मिसाल न्यूज़
रायपुर। वरिष्ठ पत्रकार एवं भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ प्रदेश अध्यक्ष नितिन चौबे के आकस्मिक निधन पर रायपुर प्रेस क्लब में आज शोक सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश महासचिव गंगेश द्विवेदी ने कहा कि दिवंगत प्रदेश अध्यक्ष नितिन जी के साथ उनके सपनों को हम मिलकर जी रहे थे। उनकी सोच थी कि जिस भी व्यक्ति की आजीविका का साधन समाचार जगत से जुड़ा है, वह हमारा भाई है। उसके व उसके परिवार के सुख-दुख में हमें नि:स्वा,र्थ भाव से शामिल होना है। इस कार्य में हम सब मिलकर लगातार प्रयासरत रहे। उनके इन सपनों को भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ आगे बढ़ाएगा।
शोकसभा में स्व. नितिन चौबे के पिता आर.के. चौबे, उनके अन्य परिजन तथा राजधानी के प्रमुख पत्रकार शामिल हुए। गंगेश द्विवेदी ने कहा कि नितिन जी ने पत्रकारिता ओढ़ ली थी। पत्रकारों को वे अपनी जमात मानते थे। कई आयोजनों में उन्होंने इस बात का जिक्र किया था। जाति, धर्म, भाषा, लिंग आदि के भेद से परे पत्रकारिता ही उनकी जमात थी। हम सौभाग्यनशाली हैं कि विगत दो वर्षों से हम उनके साथ इसी आदर्श को जी रहे थे। हम संगठन के सभी साथी कंधे से कंधा मिलाकर उनकी एक आवाज में उनके निर्देशों को मानने के लिए तैयार रहते थे।
बीएसपीएस के प्रदेश उपाध्यक्ष सुखनंदन बंजारे ने नितिन चौबे के साथ अपनी यादों को शेयर किया। उन्होंने बताया कि भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने राष्ट्रीय सम्मेलन फिलहाल स्थगित कर दिया है। अगली तिथि की घोषणा शीघ्र की जाएगी। चौबे की तेरहवीं के दिन यानी 17 अक्टूबर को भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी भी आएगी। इस अवसर पर बीएसपीएस की ओर से प्रेस क्लब रायपुर के सभागार में संगठन की ओर से शोकसभा का आयोजन किया जाएगा।
प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष बृजेश चौबे ने कहा कि नितिन चौबे ने पिछले दो वर्षों में भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ की नींव मजबूत की। अपने संगठन के माध्यम से पत्रकार साथियों के हृदय में जगह बनाई थी। पत्रकारिता से जुड़े अन्य साथियों के लिए भी वे हमेशा सहयोग के लिए तैयार रहते थे। संगठन की ओर से राशि देने की परंपरा शुरू की थी। मुश्किल घड़ी में छोटी सी मदद भी काफी होती है। यह परंपरा संगठन के पदाधिकारी जारी रखेंगे यह अपेक्षा है।
प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने कहा कि मेरे प्रेस क्लब अध्यक्ष बनने में नितिन भैया की महत्वपूर्ण भूमिका थी। वे लगातार मार्गदर्शन देते थे। 4 अक्टूबर को सुबह साढ़े दस बजे अंतिम बार नितिन जी से बात हुई थी। उस दिन प्रेस क्लब का एक आयोजन था। नितिन भैया ने व्यस्तता के चलते कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाने की बात कही थी। कुछ घंटे बाद ही उनके जाने की खबर आई तो सहसा किसी को भरोसा नहीं हुआ। उनके साथ मिलकर कई योजनाओं पर बात होती रहती थी।
प्रेस क्लब के महासचिव वैभव शिव पांडेय ने कहा कि नितिन भैया से मेरा भावनात्मक रिश्ता था। हमेशा मुस्कराकर मिलते थे, लेकिन पत्रकारिता को लेकर खासे गंभीर थे। अपने से छोटों से स्नेह करते थे। 4 अक्टूबर को जब उनके आकस्मिक निधन की जानकारी मिली तो मैं अस्पताल पहुंचा। उन्हें देखकर मैं अपने आसूंओं को रोक नहीं पाया।
शोकसभा में न्यूज 24 के संपादक मनोज बघेल, टीआरपी के संपादक उचित शर्मा, स्वराज एक्सप्रेस के प्रमुख अंशुमान शर्मा, मिसाल मैगजीन व डिजिटल मीडिया के प्रमुख अनिरुद्ध दुबे, अनिल पवार तथा पत्रकार दिलीप साहू ने भी चौबे से जुड़े अपने संस्मरण साझा किए। इस अवसर पर प्रेस क्लब कोषाध्याक्ष रमन हलवाई, संयुक्त सचिव तृप्ति सोनी, अरविंद सोनवानी, बीएसपीएस के प्रदेश सचिव कमलेश राजपूत, जावेद अली जैदी, कोआर्डिनेटर पवन सिंह ठाकुर, विक्की पंजवानी, संयुक्त सचिव संतोष महानंद, कार्यकारिणी सदस्य ओमप्रकाश चंद्राकर, शिव शंकर पांडे, जिला महासचिव नदीम मेमन, उपाध्यक्ष शुभम वर्मा, कोषाध्यक्ष अमित बाघ, कोआर्डिनेटर लविंदर सिंह सिंघोत्रा, तजीन नाज़, सचिव अंबिका मिश्रा, खुशबू ठाकरे, अली अहमद, अजय सिंह रघुवंशी, प्रवक्ता सिद्धार्थ देव, प्रेम निर्मलकर, सुनील जायसवाल, अजय श्रीवास्तव, लल्लूराम डॉंट काम के संपादक आशीष तिवारी, गिरीश केशरवानी, मुकेश वर्मा, ठाकुरराम साहू, प्रदीप साहू, किसन लोखंडे सहित अन्य पत्रकार साथी मौजूद थे।