मिसाल न्यूज़
प्रोड्यूसर मोहित साहू की छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘गुईयां- 2’ में दीक्षा जायसवाल दर्शकों के दिल में रचे-बसे एक्टर अमलेश नागेश के अपोज़िट नज़र आएंगी। दीक्षा कहती हैं- “गुईयां- 2 न सिर्फ़ मनोरंजन करेगी, सिस्टम पर सवाल खड़े करते भी नज़र आएगी।“ ‘गुईयां- 2’ का प्रदर्शन 2 मई को पूरे छत्तीसगढ़ में होने जा रहा है।
‘गुईयां- 2’ में अमलेश नागेश व दीक्षा जायसवाल
हाल ही में ‘मिसाल न्यूज़’ की दीक्षा जायसवाल से बातचीत हुई, जिसके मुख्य अंश यहां प्रस्तुत हैं-
0 ‘गुईयां- 2’ में किस तरह का किरदार है…
00 अमलेश नागेश जी के अपोज़िट हूं। घरेलू लड़की का किरदार। नर्म दिल। हर परिस्थितियों में अपने पति के साथ खड़ी रहती है। अमलेश जी के साथ मेरी दूसरी फ़िल्म है।
0 आज की तारीख़ में अमलेश छॉलीवुड में बड़ा नाम हैं। उनके साथ फ़िल्म करने का अनुभव कैसा रहा…
00 वे न सिर्फ़ अच्छे एक्टर बल्कि अच्छे इंसान भी हैं। काम के प्रति पूरी तरह समर्पित रहने वाले। हार्ड वर्कर। डाउन टू अर्थ, लेकिन बेवज़ह सीरियस भी नहीं। वे जब भी सेट पर रहें हॅसी मज़ाक के हल्के-फुल्के माहौल में काम होते चले जाता है। यह भी उतना ही सच है कि अमलेश जी फ़िल्म की क्वालिटी से किसी तरह का समझौता नहीं करते।
0 एन. माही प्रोडक्शन हाउस के बारे में पूछें तो…
00 एन. माही की पूरी टीम काफ़ी मज़बूत है। कलाकारों से लेकर टेक्नीशियन तक। प्रोफेशनल तरीके से कैसे काम होता है, यह एन. माही से जुड़कर समझा जा सकता है।
0 चलिए ‘गुईयां- 2’ पर लौटते हैं, क्या ख़ास है…
00 सबसे अहम् बात तो स्टोरी बेहतरीन है। मसाला मनोरंजक है, लेकिन इसका अपना स्टैंडर्ड देखने को मिलेगा। यह फ़िल्म हॅसाएगी और रुलाएगी भी। कुछ ऐसे सीन सामने होंगे, जिन्हें देखकर सिस्टम पर गुस्सा आएगा।
0 फ़िल्म के सब्जेक्ट को लेकर इतनी कांफीडेंट हैं तो मेकिंग पर भी कुछ कह दीजिए…
00 इस फ़िल्म के शूट के लिए पूरी यूनिट अमलेश के गांव कामराज गई थी। शूट के समय सारे लोग आपस में इतने घुल-मिल गए थे कि परिवार जैसा माहौल हो गया था। शूट पूरा होने के बाद वहां से वापस लौटने का मन नहीं कर रहा था।
0 ‘गुईयां- 1’ के गानों की धूम मच गई थी, ‘2’ का संगीत पार्ट कैसा है…
00 ‘पार्ट- 2’ में सुनील सोनी जी, मोनिका-तोषांत जी के गीत संगीत का ज़ादू दिखेगा।
0 प्रोड्यूसर मोहित साहू को लेकर आपकी क्या राय है…
00 मोहित सर के भीतर एक ही धुन है, छत्तीसगढ़ी सिनेमा कैसे आगे बढ़े। उनकी सोच काफ़ी दूर तक जाती है। सीजी सिनेमा को ऐसे ही प्रोड्यूसरों की ज़रूरत है।