मिसाल न्यूज़
रायपुर। महापौर श्रीमती मीनल चौबे का कहना है कि इंदौर में सफाई को लेकर जबरदस्त मॉनिटरिंग सिस्टम है। वहां के सफाई कर्मियों पर नगर निगम का पूरा कंट्रोल रहता है। कचरा लेने से कोई घर छूटा रह गया तो मैसेज पहुंच जाता है। हमारे रायपुर में सफाई के लिए रामकी कंपनी की जो गाड़ियां चल रही हैं, उनकी सही मॉनिटरिंग नहीं हो रही है। मानकी की गाड़ियों में भी जीपीएस सिस्टम लगा है, पर मॉनिटिरिंग करने वाला कोई नहीं है। हम ज़ल्द इसमें सुधार करेंगे।
इंदौर अध्ययन दौरे के बाद महापौर श्रीमती मीनल चौबे आज निगम मुख्यालय में मीडिया से रूबरू हुईं। महापौर ने कहा कि इंदौर सफाई के मामले में लगातार आगे रहते आया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने यहां के सभी 14 महापौरों को इंदौर भेजा था, ताकि यहां सफाई व्यवस्था में सुधार लाने वहां के सिस्टम का अनुकरण कर सकें। इंदौर भ्रमण में मैंने जाना कि वहां पॉलीथीन व अन्य तरीके के प्लास्टिक सामानों पर रोक है। हमारे यहां नालों की सफाई में जो गाद निकलती है उसमें 70 प्रतिशत पॉलिथिन व डिस्पोजल गिलास मिलते हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा। इसमें हम स्वच्छता दीदियों की और ज्यादा मदद लेंगे। स्ट्रीट वेंडर और चौपाटी पर लगने वाली दुकानों की तरफ सफाई को लेकर हमें विशेष ध्यान देना होगा। इंदौर में घरों से निकलने वाला कचरा छह भागों में बंटता है जबकि हमारे यहां केवल गीला व सूखा कचरा लेने की व्यवस्था है। हमारे यहां कचरा लेने वाली गाड़ी में दो लोग, ड्रायव्हर व उसका एक सहयोगी रहते हैं। इंदौर में ड्रायव्हर व सहयोगी के अलावा एनजीओ का भी एक व्यक्ति शामिल रहता है। रायपुर में कचरा गाड़ी मिस हो गई तो बहुत से लोग कचरा नालियों में डाल देते हैं। इंदौर में ऐसा कर पाना इसलिए संभव नहीं है कि वहां नालियां कवर्ड हैं। कचरा देने से रह गए तो दूसरे दिन का इंतजार करना पड़ता है। इंदौर में निकलने वाले कचरों की री साइकिलिंग के लिए अलग-अलग स्थानों पर व्यवस्था है, रायपुर में इसकी कमी है। इंदौर में कचरे के साथ फेंके जाने वाले कपड़ों की भी री साइकलिंग व्यवस्था है। हमें आगे इस दिशा में काम करना होगा। इंदौर में हमें छोटी सी कमी भी नजर आई। वहां कुछ देर बारिश हुई। नालियां सब तरफ से पेक होने के कारण बरसात का पानी ओवर फ्लो होकर सड़कों पर बहता दिखा।