मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा में आज भाजपा विधायक राजेश मूणत ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने भू माफियाओं से सांठ-गांठ कर मास्टर प्लान का दुरुपयोग किया।
प्रश्नकाल में राजेश मूणत का सवाल था कि क्या किसी भी शहर का मास्टर प्लान तैयार करते समय शहर में भविष्य में पार्किंग की व्यवस्था, उद्यान का विस्तार, खेल मैदान की पर्याप्त संख्या, आम सभा या किसी बड़े कार्यक्रम के लिए विशाल स्थल, नागरिकों के सुगम आवागमन के लिए चौड़ी-चौड़ी सड़कें, आदि गाईड लाईन का ध्यान रखकर मास्टर प्लान तैयार किया जाता है? यदि हां तो क्या मास्टर प्लान को तैयार करते समय इन सब विषयों का ध्यान रखा गया? यदि नहीं तो क्यों तथा इसकी जिम्मेदारी किसकी है?
आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ.पी. चौधरी की तरफ से जवाब आया कि सन् 2031 को ध्यान में रखते हुए रायपुर नगर का मास्टर प्लान तैयार किया गया था। 163 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। जांच के लिए समिति गठित की गई। शिकायतें ज्यादा होने के कारण डीप में जाकर काम करना पड़ा। जांच कमेटी के निष्कर्ष जैसे ही सामने आएंगे कदम उठाया जाएगा। मूणत ने कहा कि मंत्री ने स्वीकार किया कि काफी शिकायतें आई हैं। मास्टर प्लान फ्यूचर के हिसाब से बनाया जाता है। कौन-कौन सी कमियां देखने को मिलीं? चौधरी ने कहा कि 163 शिकायतें हैं। कुछ बिन्दुओं में प्रथम दृष्टया कमियां दिखती हैं। 6 प्रमुख बिन्दुओं पर जांच चल रही है। जांच प्रकिया सामने आने के बाद जो भी एक्शन लेना होगा लेंगे। मूणत ने कहा कि 1487 आपत्तियां आई थीं। इसके निराकरण की दिशा में क्या किया गया? लैंड यूज़ चेंज किया तो किस कारण किया? सीधा आरोप है कि पिछली सरकार ने भू माफियाओं से सांठगांठ कर मास्टर प्लान का दुरुपयोग किया। चौधरी ने कहा कि सदस्य की चिंता जायज है। मध्य क्षेत्र की कई सड़कें नक्शे में विलोपित हैं। मूणत ने कहा कि भू माफियाओं ने अवैध रूप से काट-काटकर जमीनों को बेचा है। राजधानी रायपुर के राज कुमार कॉलेज के आसपास जो सड़क 240 फुट की होनी थी उसे 140 फुट कर दिया। वह पूरा क्षेत्र एजूकेशन हब कहलाता है, जो बरबाद हो गया। चौधरी ने कहा इसका परीक्षण कराएंगे।