देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300 वीं जयंती पर नगर निगम ने रखी निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता…

मिसाल न्यूज़

रायपुर। देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300 वीं जयंती पर नगर निगम ने उनकी जीवनी पर निबंध और चित्रकला स्पर्धा रखी, जिसमें छात्र, छात्राओं नागरिकों ने उत्साह से भाग लिया। सीनियर वर्ग में निबंध में 40, जूनियर वर्ग में निबंध में 58. सीनियर वर्ग में चित्रकला में 27, जूनियर वर्ग में चित्रकला में 83 बच्चों ने उत्साह के साथ भाग लिया।

सीनियर वर्ग निबंध स्पर्धा में प्रथम का प्रथम पुरस्कार पलक गोस्वामी, द्वितीय पुरस्कार दीपिका सिन्हा, तृतीय पुरस्कार आयुषी साहनी, चित्रकला सीनियर वर्ग में प्रथम पुरस्कार सुधाकर साहू, द्वितीय पुरस्कार कामेश चंद्राकर, तृतीय पुरस्कार दीक्षा पटले, निबंध जूनियर वर्ग में प्रथम पुरस्कार रीत गुड़वानी, द्वितीय पुरस्कार वर्तिका धुरंपर, तृतीय पुरस्कार आदिबा अंजुम कुरैशी, चित्रकला जूनियर वर्ग में प्रथम पुरस्कार सिया गुप्ता, द्वितीय पुरस्कार मेहर दीप कौर, तृतीय पुरस्कार वंशिका यदु को प्रदत्त किया गया। चित्रकला में 7 वर्ष की कनिका शुक्ला सबसे कम उम्र की प्रतियोगी रही। जबकि 55 वर्ष के देवआनंद पवार सबसे अधिक उम्र के प्रतियोगी रहे। इन सभी विजेता प्रतिभागियों को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री (नगरीय प्रशासन विभाग) अरूण साव ने प्रमाण पत्र प्रदत्त कर पुरस्कृत किया। इस अवसर पर  मंच पर विशेष अतिथि व मुख्य वक्ता विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष नारायण चंदेल, विधायकगण राजेश मूणत, सुनील सोनी, पुरंदर मिश्रा व मोतीलाल साहू, महापौर श्रीमती मीनल चौबे, सभापति सूर्यकांत राठौड़,  निगम संस्कृति विभाग अध्यक्ष अमर गिदवानी तथा निगम  कमिश्नर विश्वदीप उपस्थित थे।

कार्यक्रम में अपने  संबोधन में उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि सभी नागरिक प्रजा पालक प्रजा को परिवार एवं संतान की तरह पालन करने वाली लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की जीवनी से प्रेरणा लें कि वे देश व समाज के लिए क्या कर सकते हैं। जिन बच्चों ने लोकमाता अहिल्या बाई की जीवनी पर निबंध चित्रकला स्पर्धा में भाग लिया है उन्हें उनके जीवन से अवश्य प्रेरणा मिली होगी। राजमाता अहिल्या बाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 को हुआ। मात्र 8 वर्ष की बाल्यवस्था में उनका विवाह हो गया था। वे 29 वर्ष की आयु में विधवा हो गईं। उनके पति देव वीर गति को प्राप्त हुए। तब उनके ससुर ने उन्हें ढांढस बंधाया एवं सती प्रथा में सती ना होकर राजपाठ संभालने की प्रेरणा दी। उनके समक्ष उनके ससुर, बेटा, बेटी देवलोक गमन कर गये। इसके बावजूद लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर ने नारी सशक्तिकरण करने वाली मजबूत नारी के रूप में राजपाठ लगातार संभाला। उन्होंने बेटियों को शिक्षित किया। महिला सुरक्षा के अनेक कार्य किये। महिलाओं को सैन्य प्रशिक्षण दिया। नारी उत्थान एवं सशक्तिकरण सहित सेवा के कार्य अद्‌भूत तरीके से किये। लोकमाता अहिल्या बाई महान शिवभक्तिनी थी। जिनके हाथ में सदैव शिवलिंग होता था। पूरे देश में उन्होने मंदिरो का जीर्णोद्धार किया एवं धर्मशालाएं बनवाईं। जब उनके राज्य में डकैतों का प्रभाव बढ़ा, तो उन्होने घोषणा कर दी कि जो युवक डकैतों का सफाया करेगा, उससे वे अपनी बेटी का विवाह करायेंगी। उस समय के वीर युवक यशवंत राव फरसे ने डकैतों का सफाया किया, तो लोकमाता अहिल्या बाई ने यशवंत राव फरसे से अपनी बेटी मुक्ता का विवाह करवाया।

उप मुख्यमंत्री साव ने देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300 वीं जयंती पर निबंध चित्रकला स्पर्धा रखने विविध आयोजन करने पर महापौर श्रीमती मीनल चौबे और नगर निगम की पूरी टीम को सराहते हुए धन्यवाद दिया एवं कहा कि इससे नागरिकों को लोकमाता अहिल्या बाई की जीवनी की जानकारी मिलेगी एवं लोग उनके जीवन से प्रेरणा ले सकेंगे।
मुख्य वक्ता छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष, पूर्व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, ने कहा कि लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की 300 वीं जयंती पर उनकी जीवनी की जानकारी देश के नागरिकों को मिले यह यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूर दृष्टि सोच है। राजमाता अहिल्या बाई असाधारण प्रतिभा की धनी थीं। वे गरीब परिवार में पली -बढ़ीं। जब उन्हें होल्कर राज्य में शासन का अवसर मिला, तब उन्होने जनता के कल्याण के कार्य कर शासन को सुशासन में बदला। उन्होने दरिद्र नारायण की सेवा के कार्य किये। बाद में देश में पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योदय के माध्यम से दरिद्र नारायण की सेवा की। अटल जी एवं मोदी जी ने भी अंत्योदय के लिये अनेक कार्य किये हैं। इन सभी का उ‌द्देश्य हर गरीब के चेहरे पर खुशी लाना रहा है।

महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने कहा कि राज्य शासन के निर्देश पर नगर निगम रायपुर ने नगरवासियों को देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300 वीं जयंती पर उनकी जीवनी की जानकारी देने के उद्देश्य से विविध आयोजन रखे गए। देवी अहिल्या बाई होल्कर का जीवन संघर्ष पूर्ण रहा। वे सर्वगुण संपन्न थीं। महापौर ने कालेज के विद्यार्थियों से अपील की कि वे पहले देवी अहिल्या बाई होल्कर की जीवनी को पढ़ें और फिर नागरिकों को उनकी जीवनी की जानकारी दें, ताकि नागरिक उनके जीवन से प्रेरणा प्राप्त कर सकें। महापौर ने देवी अहिल्या बाई की जीवनी पर निबंध चित्रकला स्पर्धा में उत्साह से भाग लेने वाले विद्यार्थी बच्चों की सराहना की।

कार्यक्रम का संचालन निगम अपर कमिश्नर विनोद पाण्डेय ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन नगर निगम संस्कृति विभाग के अध्यक्ष अमर गिदवानी ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *