मिसाल न्यूज़
रायपुर। वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कोल ब्लॉक आबंटन को लेकर कांग्रेस पार्टी और भूपेश बघेल के झूठ का पर्दाफाश हो गया है। कांग्रेस चोरी और सीनाजोरी का उदाहरण बार-बार प्रस्तुत करती रही है। कांग्रेस के शासनकाल में पाँच वर्ष तक छत्तीसगढ़ दस जनपथ का चारागाह बने रहा था।
एकात्म परिसर में आज पत्रकार वार्ता में मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि शराब घोटाले, कोयला घोटाले, चावल घोटाले, गोठान घोटाले से लेकर पीएससी घोटाले तक में प्रदेश के संसाधनों को जमकर लूट हुई। आज इन घोटालों के आरोपी एक एक कर नप रहे हैं। सभी जेल जा रहे हैं। बेवजह जिस तरह अपराधियों के विरुद्ध हो रही कानून सम्मत कार्रवाई को कहीं और मोड़ा जा रहा है, वह दुर्भाग्यजनक और कांग्रेस में हिप्पोक्रेसी का सबसे बड़ा नमूना है। जब भी सभी कॉल ब्लॉक आवंटन और पेड़ कटाई आदि पर सवाल उठते थे, तो दस जनपथ के दबाव में सीधे तौर पर भूपेश बघेल बचाव में आ जाते थे। कहते थे कि कोल ब्लॉक आवंटन का विरोध करने वाले अपने-अपने घरों की बिजली बंद कर दें। सवाल यह है कि अब जब झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा कर भूपेश जी अपनी कालिख धोने की कोशिश कर रहे हैं, तो क्या वह अपने घर और राजीव भवन की बिजली बंद करेंगे?
कश्यप ने कहा कि यह तथ्य है कि न केवल भूपेश बघेल ने कोल ब्लॉक अशोक गहलोत को आवंटित किया था, बल्कि उससे पहले भी मनमोहन सिंह सरकार के समय में तमाम नियमों को धत्ता बताते हुए छत्तीसगढ़ के कोल ब्लॉक आवंटन की राह आसान की गई थी। साल 2010 में केन्द्र में काँग्रेस की सरकार थी, तब कोयला मंत्रालय और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा हसदेव अरण्य को पूरी तरह से नो-गो जोन घोषित किया गया था। उसे कांग्रेस नीत सरकार के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने ही सबसे पहले गो एरिया घोषित किया था। 23 जून 2011 को केन्द्र में कांग्रेस की सरकार रहते ही तारा परसा ईस्ट और कांटे बेसन कोल ब्लॉक को खोलने का प्रस्ताव दिया गया। जब छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी, उस वक्त अडानी को दो बड़ी खदानों गारे पेलमा सेक्टर-2 और राजस्थान में केते एक्सटेंशन ब्लॉक का ऑपरेटर बनाया गया। इसी तरह बघेल जी के मुख्यमंत्री कार्यकाल में ही 16 अक्टूबर 2019 को राज्य सरकार ने पर्यावरण स्वीकृति के लिए सिफारिश भेजी थी। 31 मार्च 2021 को ओपन कास्ट गारे पेलमा सेक्टर-2, मांड-रायगढ़ कोलफील्ड के लिए हुआ समझौता भी सबके सामने है। इसी क्रम में 19 अप्रैल 2022 को बघेल जी के मुख्यमंत्री रहते में कांग्रेस सरकार द्वारा वन स्वीकृति स्टेज-1 और 23 जनवरी 2023 को वन स्वीकृति स्टेज-2 के लिए सिफारिश भेजी गई। 25 मार्च 2022 को भूपेश सरकार ने राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार के रहते राजस्थान को कोल माइंस का आबंटन किया था।
कश्यप ने कहा कि भाजपा की ओर से कांग्रेस के लिए सवाल है कि क्या वह मनमोहन सिंह सरकार के समय हुए निर्णयों के लिए आज माफ़ी मांगेंगी? क्या भूपेश बघेल यह घोषणा करेंगे कि अब कांग्रेस कभी बिजली का उपयोग नहीं करेगी, क्योंकि स्वयं यह कह चुके हैं कि विरोध करने वाले अपने घर की बिजली बंद कर दें। क्या कांग्रेस हर अपराधी के पक्ष में ऐसे ही खड़ी होगी, जैसे आज पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे के लिए हुई है?
पत्रकार वार्ता में भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं नान अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव, पूर्व विधायक एवं छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम अध्यक्ष सौरभ सिंह, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, आलोक सिंह एवं सोशल मीडिया संयोजक सोमेश पांडेय मौजूद थे।