मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा में आज कांग्रेस विधायक दल ने अतिशेष 40 लाख मीट्रिक टन धान को टेंडर बुलाकर खुले बाजार में बेचने के निर्णय पर कड़ा विरोध जताया। विपक्ष ने 40 लाख मीट्रिक टन धान केन्द्र सरकार व्दारा खरीदा जाए की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव लाया और उस पर चर्चा कराने की मांग की। इस पर सरकार की ओर से वक्तव्य आ जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन पर चर्चा की अनुमति नहीं दी। इसके विरोध में कांग्रेस विधायकगण सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह में आ गए और सदन की कार्यवाही से स्वमेव निलंबित हो गए।
शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि भारत सरकार की समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन योजना के अन्तर्गत खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में प्रदेश सरकार व्दारा समर्थन मूल्य पर 149 लाख 24 हजार 710 मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया है। धान उपार्जन का कार्य राज्य सरकार केंन्द्र शासन के एजेंट बतौर करती है। सरकार व्दारा प्रस्तुत आंकड़े के अनुसार उपार्जित धान में से 40 लाख मीट्रिक टन धान अतिशेष हो रहा है, जिसको टेंडर बुलाकर खुले बाजार में बेचने का निर्णय तथाकथित डबल इंजन की विष्णु देव साय सरकार ने लिया है। धान की खरीदी तथाकथित मोदी जी की गारंटी के अंतर्गत हुई है। इस धान का निराकरण करना आज की स्थिति में सरकार की सबसे बड़ी समस्या हो गई है। 13 लाख 34 हजार मीट्रिक टन चावल स्टेट पूल में खपेगा जो 19 लाख 91 हजार मीट्रिक टन धान की मिलिंग से पूरा हो जाएगा। 70 लाख मीट्रिक टन चावल सेंट्रल पूल में भारतीय खाद्य निगम लेगा, जो लगभग 89 लाख मीट्रिक टन धान से पूरा हो जाएगा। पंजाब में इसी समय समर्थन मूल्य पर 172 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ है और इसका पूरा चावल केंद्रीय पूल में लिया जा रहा है। पंजाब में डबल इंजन की नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी की सरकार है। छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार है इसके बावजूद पूरा अतिशेष चावल केंद्रीय पूल में नहीं लिया जा रहा है। कैसे मान लें कि मोदी जी की गारंटी पर यहां अमल हो रहा है। हमारा तो पिछले सीजन का पूरा चावल भी आज तक नहीं लिया गया है। छत्तीसगढ़ में एफ.सी.आई. के पास चावल भंडारण के लिए पर्याप्त स्थान तक नहीं है। डबल इंजन की सरकार ऐसी सरकार है जो चावल को राज्य से बाहर ले जाने के लिए रेलवे रेक भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है। यहां सत्ता पक्ष मोदी जी के नाम की दुहाई देते थक नहीं रहा है। 40 लाख टन धान बेचने के लिए डबल इंजन की सरकार मजबूर हो गई है। इस पर हमने स्थगन दिया है, जिसे स्वीकार कर चर्चा कराएं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह स्थगन राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करने वाला स्थगन है। 40 लाख मीट्रिक टन धान खुले में बेचने का निर्णय बेहद दुर्भाग्यजनक है। इस पर दिए गए स्थगन को ग्राह्य कर चर्चा कराएं। स्थगन पर कांग्रेस विधायकगण उमेश पटेल व्दारिकाधीश यादव एवं श्रीमती संगीता सिन्हा ने भी संक्षिप्त में अपनी बात रखी।
विपक्ष के ओर से आए इस स्थगन पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री दयाल दास बघेल ने अपना वक्तव्य पढ़ा। वक्तव्य आने के बाद भूपेश बघेल ने कहा कि भारत सरकार से अनुरोध है कि वह पूरा चावल खरीदे। यह पूरे प्रदेश से जुड़ा मामला है। स्थगन को ग्राह्य कर चर्चा कराएं।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि विपक्ष के विचार सुनने और उस पर शासन का वक्तव्य आ जाने के बाद मैं इस स्थगन को प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं देता। स्थगन पर चर्चा की अनुमति नहीं मिलने पर सारे कांग्रेस विधायकगण सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह में आ गए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि गर्भ गृह में आकर सारे विपक्षी सदस्य स्वमेव निलंबित हो गए हैं, अतः वे सदन से बाहर चले जाएं। इसके पश्चात् विपक्षी विधायगण नारेबाजी करते हुए सदन के बाहर चले गए।