मिसाल न्यूज़
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कहा कि प्रदेश में लगातार जो हिंसक घटनाएं हो रही हैं उससे यह साबित हो जाता है कि कानून व्यवस्था तहस नहस हो चुकी है। आपराधिक घटनाओं को रोक पाना अब सरकार के बस की बात नहीं। बलरामपुर में महिलाओं ने पुलिस पर हमला किया। यह सरकार की अकर्मण्यता का नतीजा है। जनता को अब पुलिस और सरकार पर भरोसा नहीं रह गया है। ऐसी सरकार को तत्काल बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिये। लगातार हो रही घटनाओं के विरोध में कांग्रेस 3 नवंबर को प्रदेश के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन करेगी।
राजीव भवन में आज पत्रकार वार्ता में दीपक बैज ने कहा कि बलरामपुर में पुलिस की कस्टडी में एक युवक गुरुचरण मंडल की मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि गुरुचरण की मौत बाथरूम में फांसी लगाने से हुई। सारे तथ्य बताते हैं गुरुचरण की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। मृतक की पत्नी 29 सितंबर को लापता हो गई थी। गुरुचरण को उसके पिता के साथ पत्नी के लापता होने के संबंध में पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया गया था। मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने 4 दिनों तक गुरुचरण तथा उसके पिता को थाने बुलाया था तथा हिरासत में रखा था। पिता का ही कहना था कि पिछले 20 दिनों से मेरी बहू लापता है। मैं अपने बेटे के साथ तीन दिनों तक हिरासत में था। पुलिस ने हमें बेरहमी से पीटा। बलरामपुर पुलिस की वजह से मैंने अपने बेटे को खो दिया।
बैज ने सवाल उठाते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को पुलिस 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में नहीं रख सकती। गुरुचरण मंडल, उसके पिता तथा एक अन्य को चार दिनों तक थाने में हिरासत में क्यों रखा गया? 24 घंटे के भीतर कोर्ट में क्यों प्रस्तुत नहीं किया गया? मृतक के पास टॉवेल (तौलिया) कहां से आया, जबकि उसके पिता का कहना है उसके पास कोई टॉवेल नहीं था। मृतक के शरीर का पंचनामा परिजनों व परिचितों के सामने क्यों नहीं किया गया? मृतक के परिजन शव को दफनाने की मांग कर रहे थे, पुलिस जलाना क्यों चाहती थी? हालांकि बाद में दबाव के कारण दफनाया गया। मृतक के शव को थाने से अस्पताल ले जाते उसके पिता ने देखा लेकिन उसकी मौत की जानकारी थाने में उनको क्यों नहीं दी गई?
बैज ने कहा कि इस पूरे मामले की उच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच कराई जाए। इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक, एसडीओपी तथा टीआई की भूमिका संदिग्ध है, उन सबके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाये। मृतक के शरीर का डॉक्टरों का दल बनाकर फिर से पोस्टमार्टम कराया जाए। मृतक के परिवार को 1 करोड़ मुआवजा दिया जाए। प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था की नैतिक जिम्मेदारी लेकर मुख्यमंत्री इस्तीफा दें तथा गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाये।
बैज ने कहा कि जब जनता अपराधिक घटनाओं से त्रस्त होकर अपने जान-माल की सुरक्षा के लिए खुद सड़कों पर उतर जाये तथा राज्य में हालात अराजक हो जाएं तब ऐसी सरकार को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिये। पुलिस की अक्षमता और सरकार के अनिर्णय के कारण बलौदाबाजार में एसपी व कलेक्टर कार्यालय जला दिया गया। सूरजपुर में अपराधी के घर पर हमला करने गई भीड़ एसडीएम को पीटने दौड़ पड़ी। उन्हें भागकर जान बचानी पड़ी। कवर्धा में पुलिस से न्याय की उम्मीद छोड़ चुकी जनता ने एक व्यक्ति को उसके घर में जिंदा जला दिया। सीतापुर में पुलिस की लापरवाही के खिलाफ अपराधी पर कार्रवाई की मांग को लेकर जनता ने 24 घंटे चक्काजाम कर दिया था। तब कहीं जाकर पुलिस ने कार्रवाई की थी।

