मिसाल न्यूज़
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आरोप लगाया कि जब से नरेन्द्र मोदी की भाजपा सरकार बनी है सूचना का अधिकार कानून को कमजोर करने की साजिश रची गई। 2019 में एक संशोधन करके इस कानून की स्वतंत्रता को कमजोर किया गया। इस कानून पर कार्यपालिका के प्रभाव को बढ़ा दिया गया है।
राजीव भवन में आज पत्रकार वार्ता में दीपक बैज ने कहा कि 2023 – डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम और धारा 44 (3) लागू कर डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम ने आरटीआई की धारा 8 (1) (र) में संशोधन किया। व्यक्तिगत जानकारी की परिभाषा का दायरा बहुत बढ़ा दिया गया। पहले, व्यक्तिगत जानकारी जनहित में होने पर उजागर की जा सकती थी, लेकिन अब संशोधित प्रावधान कहता है- कोई भी ऐसी जानकारी जो व्यक्तिगत जानकारी से संबंधित हो, प्रकट नहीं की जाएगी। इससे सार्वजनिक कर्तव्यों या सार्वजनिक धन के उपयोग से संबंधित जानकारी का खुलासा भी रोका जा सकता है, जो आरटीआई के पारदर्शिता सिद्धांत के विरुद्ध है। पसर्नल डाटा प्रोटक्शन अधिनियम के लागू होने के बाद महत्वपूर्ण सार्वजनिक डेटा को “निजी“ मानकर मतदाता सूची, व्यय विवरण या अन्य जनहित से जुड़ी सूचनाओं की सूचना देने से इनकार का रास्ता खोल देता है। जबकि इसी कानून से एमपी फंड मनरेगा की फर्जीवाड़ा तथा राजनैतिक दलो की फंड की गड़बड़ियां उजागर हुई थीं।
बैज ने कहा कि केन्द्रीय सूचना आयोग एवं राज्य सूचना आयोग में खाली पद नहीं भरे जा रहे। देश के सूचना आयोग में 11 स्वीकृत पदों के मुकाबले केवल दो पद भरे हैं शेष पद खाली हैं। छत्तीसगढ़ सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त एवं तीन सूचना आयुक्त के पद हैं, लेकिन दो सालो से वहां मुख्य का पद खाली है तथा दो सदस्य आयुक्त के पद रिक्त हैं। राज्य सूचना आयोग में केवल 1 सदस्य आयुक्त ही कार्यरत है।
बैज ने कहा कि आज देश में आम आदमी को सशक्त बनाने वाले महत्वपूर्ण कानून सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून को लागू हुए 20 वर्ष पूरे हो गए। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और यूपीए चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व में आज ही के दिन 12 अक्टूबर 2005 को कांग्रेस के नेतृत्व वाली मनमोहन सिंह सरकार ने देश में सूचना के अधिकार का कानून लागू किया था। मनमोहन सिंह सरकार ने देश को जो महत्वपूर्ण कानून दिए उनमें से सूचना का अधिकार पहला था। इसके साथ ही मनरेगा (2005), वन अधिकार अधिनियम (2006), शिक्षा का अधिकार (2009), भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा का अधिकार अधिनियम (2013) और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013) जैसे कानून बनाये गए।
उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार का उपयोग करने वाले व्हिसल ब्लोअर्स पर हमले हो रहे हैं। उनको सुरक्षा नहीं दी जा रही है। व्हिसल ब्लोअर्स प्रोटक्शन मनमोहन सरकार ने दोनों सदनों में पारित कराया था, लेकिन मोदी सरकार ने लागू नहीं किया। भोपाल की कार्यकर्ता और पर्यावरण विद् शहला मसूद, जो अवैध खनन को उजागर करती थीं, उनकी घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले की सीबीआई जांच में पाया गया कि आरोपियों में एक इंटीरियर डिज़ाइनर भी शामिल था। सतीश शेट्टी, जो भूमि घोटालों को उजागर करने के लिए जाने जाते थे, उनकी सुबह की सैर के दौरान धारदार हथियारों से हमला कर हत्या कर दी गई। सीबीआई जांच में इसमें रियल एस्टेट माफिया की संलिप्तता सामने आई। ऐसे मामले इस बात की भयावह याद दिलाते हैं कि आरटीआई कार्यकर्ताओं को कितने खतरों का सामना करना पड़ता है। अनेक कार्यकर्ता और नागरिक जो आरटीआई का उपयोग करते हैं, उन्हें उत्पीड़न, धमकियों और हमलों का शिकार होना पड़ा है।
बैज ने कहा कि कांग्रेस मांग करती है कि 2019 के संशोधनों को निरस्त कर सूचना आयोगों की स्वतंत्रता बहाल की जाए और आयुक्तों के लिए 5 वर्ष का निश्चित कार्यकाल व सुरक्षित सेवा शर्तें सुनिश्चित की जाएं। डीपीडीपी अधिनियम की उन धाराओं (धारा 44(3)) की समीक्षा व संशोधन किया जाए जो आरटीआई के जनहित उद्देश्य को कमज़ोर करती हैं। केंद्र और राज्य आयोगों में सभी रिक्तियाँ पारदर्शी व समयबद्ध प्रक्रिया के माध्यम से तुरंत भरी जाएं। आयोगों के लिए कार्य निष्पादन मानक तय किए जाएं और निपटान दर की सार्वजनिक रिपोर्टिंग अनिवार्य की जाए। व्हिसल ब्लोअर प्रोटेक्शन अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू कर आरटीआई उपयोगकर्ताओं और व्हिसल ब्लोअर को सशक्त सुरक्षा प्रदान की जाए। आयोगों में विविधता सुनिश्चित की जाए और पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, शिक्षा विदों और महिला प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मंत्रीगण सत्यनारायण शर्मा, मोहम्मद अकबर, डॉ. शिव कुमार डहरिया, पूर्व सांसद छाया वर्मा, प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेन्द्र तिवारी, गिरीश देवांगन, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, महामंत्री सकलेन कामदार, प्रवक्तागण धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, घनश्याम राजू तिवारी, डॉ. अजय साहू, नितिन भंसाली एवं अजय गंगवानी उपस्थित थे।