मिसाल न्यूज़
रायपुर। छेरकाबांधा कोटा में स्थित वेलकम डिस्टलरी से होने वाले प्रदूषण का मामला आज विधानसभा में उठा। कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि डिस्टलरी के प्रदूषण से कई एकड़ों में लगी फसलें बरबाद हो रही हैं। फैक्ट्री का दूषित पानी अरपा नदी में जाकर मिल रहा है।
प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव का सवाल था कि वेलकम डिस्टलरी छेरकाबांधा कोटा को पर्यावरण अनुमति कब प्रदान की गई है? अनुमति की शर्तें क्या-क्या हैं? इस डिस्टलरी के विरूध्द विगत 2 वर्षों में कब और किसके द्वारा क्या-क्या शिकायत प्राप्त हुई? उक्त प्राप्त शिकायत के विरूध्द पर्यावरण विभाग द्वारा कब-कब जांच की गई? जांच में क्या पाया गया है और क्या कार्यवाही की गई है?
आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओ. पी. चौधरी की ओर से जवाब आया कि भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली व्दारा मेसर्स वेलकम डिस्टलरीज़ प्राईवेट लिमिटेड को 10 मार्च 2004 को पर्यावरणीय स्वीकृति जारी की गई। उक्त पर्यावरणीय स्वीकृति में चिमनी से उत्सर्जन एवं उपचारित दूषित की गुणवत्ता निर्धारित मानक के अनुरूप रखने, स्पेंटवाश का बायो मिथेनेशन डाईजेस्टर, एक्टिवेड स्लज प्रोसेस एवं कम्पोटिंग के माध्यम से उपचारित कर उपयोग किये जाने, जल एवं मृदा गुणवत्ता का परिमापन आदि शर्तें निहित हैं। अटल श्रीवास्तव ने कहा कि डिस्टलरी से निकलने वाली जहरीली गैस से प्रभावित आसपास के गांव वालों ने चुनाव बहिष्कार तक की चेतावनी दी थी। डिस्टलरी से होने वाले प्रदूषण से 35 से 40 किलोमीटर तक का एरिया प्रभावित है। पास में ही स्कूल है। दुर्गंध से बच्चों को उल्टियां होने तक की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। फैक्ट्री से निकलने वाले वेस्टेज को आसपास के खेतों में डाल दिए जाने की अलग शिकायतें मिल रही हैं। दोषी लोगों के खिलाफ क्या कार्यवाही करेंगे? मंत्री चौधरी ने कहा कि पीपरतराई एवं पिथर्रा गांव से शिकायतें मिली थीं। अलग-अलग समय पर तीन बार क्रमशः 3 लाख 90 हजार, 9 लाख फिर 9 लाख की पैनाल्टी ठोंकी जा चुकी है। श्रीवास्तव ने कहा कि क्या पैनाल्टी लगाने से समाधान निकल आएगा। सैकड़ों एकड़ खेतों में फसल बरबाद हो रही उसका क्या। चौधरी ने कहा कि यह पैनाल्टी एक ही वित्तीय वर्ष में 3 बार लगाई गई है। जब-जब शिकायत मिली जांच कराई गई है। श्रीवास्तव ने कहा यहां तक कि डिस्टलरी का प्रदूषित जल लपेर नाला में बहाया जा रहा है जो कि अरपा नदी में जाकर मिल जा रहा है।