कारवां (25 मई 2025) ● छत्तीसगढ़ में बढ़ेगी विधायकों की संख्या… ● राज्योत्सव में हो सकता है नये विधानसभा भवन का उद्घाटन… ● उम्मीदों पर खरी नहीं नया रायपुर की रेल सेवा… ● छत्तीसगढ़ में दौड़ रहे व्दिअर्थी गाने… ● अनुज शर्मा ने भी तो किया था… ● अनुराग का ये कैसा राग…

■ अनिरुद्ध दुबे

पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से विधानसभा की सीटों को लेकर नये परिसीमन की तैयारियों की खबरें आने लगी हैं। परिसीमन के बाद मध्यप्रदेश में विधानसभा की 50 सीटें बढ़ने की संभावना है। जब अविभाजित मध्यप्रदेश था, विधानसभा में 320 विधायकों के बैठने की व्यवस्था थी। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 90 विधायक कम हुए। मध्यप्रदेश विधानसभा में अभी की स्थिति में विधायकों की 20 सीटें अतिरिक्त हैं, 30 के लिए और इंतज़ाम करना पड़ेगा। मध्यप्रदेश की परिसीमन वाली इस ख़बर के बाद छत्तीसगढ़ में भी अंदर ही अंदर हलचल शुरु हो गई है। हालांकि सीटों के बढ़ने की प्रक्रिया काफ़ी लंबी है और छत्तीसगढ़ के मामले में थोड़ा ज़्यादा समय लग सकता है। माना जा रहा है आगे परिसीमन होने पर छत्तीसगढ़ में विधानसभा सीटों की संख्या 90 से बढ़कर 100 से 105 के बीच हो सकती हैं। रायपुर की बात करें तो यहां की 4 सीटें बढ़कर 6 हो सकती हैं। मध्यप्रदेश की तैयारियों के बाद छत्तीसगढ़ में भी टिकट के दौड़ में रहते आए कई नेता अभी से संभावनाएं तलाशने में लग गए हैं। कुछ नेताओं ने तो अपनी पत्नी को भी राजनीति में सक्रिय कर दिया है। यह ध्यान में रखकर कि महिला आरक्षण वाला मामला सामने आया तो हम न सही, विकल्प के रूप में जीवन संगिनी ही सही।

राज्योत्सव में हो सकता

है नये विधानसभा

भवन का उद्घाटन

नया रायपुर में नये विधानसभा भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 साल पूरे हो जाने हैं। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह चाह रहे हैं कि 1 नवंबर को राज्योत्सव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों नये विधानसभा भवन का लोकार्पण हो जाए। नई विधानसभा में सदन के भीतर विधायकों की 200 सीटों की व्यवस्था की जा रही है। भविष्य को ध्यान में रखकर। हालांकि वर्तमान में विधायकों की संख्या 90 है। ठेका कंपनी को विधानसभा भवन का कार्य सितंबर तक पूरा कर लेने का टारगेट दिया गया है। कोशिश यही चल रही है कि विधानसभा का सचिवालय अक्टूबर में नये भवन में शिफ्ट हो जाए। विधानसभा का जुलाई में होने वाला मानसून सत्र तो पुराने ही भवन में होगा, लेकिन दिसंबर में होने वाला शीतकालीन सत्र नये भवन में होना तय माना जा रहा है।

उम्मीदों पर खरी नहीं

नया रायपुर की रेल सेवा

बड़े जोर-शोर के साथ नया रायपुर में रेलगाड़ी चलाना शुरु किया गया। सवाल यह है कि पुराना रायपुर से केन्द्री के बीच चल रही यह रेलगाड़ी आम जनता की उम्मीदों पर क्या खरी उतर पा रही है, तो इसका ज़वाब है- नहीं। हाल की स्थिति में इसमें यात्रा करने वालों की संख्या बहुत कम नज़र आ रही है। नया रायपुर में 4 स्टेशन अटल नगर, उद्योग नगर, सीबीडी एवं मुक्तांगन बनने की बात रही है, जिनमें सीबीडी का ही निर्माण पूरा हो पाया। बाकी 3 स्टेशनों का निर्माण कार्य मार्च तक पूरा करने का टारगेट दिया गया था, लेकिन नया रायपुर डेलपमेंट अथॉरिटी (एनआरडीए) इसे पूरा नहीं करवा पाया। जिस गति से काम चल रहा है उसे देखते हुए माना यही जा रहा है कि बाकी तीनों स्टेशन के शुरु होने में 10 से 12 महीने लगेंगे। अभी पुराना रायपुर से केन्द्री तक जो मेमू ट्रेन चल भी रही है उसे पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के 1 नवंबर को 25 साल पूरे हो जाएंगे। मुर्दा शहर नया रायपुर के आबाद होने अभी भी दिल्ली दूर ही नज़र आ रही है।

छत्तीसगढ़ में दौड़

रहे व्दिअर्थी गाने

इन दिनों मानो छत्तीसगढ़ी व्दिवर्थी गानों का ट्रेंड चल पड़ा है। कारण, जब ऐसे गाने आएं तो यू ट्यूब पर देखने वाले टूट पड़ते हैं। अलबम हो या सिनेमा, बीच-बीच में कितने ही तो अच्छे गाने बनकर और छनकर संगीत प्रेमियों के बीच पहुंचते रहे हैं, लेकिन धन्य हो मीडिया, जिसने कभी “दबा बल्लू…” अलबम सॉग को बड़ा कव्हरेज देकर खुद को धन्य समझा था। अभी तो ऐसे-ऐसे छत्तीसगढ़ी गाने यू ट्यूब पर डाले जा रहे हैं, जिनके बोल यहां पर लिखे नहीं जा सकते। एक तरफ छत्तीसगढ़ी व्दिअर्थी गानों का अंधड़ चला हुआ है तो वहीं दूसरी ओर उसके खिलाफ़ छत्तीसगढ़ी लोक कला एवं सिनेमा से जुड़े एक वर्ग ने तूफान खड़ा कर दिया है। विरोध का स्वर उगलने वालों ने बक़ायदा राजधानी रायपुर के सिविल लाइन थाने में जाकर 30 से अधिक अश्लील गानों की लिस्ट सौंपी है। विरोध करने वालों ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसे अश्लील गाने बनाने वालों के खिलाफ़ कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र आंदोलन होगा। दूसरी तरफ गानों को लेकर विवाद में रहे लोग खुलकर कहते नज़र आ रहे हैं कि “हमारा विरोध वो लोग कर रहे हैं जो कभी खुद व्दिअर्थी गाने गा चुके हैं या उसमें एक्ट करते नज़र आए थे।“ अब विरोध करने वालों का कहना है कि “ठीक है हमने भी कभी व्दिअर्थी गाना गाया या उसमें एक्ट किया लेकिन वह दौर यू ट्यूब नहीं, सीडी व पेन ड्राइव का दौर था। हर किसी तक अश्लील गाना नहीं पहुंचता था। लेकिन अभी जिस तरह हर हाथ में मोबाइल है तो गंदगी ज़्यादा देखी जा रही है, साफ सुथरे कंटेंट कम।“

अनुज शर्मा ने

भी तो किया था

जैसा कि व्दिअर्थी गानों को लेकर जंग छिड़ी हुई है तो आरोपों  के तीर झेल रहे लोग बचाव में यह कहते नज़र आ रहे हैं कि आज के विधायक अनुज शर्मा ने भी तो कभी ‘मया’ फ़िल्म के लिए “खटिया म आना, बत्ती बुझाना, कुंडी लगा दे किवाड़ म… दुनिया जाए साले भाड़ म…” जैसा नायिका के साथ भारी उछलकूद वाला गीत किया था। उन पर तो कोई उंगली नहीं उठा रहा। यह सच है कि ‘मया’ में अनुज शर्मा ने यह मस्ती भरा गाना किया था, लेकिन इस तरह का उन्होंने इकलौता गाना ही किया। बाकी उनकी गिनती चरित्रवान एक्टर के रूप में होती रही है। रंग-बिरंगी फ़िल्मी दुनिया में डूबे रहने के बाद भी उनका नाम कभी किसी एक्ट्रेस के साथ नहीं जुड़ा।

अनुराग का ये कैसा राग

ब्राह्मण समाज के खिलाफ़ उलजुलूल टिप्पणी करने वाले विवादास्पद फ़िल्म डायरेक्टर अनुराग कश्यप के खिलाफ़ राजधानी रायपुर के थाने में कुछ दिनों पहले मामला दर्ज़ हुआ। इससे पहले महादेव एप को लेकर रायपुर में चल रही ईडी की कार्यवाही के दौरान एक्टर रणबीर कपूर का नाम उछला था। बियर का एक ब्रांड पिछले कुछ वर्षों से छत्तीसगढ़ में बनते आ रहा है। उस बियर ब्रांड के नाम पर फ़िल्म बनाना बॉलीवुड के फ़िल्म निर्माता एवं निर्देशक रोहित शेट्टी को महंगा पड़ गया था। बियर कंपनी वाले ठेकेदार ने तब रोहित शेट्टी को मुम्बई कानूनी नोटिस भिजवा दिया था। किसी तरह समझौते पर जाकर मामला सलटा था। न सिर्फ़ रोहित शेट्टी बल्कि उजड्डता के लिए मशहूर रहे एक्टर रणबीर कपूर समेत दूसरे एक्टर सोनू सूद व एक्ट्रेस सारा अली खान को बियर ब्रांड के प्रचार के लिए रायपुर आना पड़ा था।

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