मिसाल न्यूज़
नई दिल्ली। रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में छत्तीसगढ़ समेत देश भर में पशु क्रूरता के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने पशुपालन, मत्स्यपालन और डेयरी मंत्रालय से इस संबंध में व्यापक जानकारी मांगी और पशु कल्याण संगठनों की पारदर्शिता और कार्यक्षमता पर भी सवाल उठाए। जिसपर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने बताया कि भारतीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड (AWBI) ने अब तक देश भर में 3 हजार 587 पशु कल्याण संगठनों को मान्यता दी है, जिनमें से केवल 945 संगठन नीति आयोग के दर्पण पोर्टल पर पंजीकृत हैं। मान्यता प्रक्रिया में पारदर्शिता और तीन वर्षों का सक्रिय कार्य अनुभव अनिवार्य किया गया है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि “देश में आज भी हजारों जानवर उपेक्षा, अत्याचार और लापरवाही का शिकार हो रहे हैं। पशु कल्याण की योजनाएं हैं, लेकिन उनका प्रभाव ज़मीन पर दिखे, यह सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।” सरकार की ओर से जवाब आया कि पिछले पांच वर्षों में AWBI द्वारा कई योजनाएं संचालित की गईं, जिनमें पशु आश्रयों के लिए नियमित अनुदान, पशुओं के लिए एंबुलेंस सेवा, आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण,प्राकृतिक आपदाओं में पशुओं के लिए राहत योजनाएं, बड़े और छोटे पशु आश्रय गृहों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता शामिल हैं। पिछले पांच वर्षों में देश भर से 4 हजार 939 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से छत्तीसगढ़ से केवल 20 शिकायतों का समाधान किया गया। इस आंकड़े को देखकर अग्रवाल ने राज्य में जन जागरूकता की कमी और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में पशुओं को पूज्य स्थान प्राप्त है, लेकिन व्यवहार में उन्हें जो पीड़ा मिल रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। केवल योजनाओं और पोर्टलों से नहीं, जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन और संवेदनशील प्रशासन की ज़रूरत है।

