मिसाल न्यूज़
रायपुर। विधानसभा में आज कांग्रेस विधायक श्रीमती हर्षिता स्वामी बघेल के सवालों से वन मंत्री केदार कश्यप घिरे नजर आए। श्रीमती बघेल ने आरोप लगाया कि किसानों के लिए 39 प्रशिक्षण होने के दावे हो रहे हैं, सच्चाई यह है कि 18 स्थानों पर ही प्रशिक्षण हुआ। सवाल यह है कि क्या 21 प्रशिक्षण कागजों में ही हुआ?
प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक श्रीमती हर्षिता स्वामी बघेल का सवाल था कि डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किसानों को फसल उत्पादन और संरक्षण प्रौद्योगिकी, फसल प्रणाली आधारित प्रदर्शनी, फसलों की नई किस्म/हाईब्रिड के प्रमाणित बीजों के उत्पादन और वितरफ एकीकृत पोषक तत्व और कीट प्रबंधन तकनीक, उन्नत कृषि करना/उपकरण/संसाधन संरक्षण, मशीनरी – जल संरक्षण उपकरण आदि की जानकारी हेतु विगत 03 वर्षों में प्रशिक्षण कार्यक्रम कहां-कहां आयोजित किये गये? आयोजन हेतु कितनी-कितनी राशि का व्यय, किस-किस योजना/मद से किया गया? प्रशिक्षण में कितने किसान/हितग्राही सम्मिलित हुए?
कृषि मंत्री रामविचार नेताम की ओर से जवाब आया कि डोंगरगढ़ विधानसभा से संबद्ध विकासखण्ड राजनांदगांव, डोंगरगढ़ एवं खैरागढ़ हैं। प्रश्नाधीन अवधि में इन विकासखण्डों में वर्ष 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में कुल 39 प्रशिक्षण आयोजित किये गए, जिनमें 991 कृषक सम्मिलित हुए। 2 लाख 66 हजार 808 रुपये का व्यय हुआ।
श्रीमती हर्षिता स्वामी बघेल ने कहा कि मंत्री की ओर से 39 प्रशिक्षण होने का जवाब आया है, जबकि मेरी जानकारी में 18 ही स्थानों पर प्रशिक्षण हुआ है, तो क्या 21 प्रशिक्षण कागजों में ही हुआ है? मंत्री गलत जवाब दे रहे हैं। उक्त प्रशिक्षण में किसान गोष्ठी के अलावा क्या और कोई प्रशिक्षण हुआ? मंत्री रामविचार नेताम की अनुपस्थिति में वन मंत्री केदार कश्यप ने विभिन्न प्रशिक्षणों की जानकारी दी। हर्षिता बघेल ने कहा कि उपकरणों से संबंधित तो कोई प्रशिक्षण ही नहीं दिया गया है। प्रशिक्षण के नाम पर केवल खानापूर्ति कर दी गई। केदार कश्यप ने कहा कि कोई खानापूर्ति नहीं हुई है। हर्षिता बघेल ने कहा कि 18 स्थानों पर हुए प्रशिक्षण में किसान मित्र बनाए जाने के दावे होते रहे हैं। यह बात तो किसानों को भी नहीं पता। यहां अधूरा जवाब आया है। 2023-24 में प्रशिक्षण की बात कही जा रही है, जबकि इस वित्तीय वर्ष में कोई प्रशिक्षण ही नहीं हुआ।