार करें तो नतीजे अच्छे ही आते हैं। मांग के अनुसार जमीन उपलब्ध हो जाती है। चार स्थानों पर जमीन चिन्हित कर ली गई है, जिनमें नया रायपुर एवं मुंगेली शामिल हैं।