मिसाल न्यूज़
रायपुर। सक्ती जिले में स्थापित आर.के.एम. पॉवरजेंन पॉवर प्लांट एवं डी.बी. पॉवर लिमिटेड में होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर कांग्रेस विधायक बालेश्वर साहू ने आज विधानसभा में चिंता जताई। उन्होंने आक्रोशित होते हुए कहा कि प्लांट में अवैध डंपिंग के दौरान घायल हुए श्रमिक को मात्र 25 हजार मुआवजा देकर छुट्टी पा ली जाती है।
प्रश्नकाल में बालेश्वर साहू का सवाल था कि जिला सक्ती के ग्राम उच्चपिंडा आर.के.एम. पॉवरजेंन पॉवर प्लांट व ग्राम बड़ाहरदा डी.बी. पॉवर लिमिटेड उद्योगों के संबंध में विगत 3 वर्षों में कब, किसके द्वारा, किसको एवं क्या शिकायत की गई है? इन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? जांच में कौन-कौन दोषी पाया गया तथा उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? इन उद्योगों में दुर्घटनाओं में कितनी मृत्यु हुई तथा कितने घायल हुए ? इस संबंध में कितना मुआवजा दिया गया व कितना शेष है। मुआवजा के लिये शासन के क्या नियम व निर्देश हैं? वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन की ओर से जवाब आया कि सक्ती जिला के ग्राम उच्चपिण्डा मेसर्स आर. के. एम. पावरजेन प्लांट व ग्राम बाड़ादहरा मेसर्स डीबी पावर लिमिटेड उद्योगों के संबंध में विगत 3 वर्ष में की गई शिकायत और इन शिकायतों पर की गयी कार्यवाही तथा जांच के संबंध में कार्यालय श्रम पदाधिकारी, जिला- जांजगीर-चांपा से प्राप्त जानकारी अनुसार कुल 5 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। सहायक संचालक, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, जिला जांजगीर-चांपा व्दारा भी उक्त इकाईयों का, मुख्यालय के निर्देश एवं समय-समय पर औचक निरीक्षण किया गया है। अनियमितता पर कार्यवाही की गई है। सहायक संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, जिला जांजगीर-चांपा से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नांक “क” की अवधि में मेसर्स आर. के. एम. पावरजेन प्रा. लिग्राम उच्चपिण्डा जिला-सक्ती (छ.ग.) एवं मेसर्स डी. बी. पावर लिमिटेड ग्राम बड़ादरहा पोस्ट- कंवली तहसील डभरा जिला-सक्ती (छ.ग.) में हुई दुर्घटना में किसी श्रमिक की मृत्यु नहीं हुई है। मेसर्स आर. के. एम पावरजेन प्रा. लि. में दुर्घटना में 3 श्रमिक एवं मेसर्स डी. बी. पावर लिमिटेड में दुर्घटना में 1 श्रमिक घायल हुए हैं। इस प्रकार कुल घायल श्रमिकों की संख्या 4 है। 4 घायल श्रमिकों में से 1 श्रमिक की स्थायी अंग हानि हुई है। उक्त श्रमिक ईएसआईसी के तहत पंजीकृत है। ईएसआईसी व्दारा दुर्घटना प्रकरण को रोजगार चोट के रूप में स्वीकृत कर लिया गया है। राशि निर्धारण हेतु लंबित है। अन्य 3 श्रमिकों की स्थायी अंग हानि नहीं हुई है। घायल श्रमिकों को स्थायी क्षति नहीं होने के कारण कोई मुआवजा राशि देय नहीं है। कारखाने में घटी दुर्घटना में श्रमिक की मृत्यु या स्थायी अंग हानि होने पर श्रमिक ईएसआईसी के तहत पंजीकृत है तो ईएसआईसी द्वारा मुआवजा/पेंशन देने का प्रावधान है। श्रमिक ईएसआईसी में पंजीकृत नहीं होने पर कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम, 1923 के प्रावधानानुसार मुआवजे का प्रावधान है।
बालेश्वर साहू ने कहा कि हाल ही में प्लांट में अवैध रूप से डंपिंग के दौरान हुई दुर्घटना में घायल व्यक्ति को मात्र 25 हजार रुपय़े तहसीलदार व्दारा थमा दिए गए। दोषी व्यक्ति पर आज तक कार्यवाही नहीं हुई। मंत्री ने कहा कि 4 दुर्घटनाएं हुईं थीं, जिनमें पर्याप्त मुआवजा राशि दी गई। साहू ने कहा कि 3 वर्ष पुरानी दुर्घटना है जिसकी जांच के लिए आज तक किसी अधिकारी का नाम तय नहीं हुआ। आलम यह है कि 18-22-24 चक्के वाले वाहन छोटी सड़कों से होते हुए प्लांट आना जाना करते रहते हैं। इनसे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। कोई दुर्घटना हो जाए तो मात्र 25 हजार मुआवजा थमा दिया जाता है। लिखकर देने के बाद भी दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती।