मिसाल न्यूज़
रायपुर। रायपुर-विशाखापट्टनम भारतमाला प्रोजेक्ट में जमीन और मुआवजे के नाम पर हुए करोड़ों के खेल का मामला आज विधानसभा में जमकर उठा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इसकी सीबीआई या फिर विधायकों की समिति से जांच कराने की मांग की लेकिन राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा संभागायुक्त की टीम से ही जांच कराने की बात पर अड़े रहे। इसके विरोध में कांग्रेस विधायकगण सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए।
प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत का सवाल था कि भारतमाला परियोजना अंतर्गत क्या रायपुर जिले के ग्राम नायक बांधा में किसानों के 32 खाते को 247 छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित कर मुआवजा का निर्धारण एवं वितरण किया गया है? कलेक्टर रायपुर व्दारा संस्थित जांच का निष्कर्ष तथा लोक सेवकों के विरूद्ध कार्यवाही का विवरण बताएं?
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा की ओर से जवाब आया कि ग्राम नायकबांधा में 13 मूल खसरों को 53 छोटे-छोटे भू-खण्डों में बंटाकन करके मुआवजा वितरण किये जाने का मामला सामने आया है। कलेक्टर व्दारा गठित जांच दल से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार भूमि अर्जन हेतु प्रारंभिक अधिसूचना के प्रकाशन के उपरांत क्रय-विक्रय के प्रकरणों को शामिल किए जाने तथा पूर्व दिनांक के फर्जी नामांतरण प्रकरण तैयार कर मुआवजा स्वीकृत किए जाने से शासन को आर्थिक क्षति होना प्रतिवेदित किया गया है। कलेक्टर से प्राप्त जांच रिपोर्ट पर कार्यवाही करते हुए विभाग व्दारा लखेश्वर प्रसाद किरण तत्कालीन नायब तहसीलदार गोबरा नवापारा, जितेन्द्र साहू तत्कालीन हल्का पटवारी क्रमांक 49 नायकबांधा, दिनेश पटेल वर्तमान पटवारी हल्का 49 नायकबांधा, लेखराम देवांगन तत्कालीन हल्का पटवारी 24 टोकरो को निलंबित किया गया है। शेष व्यक्तियों निर्भय साहू तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं सक्षम अधिकारी (भू-अर्जन) तथा शशिकांत कुर्रे डिप्टी कलेक्टर तत्कालीन तहसीलदार अभनपुर के विरूद्ध सामान्य प्रशासन विभाग व्दारा कार्यवाही की जा रही है।
डॉ. महंत ने कहा कि भू अर्जन का सवाल उठा, जिसमें 13 मूल खातेदार के खसरे को 54 टूकड़ों में बांटा गया। 43 करोड़ 19 लाख का आर्थिक नुकसान केन्द्र सरकार को कराया गया। कुछ लोग सस्पेंड हुए। इसमें बड़े अधिकारियों की संलग्नता की भी बात मंत्री ने स्वीकार की है। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं कि इस काम में दोनों-तीनों राजनीतिक दल से जुड़े लोगों की भी संलग्नता हो सकती है। इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराएं। वैसे भी प्रदेश में ईडी तथा अन्य एजेन्सियां बड़े मामलों की जांच कर ही रही हैं। टंकराम वर्मा ने कहा- अनियमितता एवं भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। कृष्ण कुमार साहू एवं हेमंत देवांगन की ओर से शिकायतें हुई थीं। इस परियोजना में गड़बड़ी तो हुई है। अधिसूचना जारी होने के बाद रकबे का टूकड़ा किया गया। मुआवजा किसी को मिलना था, मिला किसी और को। मुआवजे का एक हिस्सा ट्रस्ट को मिलना था, मिल गया ट्रस्ट से जुड़े निजी व्यक्ति को। बंटाकन टूकड़े का जो खेल चल पड़ा है उस गड़बड़ी को रोकने विष्णु देव साय सरकार ने अधिनियम पास किया है। गड़बड़ियों का जांच हो रही है। कार्यवाही भी हो रही है। डॉ. महंत ने कहा- दुख की बात है कि प्रकाशन के बाद बंटवारा हुआ। आपने कुछ अधिकारियों को सस्पेंड किया। दोषी लोगों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल रवाना कर दें। सीबीआई जांच की घोषणा कर दें। टंकराम वर्मा ने कहा- जैसे-जैसे शिकायतें मिल रही हैं, कार्यवाही कर रहे हैं। जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्यवाही होगी।
डॉ. महंत ने कहा- निलंबन के बजाय एफआईआर करने में दिक्कत क्या है? 45 साल से राजनीति कर रहा हूं। इसे मकड़जाल कहिये या अधिकारियों का जाल कहिये। आप इन्हें निलंबित करेंगे, बाद में ये बहाल हो जाएंगे और फिर काम करने लगेंगे। जो लोग सिस्टम को तार-तार कर रहे हैं उनके खिलाफ बड़ी कार्यवाही करते हैं तो लोकतंत्र में इससे बड़ा उदाहरण नहीं होगा। हाथ जोड़कर विधानसभा अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री से निवेदन है कि आप की डबल इंजन, ट्रिपल इंजन, चार इंजन वाली सरकार है, फिर सीबीआई जांच में क्या दिक्कत है? टंकराम वर्मा ने कहा- जितनी भी तरह की शिकायतें आई हैं, संभागायुक्त की टीम से जांच कराएंगे। दोषी लोगों को छोड़ेंगे नहीं। डॉ. महंत ने कहा- मुख्यमंत्री इस मामले को सीबीआई को सौंपे। मैं यह नहीं कह रहा आपके जमाने में हुआ। मैं मान रहा हूं कि यह पिछली सरकार के समय में हुआ, क्या तब भी आप सीबीआई जांच के लिए तैयार नहीं होंगे? टंकराम वर्मा ने कहा- नेता प्रतिपक्ष की शिकायत गंभीर है। दोषी लोग बख्शे नहीं जाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा- ये सीबीआई जांच की बात कह रहे हैं। टंकराम वर्मा ने कहा- संभागायुक्त की टीम से जांच कराएंगे। डॉ. महंत ने कहा- मुख्यमंत्री संज्ञान में लेकर सीबीआई जांच की घोषणा करें। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा- राजस्व मंत्री ने सही जवाब दिया है। आपने तो अपनी सरकार के समय में सीबीआई को बेन कर रखा था। डॉ. महंत ने कहा- हां, हमने ऐसा किया था। आपने तो सीबीआई के लिए दरवाजा खोलकर छत्तीसगढ़ के भाग्य खोल दिए हैं। विधायकों की समिति से जांच करा लें। ये तो आप कर ही सकते हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- ये कह रहे हैं कि सीबीआई नहीं तो विधायकों की समिति से जांच करा लें। टंकराम वर्मा ने कहा- संभागायुक्त की टीम पर्याप्त है। डॉ. महंत ने कहा- मैं नाम नहीं लेना चाहता कि कौन आईएएस अफसर इसमें इन्वॉल्व है। किस विधायक के माध्यम से क्या हुआ। बड़े स्तर की जांच की घोषणा हो जाएगी तो छत्तीसगढ़ का भला होगा, केन्द्र का भला होगा। सुशासन की दिशा में बड़ा कदम होगा।
कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा- क्या शिकायतों के आधार पर वृहद जांच कराएंगे? इस बीच भाजपा विधायक रिकेश सेन ने कहा- जब आप लोगों को सीबीआई जैसी एजेन्सी पर विश्वास नहीं तो बार-बार उसी बात को क्यों दोहरा रहे हैं। वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा- इन्हें तो केन्द्रीय जांच एजेन्सियों पर भरोसा ही नहीं है। उमेश पटेल ने पूछा- जांच शिकायतों के आधार पर होगी या अलग-अलग बिन्दुओं के आधार पर? विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- मंत्री तो कह चुके हैं सीबीआई या विधायकों की समिति से नहीं संभागायुक्त की टीम से जांच कराएंगे। टंकराम वर्मा ने कहा- सूक्ष्मता से जांच होगी। भष्टाचार के खिलाफ जीरो टारलेंस वाला लक्ष्य है। जो भी दोषी होगा बख्शा नहीं जाएगा। कांग्रेस विधायक दलेश्वर साहू ने कहा- मेरे विधानसभा क्षेत्र में इसी तरह को मामले में गलत तरीके से डायवर्सन करते हुए करोड़ों रुपये बांट दिए गए और सिर्फ पटवारी को सस्पेंड किया गया।
डॉ. महंत ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की ओर मुखातिब होते हुए कहा- 5 साल मैं भी विधानसभा अध्यक्ष रहा था। शासन की सहमति होने पर सीधे निर्णय लिए जा सकते हैं। आप तो 15 साल मुख्यमंत्री भी रहे। कितनों को जेल भेजा होगा, नहीं कहना चाहूंगा। विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है। यहां घंटी बजा रहा हूं। आप निराश करेंगे तो मजबूरी में हाईकोर्ट जाउंगा। जो जवाब मिल रहा उससे संतुष्ट नहीं हूं। इसके विरोध में हम बहिर्गमन करते हैं। इसके साथ ही सारे कांग्रेस विधायकगण नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए।