बाढ़ से कैसे हो बचाव… प्रशासन सजग… रायपुर कलेक्टर ने की तैयारियों की समीक्षा…

मिसाल न्यूज़

रायपुर। कलेक्टर डॉ गौरव सिंह ने जिले में बाढ़ और आपदा से राहत के लिए तैयारियों की समीक्षा बैठक ली। कलेक्टर ने कहा कि कुछ दिनों के भीतर मानसून आने की संभावना है। जिले की सभी तहसीलों और नगर निगम में बाढ़ के संभावित स्थानों को चिन्हित करें। सभी एसडीएम अपने राजस्व अमलों के साथ स्वयं तहसीलों का दौरा करें और ग्रामीणों से चर्चा कर आपदा राहत की कार्य योजना बनाएं। गांव-नदी तट में गोताखोरों की तैनाती रखें। तैयारियां समय से पूर्व कर लें जिससे बाढ़ जैसी आपदा का सामना सक्षमता और प्रभावी ढंग से कर सकें। बैठक में नगर निगम कमिश्नर विश्वदीप उपस्थित थे।

डॉ सिंह ने कहा कि संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र और संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों की पहचान कर लें। दिव्यांग, बीमार व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं एवं धातृ माताओं की सूची विशेष रूप से तैयार कर लें। अभी से ऐसे स्थल को चिन्हांकित कर लें जिनका उपयोग सुरक्षित स्थान के लिए किया जा सके और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि बाढ़ से सबसे अधिक मवेशी प्रभावित होते हैं। उनके लिए भी सुरक्षित स्थान रखें। साथ ही पशुओं को होने वाली संक्रामक बीमारी से बचाव के लिए दवाईयों का इंतजाम कर लें। खाद्य विभाग उचित मूल्य की दुकानों में राशन की उपलब्धता सुनिश्चित करें और यह भी जायजा लें कि बाजार में चना, चावल, आटा, गुड़, दाल, नमक आदि खाद्य पदार्थ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो, ताकि आवश्यकता एवं समयानुसार उपलब्धता में विलंब न हो।

कलेक्टर डॉ सिंह ने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हेतु परिवहन आदि से संबंधित व्यवस्था पूर्व से ही सुनिश्चित कर ली जाए। पेयजल की गुणवत्ता शुद्धता को सुनिश्चित करने हेतु पर्याप्त संख्या में क्लोरिन टेबलेट की व्यवस्था कर ली जाए। चिकित्सा विभाग अभी से बारिश के समय फैलने वाली महामारी जैसे डायरिया, मलेरिया, पीलिया आदि के लिए दवाईयों तथा टेस्ट किट इत्यादि की व्यवस्था कर लें, ताकि उस समय किसी प्रकार परेशानी का सामना ना करना पड़े। साथ ही मोबाइल मेडिकल टीम का गठन कर कर लें। कलेक्टर डॉ सिंह ने कहा कि बाढ़ से पूर्व जिले की मुख्य सड़कों विशेषकर जिला मुख्यालय से ब्लॉक, तहसीलों, गांवों को जोडने वाली सड़कों की मरम्मत करा ली जाए। पुल-पुलिया की भी मरम्मत करके उन्हें यातायात के लिए सुगम बना लिया जाए। उन्हींने कहा कि बाढ़ के दौरान राहत, बचाव कार्य के लिए मोटर बोट की आवश्यकता होती है अतः बोटों की मरम्मत कर लें। साथ ही जेनरेटर, पेट्रोमेक्स, टेंट, खाली सीमेंट की बोरी, लाइफ जैकेट की उपलब्धता सुनिश्चित हो। जिला स्तरीय अधिकारियों का टास्क फोर्स गठित हो, जो समय समय बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा करें।

नगर निगम कमिश्नर  विश्वदीप ने कहा कि निगम के निचली बस्तियों और कुछ विशेष स्थानों में जो बाढ़ के स्थिति निर्मित होने की संभावना रहती है उन जगहों पर साफ-सफाई की व्यवस्था कर ली जाए। ताकि पानी का जमाव ना हो। साथ ही स्वास्थ्य विभाग अपनी टीम को अलर्ट करें।

उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की है जो जिला कार्यालय रायपुर के कक्ष क्रमांक-6 में कार्यरत है। आम नागरिक आपात स्थिति में 0771-2413233 पर संपर्क कर सकते हैं।

बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुमार विश्वरंजन, अपर कलेक्टर एवं बाढ़ नियंत्रण कक्ष के नोडल अधिकारी मनीष मिश्रा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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