मिसाल न्यूज़
जाने-माने ड्रामा एवं फ़िल्म आर्टिस्ट विनायक अग्रवाल छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘हंडा’ में एक ख़ास किरदार में नज़र आएंगे। अपने किरदार को लेकर अग्रवाल काफ़ी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि ‘हंडा’ जैसा रोल मैंने अपने फ़िल्मी करियर में पहले कभी नहीं किया। यह फ़िल्म आपको हॅसा-हॅसाकर लोटपोट कर देगी। ‘हंडा’ 5 जुलाई को रिलीज़ होने जा रही है।
‘मिसाल न्यूज़’ से बातचीत के दौरान विनायक अग्रवाल ने कहा कि “हंडा फिल्म में मैंने किशुन का रोल किया है। इस पात्र के इर्द-गिर्द ही फिल्म की कहानी घूमती है। किशुन अपाहिज है और अपने नौकर रमऊ के सहयोग से व्हील चेयर पर आना जाना करता है। किशुन को किसी खजाने की तलाश है। उसी गांव का ठाकुर भी ख़ज़ाने की तलाश में लगे रहता है। किशुन के परिवार और ठाकुर परिवार में आपस में दुश्मनी रहती है। दोनों में होड़ लगी रहती है कि किसी भी तरीके से हंडा उन्हें हासिल हो सके। इस कथानक को निर्देशक एवं हीरो अमलेश नागेश ने अपनी बेहतरीन कल्पनाशीलता के आधार पर फ़िल्माया है। फिल्म बहुत ही खूबसूरत और रोचक बन पड़ी है। भरपूर कॉमेडी है। ‘हंडा’ को पथरीले रास्ते, बीहड़ जंगल, नदी, पहाड़ एवं दुर्गम स्थलों पर फ़िल्माया गया है। शूटिंग के दौरान दुर्घटना का खतरा बने रहता था। ख़ास तौर पर मुझे गिरने या चोट लगने का सबसे ज़्यादा डर बने रहता था। परंतु निर्देशक की सूझ बूझ व सतर्कता तथा कलाकारों के अथक परिश्रम एवं सावधानीपूर्ण तरीके से काम करने की वज़ह से बगैर किसी दुर्घटना के शूटिंग पूरी हो गई। सभी कलाकार बहुत मेहनत किए हैं। पूरे शूट के दौरान मैं अमलेश नागेश के गांव वाले घर पर रहा। मुझे उनके परिवार से बहुत सम्मान मिला। अमलेश नागेश ने किसी भी प्रकार की कोई चीज की कमी नहीं होने दी।“
विनायक अग्रवाल आगे कहते हैं- “एक और बात जो मैं विशेष रूप से कहना चाहूंगा कि अपने पूरे फ़िल्मी करियर में इतना महत्वपूर्ण रोल मुझे पहले कभी नहीं मिला। इसके लिए मैं प्रोड्यूसर मोहित साहू जी का आभारी हूं। साथ ही इस फ़िल्म की कास्टिंग के लिए सत्यम सोनी उर्फ बॉबी का भी आभार, जिन्होंने मुझे फोन के माध्यम से ऐसा महत्वपूर्ण रोल ऑफर किया।“
आप बहुत से निर्देशकों के साथ काम कर चुके हैं, अमलेश नागेश के निर्देशन में काम करने का अनुभव कैसा रहा, इस सवाल पर विनायक अग्रवाल कहते हैं- “अमलेश काफ़ी टैलेंटेड हैं। एक्टर के रूप में तो वह चर्चित हैं ही, ‘हंडा’ के साथ वे अपनी शानदार निर्देशकीय पारी शुरु कर चुके हैं। उन्होंने सभी कलाकारों से उनकी क्षमता के अनुसार बेहतर काम लिया है। पूरी ईमानदारी के साथ एक अच्छी फ़िल्म बनाने की कोशिश की है।” अग्रवाल कहते हैं- “जिस तरह ‘हंडा’ के गानों ने सफलता का इतिहास रचा है वैसे ही पूरी फ़िल्म भी सफलता का एक नया इतिहास रचेगी।“