मिसाल न्यूज़
छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘बेटा’ में प्रशांत विश्वास खलनायकी करते नज़र आएंगे। लंबे समय बाद प्रशांत का रुपहले पर्दे पर वापस लौटना हो रहा है। देखा जाए तो एक्टर तो वे 24 साल पुराने हैं। ‘बेटा’ 22 नवंबर को छत्तीसगढ़ के सिंगल स्क्रीन एवं मल्टीप्लेक्स में रिलीज़ होने जा रही है।

‘मिसाल न्यूज़’ से बातचीत के दौरान प्रशांत विश्वास ने बताया कि “बेटा में बुरे इंसान का किरदार निभाना अच्छा लगा। वैसे भी कलाकार को किसी ख़ास इमेज़ में बंधकर नहीं रहना चाहिए। ‘बेटा’ में हीरो पुमंग राज के साथ मेरा ज़ोरदार फाइट सीन है।“ लंबे गेप के बाद आप किसी फ़िल्म में नज़र आते हैं, ‘बेटा’ से कैसे जुड़ना हुआ, यह पूछने पर प्रशांत कहते हैं- “पुमंग के पिता चंद्रशेखर चकोर जो ‘बेटा’ के प्रोड्यूसर, डायरेक्टर एवं एक्टर तीनों हैं, मेरे थियेटर के दिनों के साथी हैं। ड्रामे के दौरान हमारा परिचय हुआ था। ‘बेटा’ से पहले मैंने चकोर जी की फ़िल्म ‘चक्कर गुरुजी के’ भी की थी।“ ड्रामे वाला वह दौर कब रहा था, पूछने पर प्रशांत बताते हैं- “फ़िल्मों में आने से काफ़ी पहले मैं दूरदर्शन की टेली फ़िल्मों में रोल करते रहा था। मिर्ज़ा मसूद सर एवं कुंज बिहारी शर्मा सर जैसे नाट्य निर्देशकों के साथ मैंने ड्रामा किया। ‘शहंशाह एडिपस’ एवं ‘मोटेराम का सत्याग्रह’ ड्रामे में मेरा अहम् किरदार था।“ फ़िल्मों में कब इंट्री हुई, इस सवाल पर प्रशांत बताते हैं “मोर छंइहा भुंईया पार्ट-1 में मैंने शेखर सोनी के दोस्त का रोल किया था। इसके अलावा ‘लेड़गा नंबर वन’, ‘परदेसी के मया’, ‘तोर मया के मारे’ एवं ‘रंग रंगीले’ फ़िल्में की। पारिवारिक ज़िम्मेदारियां इस कदर हावी रहीं कि सिनेमा करने में गेप होते रहा। अब कोशिश यही रहेगी कि गेप न हो और एक के बाद एक फ़िल्में करते रहूं।“
फ़िल्मों के अलावा और क्या शौक है, इस सवाल पर प्रशांत कहते हैं- “ 50 की उम्र हो गई, रोज़ सुबह-सुबह दौड़ लगाने का शौक है। मेरी मां कहा करती थी, सुबह का हवा लाखों का दवा।“

