मिसाल न्यूज़
रायपुर। “दिव्यांगता कोई कमी नहीं, बल्कि एक विशेष सामर्थ्य है” — इसी सोच को साकार कर रहे हैं रायपुर ज़िले के वे विशेष बच्चे, जो अपनी कला और संगीत के माध्यम से समाज को एक नई दिशा दे रहे हैं। इन बच्चों की प्रतिभा को मंच देने के उद्देश्य से चल रहे “दिव्य धुन” प्रोजेक्ट के तहत अब ये 14 बच्चे राज्य के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन चक्रधर महोत्सव, रायगढ़ में बैंड प्रस्तुति देने जा रहे हैं। साथ ही कला केंद्र के 9 विद्यार्थी गायन, बैंजो, तबला वादन सहित अन्य विधाओं में प्रस्तुति देंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश और कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन में संचालित इस पहल के अंतर्गत बच्चों को कला केंद्र, रायपुर में गायन तथा तबला, गिटार, ढोलक, हारमोनियम सहित अन्य वाद्य यंत्रों का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लगातार अभ्यास, मार्गदर्शन और आत्मविश्वास से भरपूर ये बाल कलाकार अब मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। महोत्सव में रवाना होने से पूर्व कलेक्टर डॉ. सिंह ने इन बच्चों से मुलाकात कर उन्हें ढेरों शुभकामनाएं दीं और उनकी लगन व साहस की सराहना की। इसके उपरांत बच्चों के समूह को रायगढ़ के लिए रवाना किया।
प्रशिक्षण से गुजरते इन बच्चों के जीवन में संगीत एक नई आशा बनकर उभरा है। उनके चेहरे की मुस्कान और आत्मविश्वास की चमक यह दर्शाती है कि उन्होंने न सिर्फ हुनर सीखा है, बल्कि खुद की पहचान भी पाई है। इस अवसर पर जिला रोजगार अधिकारी केदार पटेल उपस्थित रहे।