मिसाल न्यूज़
रायपुर /हैदराबाद। बैनेट कोलमैन ( द टाईम्स ऑफ इंडिया) द्वारा हैदराबाद में आयोजित एक भव्य समारोह में रायपुर के सुप्रसिद्ध फिजिशियन एवं समाजसेवी प्रो डॉ अजय सहाय को हेल्थ केयर के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान और उपलब्धियों के लिए “टाइम्स लीडर्स ऑफ हेल्थकेयर अवार्ड 2025” से सम्मानित किया गया है। इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
इस अवसर पर मेजर जनरल (रिटायर्ड) जी डी बक्शी, टाइम्स ऑफ इंडिया की सीनियर एडिटर दीपाल गाला, एमएसएन फार्मा के प्रेसिडेंट आशीष गुप्ता, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर भरत रेड्डी सहित देश के विख्यात चिकित्सा विशेषज्ञ एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। विदित हो कि डॉ सहाय अंचल में “गरीबों के डॉक्टर” के नाम से प्रसिद्ध हैं और विगत चार दशकों से दूरस्थ ग्रामीण, पिछड़े आदिवासी बहुल एवं नक्सल प्रभावित इलाकों में निशुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। सैकड़ों स्वास्थ्य शिविरों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से उन्होंने समाज को स्वस्थ, स्वच्छ और समृद्ध बनाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास किया है। उन्होंने विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं , ज्वलंत सामाजिक मुद्दों और सामाजिक कुरीतियों के प्रति आम जनता को जागरूक बनाने के लिए अनेक रोचक लघु फिल्मों, प्रोमोज, वृत्त चित्रों और जिंगल्स का निर्माण किया है जो दूरदर्शन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक चैनलों द्वारा नियमित रूप से प्रसारित किए जाते रहे हैं। दूरदर्शन की किसान चैनल पर प्रसारित और स्वच्छ भारत अभियान पर केंद्रित धारावाहिक “परिवर्तन” का निर्देशन भी डॉ सहाय ने किया था।
अति विशिष्ट समाज सेवाओं के डॉ सहाय को अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा अंबेडकर अवार्ड के साथ साथ उन्हें महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री कोशियारी एवं राधाकृष्णन , प. बंगाल के राज्यपाल डॉ आनंदा बोस, छत्तीसगढ के राज्यपाल शेखर दत्त, छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा डॉ बी सी राय पुरस्कार, जयपुर में बेस्ट डॉक्टर ऑफ इंडिया 2024 सम्मान एवं डॉक्टरों की सबसे बड़ी राष्ट्रीय संस्था इंडियन मेडीकल एसोसियेशन द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में अति विशिष्ट योगदान के लिए सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। समाज को कानून के प्रति जागरूक बनाने के उद्देश्य से डॉ सहाय द्वारा निर्मित और निर्देशित शार्ट फिल्मों “कैसे बताऊं”, “नन्ही परी”, “डरो मत “और “नोनी” को छग हाई कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीशों राधाकृष्णन और अरूप गोस्वामी के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।