मिसाल न्यूज़
10 जनवरी को पूरे छत्तीसगढ़ में रिलीज़ होने जा रही छत्तीसगढ़ी फ़िल्म ‘सुकवा’ में जाने-माने चरित्र अभिनेता संजय महानंद एक अहम् किरदार में नज़र आएंगे। संजय महानंद कहते हैं- “मुझे इस बात की खुशी है कि मैंने ‘सुकवा’ में छोटे चंद्राकर वाला एक बेहतरीन रोल निभाया है। मुझे पूरा यक़ीन है कि जब लोग सिनेमा हॉल में ‘सुकवा’ देखेंगे छोटे चंद्राकर से जरूर प्रभावित होंगे। दर्शकों को छोटे चंद्राकर से 100% मनोरंजन का डोज़ मिलने वाला है।“

‘सुकवा’ के निर्माता गजेन्द्र श्रीवास्तव एवं निर्देशक मनोज वर्मा (भूलन द मेज़ फेम) हैं। ‘मिसाल न्यूज़’ से बातचीत करते हुए संजय महानंद ने कहा कि “सुकवा में मेरा किरदार गांव वाले दाऊ का है, जिसे नेगेटिव करैक्टर मान सकते हैं। पूर्व में मेरी एक सुपरहिट फिल्म ‘मया’ ने मुझे रेमटा नाम से लोकप्रिय बना दिया था। पूरा यक़ीन है कि ‘सुकवा’ के बाद से दर्शक मुझे छोटे चंद्राकर नाम से जानने लगेंगे। ‘सुकवा’ की कहानी लीक से हटकर है। मुझे पूरी उम्मीद है कि ‘भूलन द मेज़’ के बाद नेशनल अवॉर्ड विनिंग डायरेक्टर मनोज वर्मा जी की ‘सुकवा’ एक ज़बरदस्त हिट फ़िल्म साबित होगी। ‘सुकवा’ लीक से हटकर एक अलग तरह की कहानी है। बहुत हार्ट टचिंग। मनोरंजन से भरपूर लव स्टोरी। मधुर गीत संगीत और सीजी के नामचीन कलाकारों से सजी ये फ़िल्म दर्शकों को बहुत पसंद आयेगी। पोस्टर और ट्रेलर देखकर लगता है ‘सुकवा’ मानो हॉरर फिल्म हो। इसे हॉरर नहीं कह सकते। इसमें बड़ा मैसेज होने के साथ दर्शकों को पूरे समय तक सिनेमा हॉल में बांधे रखने भरपूर मसाला है। इस फ़िल्म से मैंने नया अनुभव अर्जित किया। वैसे भी मनोज जी मेरे प्रिय डायरेक्टरों में से एक हैं। मनोज जी की हर फ़िल्म में संजय महानंद के लिए जगह होती है, यह मेरी खुशकिस्मती है।“
संजय महानंद आगे बताते हैं- “फ़िल्म में मन कुरैशी, दीक्षा जायसवाल, गरिमा दिवाकर, पुष्पेंद्र सिंह, क्रांति दीक्षित, विक्रम राज, विनय अंबष्ट, अंजली सिंह, मनोज जोशी, उपासना वैष्णव, शीतल शर्मा, अनुराधा दुबे, सुमित्रा साहू, पप्पू चंद्राकर, संतोष निषाद, हेमलाल कौशल, सेवक यादव, शिवराज सिंह, ओमी स्टाइलो जैसे धुरंधर कलाकार नज़र आएंगे। ‘सुकवा’ के गाने पहले ही हिट हो चुके हैं। “रानी के फुंदरा…”, “तोला जोगनी कहाँव…”, “नैना तोर बोले…”, “मोर प्रेम दीवानी रे…”, ये सभी गाने लोगों की ज़ुबान में रच बस गए हैं। संगीत सुनील सोनी का है। फ़िल्म में एक जस गीत भी है जिसे आप सीधे सिनेमा हॉल में देखेंगे और सुनेंगे। यह मेरा सबसे पसंदीदा गीत है।“
संजय महानंद
का फ़िल्मी सफ़र
संजय महानंद की पहली फ़िल्म ‘बनिहार’ थी, जिसका निर्माण 2001 में हुआ था। उसके बाद ‘भोला छत्तीसगढ़िया’, ‘झन भूलौ मां बाप ला’ से लेकर अब तक फ़िल्मों में इनकी अभिनय यात्रा जारी है। ‘मया’ एवं ‘लैला टीप टॉप छैला अंगूठा छाप’ में इनकी कॉमेडी जमकर सराही गई। ‘जवानी जिंदाबाद’ में इन्होंने 65 साल के बूढ़े का संजीदा रोल निभाया। ‘दूल्हे राजा’ में हास्य रस को जिया। अब तक क़रीब 70 छत्तीसगढ़ी फ़िल्में करने के अलावा इन्होंने बहुत सी भोजपुरी फ़िल्में भी की हैं।

“अपने सभी छत्तीसगढ़ी फ़िल्मों के दर्शकों से अपील करना चाहूंगा कि अब हमारी फिल्में भी राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा रही हैं। एक से बढ़कर एक फ़िल्मों का निर्माण यहां हो रहा है। प्लीज़ अपनी बोली, अपनी भाषा वाली छत्तीसगढ़ी फ़िल्मों को प्यार और आशीर्वाद देते रहें। छत्तीसगढ़ी फ़िल्में सिनेमा हॉल में ही जाकर देखें।“
- संजय महानंद

